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हनुमान जयंती पर लखनऊ में घरों में हुआ सुंदरकांड पाठ, मंदिरों में पुजारियों ने उतारी आरती

राजधानी लखनऊ में कोरोना संक्रमण काल में कलयुग के एक मात्र जाग्रत देव पवन सुत हनुमान की जयंती मनाई गई। घरों में सुरक्षा के साथ श्रद्धालुओं ने सुंदरकांड पाठ कर बजरंग बली से कोरोना मुक्ति की कामना की गई।

By Rafiya NazEdited By: Published: Tue, 27 Apr 2021 06:20 PM (IST)Updated: Tue, 27 Apr 2021 06:20 PM (IST)
हनुमान जयंती पर लखनऊ में घरों में हुआ सुंदरकांड पाठ, मंदिरों में पुजारियों ने उतारी आरती
लखनऊ में आस्था और विश्वास के साथ मनी हनुमान जयंती।

लखनऊ, जेएनएन। कोरोना संक्रमण काल में कलयुग के एक मात्र जाग्रत देव पवन सुत हनुमान की जयंती मनाई गई। घरों में सुरक्षा के साथ श्रद्धालुओं ने सुंदरकांड पाठ कर बजरंग बली से कोरोना मुक्ति की कामना की। दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर, हनुमान सेतु मंदिर,नया वपुराना हनुमान मंदिर के अलावा पक्का पुल स्थित हनुमान मंदिर में पुजारियों ने श्रृंगार कर चोला बदला और श्रद्धालुओं ने दूर से ही बजरंग बली के दर्शन किए। पक्कापुल स्थित दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर के पुजारी श्रीराम ने चोला बदला और आरती की।

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बीरबल साहनी मार्ग स्थित पंचमुखी हनुमान मंदिर के पुजारी पवन मिश्रा व प्राचीन नीब करौरी आश्रम मंंदिर के पुजारी आशीष पांडेय ने पूजन कर कोरोना मुक्ति की कामना की। गोमतीनगर में नीलिमा सिंह की ओर से आनलाइन जूम एप से सुंदरकांड पाठ किया गया तो अमेरिका में डा.अनुपमा सिंह ने भी संगत की। ब्राह्मण परिवार के अध्यक्ष शिव शंकर अवस्थी के संयोजन में विजयनगर में काेरोना मुक्ति के लिए हवन किया गया और आनलाइन जुड़कर लोगों ने दर्शन किए। ओम ब्राह्मण महासभा के धनंजय द्विवेदी की ओर से आनलाइन सुंदरकांड पाठ किया गया। चौक में हनुमत संग्रहालय के संस्थापक केके चौरसिया ने आरती कर बजरंग बली को याद किया। उनके पास 80 हजार हनुमान जी के प्रतीक हैं।

विशेष योग में की पूजा: विशेष योग की वजह से श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना की। चैत्र शुक्ल पूर्णिमा को चित्रा नक्षत्र में भगवान शिव ने अपने अंश 11वें रूद्र से माता अंजना के गर्भ से हनुमान जी के रूप में जन्म लिया जिसे श्री हनुमान जयंती के रूप में मनाते है। ज्योतिषाचार्य आनंद दुबे ने बताया कि इस वर्ष हनुमान जयंती पर चंद्रमा तुला राशि में रहे और स्वाति नक्षत्र और सिद्धि योग से श्रद्धालुओं को विशेष रहा। ऐसा माना जाता है कि हनुमान जी का जन्म सूर्योदय के समय हुआ था। हनुमान जी कलियुग में सर्वाधिक पूजें जाने वाले देवता हैं। हनुमान जी शिव के अवतार है। इनकी पूजा तत्काल फल देने वाली है इन्हें हनुमान, संकटमोचन, बजरंगबली, महावीर, पवन पुत्र, आंजनेय, केसरीनंदन आदि नामों से भी पुकारा जाता है। आचार्य शक्तिधर त्रिपाठी ने बताया कि सूर्योदय से लेकर सुबह 9:27 बजे तक पूजन का शुभ योग हाेने से श्रद्धालुओं ने घरों में सुंदरकांड पाठकर कोरोना संक्रमण से मुक्ति की कामना की। आचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि लाल वस्त्र, लाल चंदन, लाल फूल, सिंदूर चमेली के तेल का लेप, बेसन के लडडू और बूंदी चढ़ाकर श्रद्धालुओं ने पवन सुत को याद किया।

नहीं रहे हनुमान भक्त सुनील गोम्बर: बलरामपुर गार्डन में हनुमान जयंती का आयोजन करने वाले इंदिरानगर के सुनील गोेम्बर का निधन हो गया। इंदिरानगर में वह अपने आवास को संग्रहालय के रूप में स्थापित कर हनुमान जी के विविध स्वरूपों के बारे में लोगों को बताने का प्रयास किया। उनके निधन पर हनुमान भक्तों ने श्रद्धांजलि दी है।


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