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Svamitva Scheme: उत्तर प्रदेश के 41 हजार ग्रामीणों को मिला आवासीय संपत्ति का मालिकाना हक

Svamitva Scheme प्रॉपर्टी कार्ड मिलने की बधाई देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इन परिवारों के लिए आज की शाम खुशियों और नये सपनों को बुनने की शाम है। स्वामित्व योजना ने गरीबों के हाथ में ताकत सौंपी है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Sun, 11 Oct 2020 07:31 PM (IST)Updated: Mon, 12 Oct 2020 12:25 AM (IST)
Svamitva Scheme: उत्तर प्रदेश के 41 हजार ग्रामीणों को मिला आवासीय संपत्ति का मालिकाना हक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंचायती राज मंत्रालय की स्वामित्व योजना का रविवार को शुभारंभ किया।

लखनऊ, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र सरकार के पंचायती राज मंत्रालय की स्वामित्व योजना का रविवार को वर्चुअल माध्यम से शुभारंभ करते हुए देश के जिन छह राज्यों के 763 गांवों के लोगों को प्रॉपर्टी कार्ड का वितरण किया, उनमें सर्वाधिक 346 गांव उत्तर प्रदेश के हैं। यूपी के 37 जिलों के इन गांवों के आबादी क्षेत्रों में रहने वाले 41,431 लोगों को उनकी आवासीय संपत्ति के दस्तावेज (ग्रामीण आवासीय अभिलेख/घरौनी) का प्रधानमंत्री की ओर से डिजिटल वितरण किये जाने के बाद जनप्रतिनिधियों और जिला प्रशासन के अधिकारियों की मौजूदगी में उन्हें घरौनी की हार्ड कॉपी भी मुहैया करायी गई।

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देश की आजादी के बाद यह पहला मौका है कि जब खेतों की खतौनी की तर्ज पर ग्रामीणों को उनकी आवासीय संपत्ति के मालिकाना हक के दस्तावेज के तौर पर घरौनी मिली है। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत छह राज्यों के मुख्यमंत्री और मंत्री भी वर्चुअल माध्यम से जुड़े।

ग्रामीणों को स्वामित्व पत्र/प्रॉपर्टी कार्ड मिलने की बधाई देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इन परिवारों के लिए आज की शाम खुशियों और नये सपनों को बुनने की शाम है। जब संपत्ति का रिकॉर्ड और उस पर अधिकार होता है, तो नागरिकों में आत्मविश्वास बढ़ता है। स्वामित्व योजना ने गरीबों के हाथ में ताकत सौंपी है। यह योजना हमारे गांवों में ऐतिहासिक परिवर्तन लाएगी और आत्मनिर्भर भारत अभियान को सफल बनाने में मील का पत्थर साबित होगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि गांवों में संपत्तियों से जुड़े विवादों को कम करने में भी कारगर साबित होगी। ग्रामीणों को अपनी आवासीय संपत्ति के प्रमाणित, कानूनी दस्तावेज प्राप्त होंगे जिनका उपयोग बैंकों से लोन लेने में किया जा सकेगा। ग्रामीण आबादी क्षेत्र का प्रारंभिक डाटा तैयार होने से विकास के लिए सरकारी योजनाएं संचालित करने में सुगमता होगी।

लाभार्थियों से की बात : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाराबंंकी के दो लाभार्थियों रामरती और राममिलन से बातचीत कर उनसे स्वामित्व योजना के बारे में जानकारी प्राप्त की। लाभार्थियों ने बताया कि स्वामित्व का अधिकार मिलने से उन्हें अपनी संपत्ति की सुरक्षा की गारंटी मिलेगी और कारोबार की लिए बैंक से लोन मिल सकेगा।

