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तमसा, बिसुही और मझुई नदियों ने अंबेडकरनगर के तीन तहसीलों में मचाई तबाही, धान की फसल जलमग्न

छिछली तलहटी वाली तमसा बिसुही मझुई नदी अयोध्या मंडल व सुलतानपुर जिले से अंबेडकरनगर में भीटी तहसील में दाखिल होती हैं। यह तीनों नदियां वर्ष के सात-आठ महीने सूखे के संकट से जूझती हैं। बारिश में यह नदियां रौद्र रूप धारण कर लेती हैं।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Tue, 21 Sep 2021 04:25 PM (IST)Updated: Wed, 22 Sep 2021 07:03 AM (IST)
तमसा, बिसुही और मझुई नदियों ने अंबेडकरनगर के तीन तहसीलों में मचाई तबाही, धान की फसल जलमग्न
भीटी और अकबरपुर तहसील के इलाके सर्वाधिक प्रभावित।

अंबेडकरनगर, संवाद सूत्र। भीटी, अकबरपुर व जलालपुर तहसीलों में तमसा, मझुई और बिसुही नदियों ने तबाही मचाई है। पिछले दिनों हुई मानसूनी बारिश के बाद इन नदियों का जलस्तर रोजाना बढ़ रहा है। तटीय गांवों में धान और गन्ने की फसल डूब गई हैं। पानी बहने से सड़क और रास्ते जगह-जगह कट गए हैं। कई गांवों का बाजारों, स्कूलों व अस्पतालों आदि स्थानों से संपर्क लगभग टूट गया है। महिलाओं का घर से बाहर निकलना बंद है। पशुओं के लिए चारे एवं दैनिक जरूरत को पूरा करने के लिए ग्रामीण जान जोखिम में डालकर बाढ़ के पानी से गुजर रहे हैं।

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बारिश का पानी समेटने में नाकाम: छिछली तलहटी वाली तमसा, बिसुही, मझुई नदी अयोध्या मंडल व सुलतानपुर जिले से अंबेडकरनगर में भीटी तहसील में दाखिल होती हैं। यह तीनों नदियां वर्ष के सात-आठ महीने सूखे के संकट से जूझती हैं। बारिश में यह नदियां रौद्र रूप धारण कर लेती हैं। इनकी तलहटी बारिश के पानी को समेटने में नाकाम होकर तटीय गांवों में तबाही का सबब बन जाती है। इन दिनों तीनों छोटी नदियों के उफान ने किसानों और आमजन को मुसीबत में डाला है।

मुसीबत में महिला शिक्षिकाएं और छात्र: स्कूलों व यहां तक आने वाले विभिन्न मार्गों समेत गांवों के बाहर पानी भरने से ब'चे एवं शिक्षक जान जोखिम में डालकर जाते दिख रहे हैं। सड़क व क'चे रास्तों पर घुटने बराबर पानी व इसके दोनों ओर गहरी खाईं से बड़ा हादसा होने का डर है। महिला शिक्षिकाओं के लिए बाढ़ के पानी में घुसकर स्कूल जाना बड़ी मुसीबत बना है। उधर, पानी भरने से जहरीले जंतु भी अकुलाकर इधर-उधर भाग रहे हैं। इनसे बच्‍चों को खतरा है।

भीटी के हालात बदतर: तमसा, बिसुही और मझुई तीनों नदियों के भीटी तहसील से होकर गुजरने से यहां के हालात सबसे बदतर हैं। 50 से अधिक प्रभावित गांवों में लाखों एकड़ धान एवं गन्ने की फसल बर्बादी के कगार पर है। इन गांवों के तमाम किसानों की संपूर्ण फसल बर्बाद हो रही है। अयोध्या जनपद की नगरपंचायत गोसाईंगंज बाजार से सेनपुर और भीटी बाजार के संपर्क मार्ग पर तमसा नदी की बाढ़ का पानी ऊपर से बह रहा है। सड़क और रास्ते कटने से आवागमन बाधित है। गांवों में जलभराव से महिलाएं घरों में कैद हैं। पशुओं के चारा का इंतजाम करने में किसान जान जोखिम में डालकर गुजर रहे हैं।

अकबरपुर में बाढ़ से मुसीबत : अकबरपुर तहसील में जिला मुख्यालय से होकर गुजर रही तमसा नदी ने खूब तबाही मचा रखी है। आबादी के इलाकों में रास्तों और घरों में बाढ़ का पानी भरा है। कटेहरी और अकबरपुर ब्लाक के तमाम गांव तमसा नदी के तट पर बसे हैं। इन गांवों में धान की फसलें जलमग्न हो गई हैं। यहां भी हजारों एकड़ धान और गन्ने की फसल को नुकसान होने की संभावना है।

जलालपुर के कई गांव प्रभावित : जलालपुर तहसील की सीमा में तमसा और मझुई (मंजूषा) नदी ने तबाही मचाई है। यहां कन्नूपुर, उस्मापुर, बड़ेपुर आंशिक, मछली गांव में छोटी नदियों के बाढ़ का पानी घुस गया है। इससे करीब 100 एकड़ फसल नुकसान होने का खतरा बना है।


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