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स्वामी चिन्मयानंद की जमानत अर्जी पर आज आ सकता है फैसला, हाई कोर्ट में चल रही सुनवाई

शाहजहांपुर में लॉ छात्रा से दुष्कर्म के आरोप में जेल में बंद पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद की जमानत अर्जी पर इलाहाबाद हाई कोर्ट में सुनवाई जारी है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Fri, 15 Nov 2019 09:00 PM (IST)Updated: Sat, 16 Nov 2019 07:34 AM (IST)
स्वामी चिन्मयानंद की जमानत अर्जी पर आज आ सकता है फैसला, हाई कोर्ट में चल रही सुनवाई
स्वामी चिन्मयानंद की जमानत अर्जी पर आज आ सकता है फैसला, हाई कोर्ट में चल रही सुनवाई

लखनऊ, जेएनएन। शाहजहांपुर में एलएलएम छात्रा से दुष्कर्म के आरोपी पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद की जमानत अर्जी पर इलाहाबाद हाई कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है। न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी की कोर्ट में शुक्रवार को भी सुनवाई जारी रही। कोर्ट में चिन्मयानंद व पीड़िता के अधिवक्ताओं ने अपना-अपना पक्ष रखा। अब शनिवार को दिन में 11 बजे से अर्जी पर पुन: सुनवाई होगी। दोनों पक्ष फिर से अपना पक्ष रखेंगे उसके बाद कोर्ट फैसला सुना सकता है।

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याची के अधिवक्ता का कहना है कि स्वामी चिन्मयानंद से ब्लैकमेलिंग की गई है। जब उन्होंने मांग नहीं मानी तो दुष्कर्म के फर्जी केस में फंसाया गया है। पीड़िता के पिता ने लापता होने की प्राथमिकी दर्ज कराई है, जबकि वह अपने दोस्तों के साथ स्वयं रक्षाबंधन से पहले शाहजहापुर छोड़ चुकी थी। वह लगातार फोन पर परिवार के संपर्क में थी। साथ ही ब्लैकमेलिंग कर पांच करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी। पीड़िता जब सुप्रीम कोर्ट में पेश हुई तो उत्तर प्रदेश न आकर दिल्ली में रहने लगी और पिता से मिलकर आगे की कार्रावाई की बात की। अपने वकीलों की सलाह से दिल्ली में शिकायत दर्ज कराई।

अधिवक्ता का यह भी कहना है कि हिंदू संतों को बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए स्वामी चिन्मयानंद पर झूठा आरोप लगाया गया है। वहीं पीडि़ता के अधिवक्ता का कहना था कि स्वामी चिन्मयानंद ने जघन्य अपराध किया है। उन्होंने जो किया है उसका वीडियो साक्ष्य है। एक साध्वी ने भी चिन्मयानंद पर ऐसा आरोप लगाया था। आरोपी के प्रभाव के कारण उसे झूठे आरोप में फंसा दिया गया है।

भाजपा नेताओं को समन जारी, 19 को हो सकती पेशी

उधर, शाहजहांपुर में पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद से ब्लैकमेलिंग के आरोपित भाजपा के पूर्व जिला महामंत्री एवं जिला सहकारी बैंक (डीसीबी) चेयरमैन डीपीएस राठौर और भाजयुमो के पूर्व जिला महामंत्री अजीत सिंह को जिला अदालत ने समन जारी कर दिए हैं। रिसीव होने की स्थिति में 19 नवंबर को ब्लैकमेलिंग के अन्य आरोपितों के साथ उनकी पेशी होगी। भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष जेपीएस राठौर के भाई डीपीएस राठौर और अजीत सिंह का नाम विशेष जांच दल (एसआइटी) ने चार्जशीट में शामिल किया था। चूंकि दोनों की गिरफ्तारी नहीं हुई थी, ऐसे में कोर्ट की ओर से समन जारी होने थे। बताया जाता है दोनों के समन जारी कर दिए गए हैं। हालांकि शुक्रवार को एसएसपी कार्यालय की समन सेल में नहीं पहुंचे, माना जा रहा है कि शनिवार को वहां समन पहुंच जाएंगे। जिसके बाद आरोपित नेताओं के पास भेजे जाएंगे।


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