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Jungle Safari: बहराइच के कतर्नियाघाट का सफर होगा और मजेदार, पर्यटकों को लुभाएगा स्विस काटेज

वर्ष 2014 में खास मकसद से मंगाए गए स्विस काटेज को प्लेटफार्म बनाकर फिक्स किया जाएगा। स्विस काटेज में चार ऐसे हैं जो डबल बेड के हैं जबकि एक डारमेट्री भी है जिसमें चार बेड लगाए जा सकते हैं। इन्हें प्लेट फार्म बनाकर फिक्स कर दिया जाएगा।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Tue, 07 Dec 2021 05:05 PM (IST)Updated: Wed, 08 Dec 2021 12:15 PM (IST)
Jungle Safari: बहराइच के कतर्नियाघाट का सफर होगा और मजेदार, पर्यटकों को लुभाएगा स्विस काटेज
पर्यटन : प्लेटफार्म बनाकर स्विस काटेज को फिक्स करने की तैयारी।

बहराइच, [मुकेश पांडेय]। कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग में आने वाले पर्यटकों को जल्द ही स्विस काटेज लुभाएगी। स्विस काटेज के निर्माण से वन्य जीवों पर शोध के लिए कतर्निया आने वाले पर्यटकों को सुविधा मिलेगी। वर्ष 2014 में खास मकसद से मंगाए गए स्विस काटेज को प्लेटफार्म बनाकर फिक्स किया जाएगा। स्विस काटेज में चार ऐसे हैं, जो डबल बेड के हैं, जबकि एक डारमेट्री भी है, जिसमें चार बेड लगाए जा सकते हैं। इन्हें प्लेट फार्म बनाकर फिक्स कर दिया जाएगा। इसके साथ ही अटैच बाथरूम भी सीट बिछाकर तैयार किया जाएगा। इसे वन विभाग के रेस्ट हाउस के निकट ही फिक्स किया जाएगा। इससे वन्य जीव विहार में शोध के लिए आने वाले विद्यार्थियाें, लेखकों को भी सुविधा होगी।

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बच्चों को मिलेगा निश्शुल्क : जंगल भ्रमण के लिए आने वाले नौनिहालों को काटेज निश्शुल्क उपलब्ध कराया जाएगा। इससे स्कूली छात्रों के आगमन को बढ़ावा मिलेगा। वह यहां भ्रमण के दौरान रात्रि विश्राम करेंगे तो उनके मानस पटल पर रोमांचक अनुभूति अंकित होगी। उसके वे शब्दों एवं रेखाचित्रों से बयां कर सकेंगे।

जंगल में बनेगा सेल्फी प्वाइंट : कतर्निया जंगल में सेल्फी प्वाइंट बनाया जाएगा, ताकि यहां आने वाले युवा एवं बाल पर्यटक मोबाइल अथवा अन्य कैमरे के माध्यम से तस्वीरें खींच कर जंगल से जुड़ी यादें समेट कर वापस लौटें। इसके लिए गेरुआ नदी के किनारे बने ट्री-हट के निकट स्थान चिह्नित किया जा रहा है।

वन विभाग की आवासीय सुविधा

  • 02 कक्ष व एक डारमेट्री मोतीपुर में
  • 04 कक्ष ककरहा रेंज में उपलब्ध
  • 07 कक्ष कतर्निया रेंज में सुलभ
  • 06 रेस्ट हाउस वन विभाग का

'स्विस काटेज वन विभाग के पास मौजूद है। उसे सुरक्षित एवं शांत वातावरण चिह्नित कर ''''फिक्स'''' किया जाएगा, ताकि शोधार्थियों की आवश्यकता की पूर्ति की जा सके।   -आकाशदीप बधावन, प्रभागीय वनाधिकारी 


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