UPPCS मेंस 2017: परीक्षा पर रोक लगाने से SC का इनकार, तय समय पर होगी परीक्षा
सुप्रीम कोर्ट ने पीसीएस मेंस 2017 पर रोक लगाने वाली याचिका खारिज कर दी। जिसके बाद अब यह तय हो गया है कि अब परीक्षा अपने निर्धारित समय 18 जून से शुरू होगी।
लखनऊ (जेएनएन)। सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा यानी पीसीएस 2017 की मुख्य परीक्षा 18 जून से ही होगी। अब इसमें कोई बाधा नहीं रह गई है। प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम में संशोधन न किए जाने के खिलाफ शीर्ष कोर्ट में दाखिल विशेष अपील खारिज हो जाने के बाद उप्र लोकसेवा आयोग ने इस परीक्षा से जुड़े सभी अधिकारियों को दिशा निर्देश भेजने शुरू कर दिए हैं। परीक्षा इलाहाबाद और लखनऊ के कुल 28 केंद्रों पर होगी।
आयोग ने मुख्य परीक्षा के लिए लखनऊ में 11 और इलाहाबाद में कुल 17 केंद्र निर्धारित किए हैं। इनमें 18 जून से छह जुलाई तक कुल 13663 अभ्यर्थी लिखित परीक्षा देंगे।
प्रवेश पत्र आयोग की वेबसाइट पर अपलोड हैं, जिन्हें काफी संख्या में अभ्यर्थियों ने डाउनलोड कर प्रिंट भी निकलवा लिया है। परीक्षा दो पालियों में होगी। परीक्षा की सभी तैयारी पूरी करते हुए आयोग ने दोनों जिलों के प्रशासनिक अधिकारियों से पत्राचार के जरिये समीक्षा कर ली है। परीक्षा आयोग के पर्यवेक्षकों और प्रशासन की ओर से तैनात हुए स्टैटिक मजिस्ट्रेट की निगरानी में होगी। आयोग के सचिव जगदीश ने बताया है कि परीक्षा में फिलहाल कोई बाधा नहीं है।
कुछ याचिकाएं इलाहाबाद हाईकोर्ट में लंबित हैं जिन पर शुक्रवार को सुनवाई होगी। कहा कि परीक्षा केंद्र में प्रश्नपत्र खोलते समय और परीक्षा खत्म होने पर वीडियो फोटोग्राफी होगी। लिखित परीक्षा जिन कक्षों में होगी वहां सीसीटीवी कैमरे लगे हैं व सक्रिय हैं। किसी प्रकार की गड़बड़ी करने पर अभ्यर्थियों से सख्ती से पेश आया जाएगा। बताया कि दोनों जिलों में एसटीएफ की टीमों को प्रशासनिक अधिकारियों ने सक्रिय रहने को कहा है।
मुख्य परीक्षा से 369 अभ्यर्थी बाहर
उप्र लोकसेवा आयोग ने 19 जनवरी 2018 को पीसीएस 2017 की प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम जारी किया था, जिसमें कुल 14032 अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया गया था। इन सभी को मुख्य परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन करना था और भरे हुए फार्म की हार्ड कापी आयोग की ओर से निर्धारित समय सीमा के भीतर जमा करनी थी। लेकिन, 13663 अभ्यर्थियों ने ही इसमें तत्परता दिखाई। शेष 369 अभ्यर्थियों के ऑनलाइन आवेदन फार्म हार्डकापी के अभाव में आयोग ने निरस्त कर दिया है।