Kamlesh Tiwari Murder Case : यूट्यूब पर वीडियो डालकर भड़काया था सैय्यद आसिम ने, कहा-'तुम कत्ल करो, जमानत हम कराएंगे'
कमलेश तिवारी के हत्यारों को साजिशकर्ताओं ने दिया था आश्वासन। सोशल मीडिया पर होती थी बातचीत कभी मिले नहीं आरोपितों से मददगार।
लखनऊ (ज्ञान बिहारी मिश्र)। कमलेश तिवारी के हत्यारों के मददगारों की संख्या बढ़ती जा रही है। एक के बाद एक नए नाम सामने आ रहे हैं। हालांकि हत्या में कितने लोगों की भूमिका है। यह स्पष्ट नहीं हो सकी है। फरार चल रहे हत्यारे अशफाक और मइनुद्दीन नागपुर में गिरफ्तार किए गए सैय्यद आसिम अली से सोशल मीडिया के जरिए ही संपर्क में आए थे। पूछताछ में चला है कि सभी साजिशकर्ताओं ने दोनों हत्यारोपितों के पकड़े जाने पर जमानत कराने की जिम्मेदारी ली थी।
सूत्रों के मुताबिक गुजरात से गिरफ्तार किए गए मौलाना शेख सलीम, फैजान और राशिद अहमद पठान लगातार सैय्यद कासिम के संपर्क में थे। हत्यारों ने सूरत में आरोपितों को फोन कर कमलेश की हत्या करने की जानकारी दी थी। इसके बाद आसिम को इसके बारे में बताया गया था। पूर्व में हुई बातचीत के दौरान आसिम ने इस बात की गारंटी ली थी कि वह न केवल उनकी जमानत कराएगा बल्कि सारे खर्चे भी वहन करेगा।
सूरत से आसिम को हत्या की जानकारी दी गई थी। इस पर आसिम ने उन्हें आगे की व्यवस्था करने का आश्वासन दिया था। छानबीन में पता चला है कि आरोपित आसिम यूट्यूब पर वीडियो अपलोड करता था। आसिम के वीडियो देखकर ही अशफाक और मइनुद्दीन उससे प्रभावित हुए थे और संपर्क किया था। इसके बाद उनकी आसिम से सोशल मीडिया और फोन पर बात होने लगी थी। सूत्रों का कहना है कि आसिम ने आरोपितों को खुद की बनाई हुई कई भड़काऊ वीडियो भी भेजे थे।
मुलाकात की पुष्टि नहीं
पूछताछ में अब तक आसिम से अन्य आरोपितों की मुलाकात की बात स्पष्ट नहीं हो सकी है। यही नहीं एटीएस और एसटीएफ ने जिन मददगारों को पकड़ा है उनसे भी हत्यारों की कभी मुलाकात नहीं हुई थी। हालांकि सोशल मीडिया के जरिए वह लगातार संपर्क में थे। आरोपित आसिम ने पूछताछ में बताया है कि उसे कमलेश तिवारी की हत्या साजिश की जानकारी थी और यह भी पता था कि शुक्रवार को अशफाक और मइनुद्दीन कत्ल की वारदात को अंजाम देंगे।
बरेली से मिला था वकील का नंबर
हत्यारों ने ठाकुरगंज निवासी जिस अधिवक्ता को फोन किया था, उनका नंबर बरेली में उपलब्ध कराए जाने की बात सामने आई है। बताया जा रहा है कि बरेली के मददगारों ने आरोपितों के मांगने पर अधिवक्ता का नाम और नंबर उन्हें दिया था। इसके बाद दोनों ने अधिवक्ता को फोन कर सरेंडर करने की बात कही थी। सूत्रों के मुताबिक हत्यारोपित गुजरात से अपने साथियों के पकड़े जाने की जानकारी मिलने के बाद से अपना फोन इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं।