रफ्तार के बादशाह ने लिया रेस से संन्यास
एशिया के सबसे पुराने रेसकोर्स के ट्रैक पर करीब चार साल तक बादशाहत क
लखनऊ, निशांत यादव। एशिया के सबसे पुराने रेसकोर्स के ट्रैक पर करीब चार साल तक बादशाहत कायम रखने वाला घोड़ा सुपर डुपर अब कभी रेस में हिस्सा नहीं लेगा। पैर में चोट से उबरने के बाद सुपर डुपर दोबारा लखनऊ रेसकोर्स क्लब के 1600 मीटर एंटी क्लॉक ट्रैक पर दौड़ नहीं सका। आर्मी कमांडर कप जैसी प्रतिष्ठित दौड़ के विजेता सुपर डुपर का कॅरियर खत्म हो गया है। उसे रेसकोर्स क्लब से हटा दिया गया है। वह गुजरात गया है जहां अब वह जंपिंग के गुर ओलंपियन इम्तियाज अनीस से सीख रहा है।
दरअसल, लखनऊ रेसकोर्स क्लब के ट्रैक पर घोड़े किंटायर ने कई साल तक राज किया। इसके बाद यहां ड्रीम डील और राजस्थान रॉयल्स ने अपनी छाप छोड़ी। इन दोनों घोड़ों को टक्कर देने के लिए ही हैदराबाद की ए क्लास रेस को जीतने वाले सुपर डुपर को पांच साल पहले लखनऊ लाया गया था। सुपर डुपर 122 रेटिंग का घोड़ा था। यह रेटिंग बेहतर प्रदर्शन पर तय होती है। सुपर डुपर लखनऊ रेसकोर्स के ट्रैक पर जब पहली बार उतरा तो यह उसके लिए छोटा पड़ गया। कई महीने की कड़ी प्रैक्टिस के बाद सुपर डुपर 2015 के सीजन की दौड़ में पहली बार उतरा। उसने प्रेसीडेंट कप, मेजर जनरल महेंद्र प्रताप कप, एमबी क्लब कप और आर्मी कमांडर कप पर लगातार कब्जा किया। वर्ष 2019 तक सुपर डुपर के नाम सबसे अधिक रेस जीतने का रिकॉर्ड भी बना। सबसे अधिक दांव लगता था वर्ष 2019 तक की दौड़ में सुपर डुपर के ज्यादा रेस जीतने की संभावनाओं के कारण वह रेस प्रेमियों का चहेता बना रहा। यहां सबसे अधिक दांव सुपर डुपर पर लगे। पिछले सीजन ने किया निराश सुपर डुपर का कम वजन उसे तेजी से पिकअप लेने के लिए सक्षम बनाता था। वह पहले हाफ के बाद ही रफ्तार पकड़ता था। हालांकि दो साल पहले पॉलिसी मेकर और ड्रीम डील ने उसे मात दी। पिछले सीजन में विजय एस ज्वॉय ने सुपर डुपर को हराना शुरू कर दिया। इस साल फरवरी में सुपर डुपर ने आखिरी बार हिस्सा लिया और अंतिम नंबर पर आया। सुपर डुपर अब रेस में हिस्सा नहीं लेगा। अब वह गुजरात में जंपिंग की ट्रेनिंग ले रहा है। ओलंपियन इंतियाज अनीस के साथ इस समय समुद्र किनारे वह प्रशिक्षण ले रहा है।
-अमर हबीबुल्लाह, मालिक सुपर डुपर