इन 37 जिलों में हुआ घरौनी का वितरण : पहले चरण में प्रधानमंत्री ने जिन 37 जिलों के लोगों को घरौनी का डिजिटल वितरण किया है, उनमें गोरखपुर, वाराणसी, फतेहपुर, गोंडा, गाजीपुर, देवरिया, चंदौली, चित्रकूट, बहराइच, बस्ती, बाराबंकी, बांदा, बलरामपुर, बलिया, आजमगढ़, अयोध्या, अमेठी, अंबेडकरनगर, मऊ, हमीरपुर, जालौन, जौनपुर, झांसी, कौशांबी, कुशीनगर, ललितपुर, महाराजगंज, महोबा, मीरजापुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, संत रविदासनगर, संत कबीर नगर, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, सोनभद्र और सुलतानपुर शामिल हैं।

हर संपत्ति का होगा यूनीक आइडी नंबर : घरौनी में आबादी क्षेत्र की संपत्ति का पूरा ब्योरा दर्ज होगा। इसमें प्रत्येक भूखंड को 13 अंकों का यूनीक आइडी नंबर आवंटित किया जाएगा जिसमें पहले छह अंक गांव के कोड, अगले पांच अंक आबादी के प्लॉट नंबर और आखिरी दो अंक संपत्ति के संभावित विभाजन को दर्शाएंगे। घरौनी में संपत्ति के स्वामी का जिला, तहसील, ब्लॉक, थाना और ग्राम पंचायत का नाम दर्ज होगा। ग्राम कोड और गांव के नाम का भी उल्लेख होगा। इसमें सर्वेक्षण वर्ष भी अंकित किया जाएगा।

भूखंड की चौहद्दी का भी होगा उल्लेख : संपत्ति का आबादी गाटा संख्या और भूखंड संख्या भी दर्ज होगा। संपत्ति के वर्गीकरण को भी इसमें दर्शाया जाएगा जिससे पता चले कि संपत्ति किस श्रेणी या उप श्रेणी की है। आवासीय भूखंड का क्षेत्रफल (वर्ग मीटर में) और उसकी सभी भुजाओं की संख्या और उनकी लंबाई भी घरौनी में दर्ज होगी। भूखंड की चौहद्दी का भी इसमें उल्लेख होगा। भूस्वामी और उनके पिता/माता/पति/पत्नी के नाम भी इसमें अंकित होंगे। यदि कई भू-स्वामी हैं तो प्रत्येक का नाम और उनके हिस्से भी इसमें दर्शाये जाएंगे। ग्राम पंचायत प्रस्ताव संख्या और तारीख भी इसमें दर्ज होगी।

पहले चरण में 54 हजार गांवों में सर्वेक्षण : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीती 24 अप्रैल राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर 'स्वामित्व योजना' को लांच किया था। योजना के तहत ड्रोन से गांवों के आबादी क्षेत्र की एरियल फोटोग्राफी कर संपत्तियों का सीमांकन किया जा रहा है और उनके स्वामित्व पत्र बनाये जा रहे हैं। आबादी सर्वेक्षण के लिए राज्य सरकार की ओर से प्रदेश के 82,913 गांव अधिसूचित किये जा चुके हैं। केंद्र सरकार ने पहले चरण में वर्ष 2020-21 में सूबे के कुल 54,022 गांवों को सर्वेक्षण कार्य के लिए चुना है। पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में पूर्वी उप्र के 37 जिलों के 346 गांवों में में 41,431 ग्रामीण आवासीय अभिलेख (घरौनी) तैयार करने का काम पूरा किया गया।

ग्रामीण भारत के उन्नयन की दिशा में ऐतिहासिक कदम : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा संपत्ति कार्ड के वितरण कार्य का शुभारंभ करने के उपरांत ग्रामीण जन अपनी भू-संपत्ति को वित्तीय संपत्ति के रूप में उपयोग करने के अधिकारी होंगे। ग्रामीण भारत के लिए यह युगांतकारी संभावनाओं का आरंभ और उन्नयन की दिशा में ऐतिहासिक कदम है।


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