Move to Jagran APP

लखनऊ में बंद कमरे से दो दिन बाद निकाली गई दारोगा की लाश, पत्नी नेे खिड़की से देखा कुछ ऐसा क‍ि हो गई Shocked

लखनऊ के पारा के आदर्श विहार की घटना यूपी 112 में थे तैनात। पत्नी से हुआ था विवाद दो दिन तक कमरे में फंदे पर लटका रहा शव।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Tue, 05 Nov 2019 07:36 PM (IST)Updated: Wed, 06 Nov 2019 08:36 AM (IST)
लखनऊ में बंद कमरे से दो दिन बाद निकाली गई दारोगा की लाश, पत्नी नेे खिड़की से देखा कुछ ऐसा क‍ि हो गई Shocked
लखनऊ में बंद कमरे से दो दिन बाद निकाली गई दारोगा की लाश, पत्नी नेे खिड़की से देखा कुछ ऐसा क‍ि हो गई Shocked

लखनऊ, जेएनएन। राजधानी में खाकी के आत्महत्या की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। मंगलवार को एक दारोगा ने फांसी लगा ली। बताया जा रहा है कि दारोगा की पत्नी से अनबन हुई थी, उसके बाद खुद को कमरे में बंद लिया। दो दिन तक बाहर न आने पर पत्नी ने खिड़की से झांककर देखा तो उसके होश उड़ गए। चीखते हुए बाहर भागी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने दरवाजा तोड़कर शव को बाहर निकाला। 

loksabha election banner

खिड़की से झांका तो पत्नी के उड़े होश 

मामला पारा के आदर्श विहार का है। यहां मूलरूप से जौनपुर निवासी दारोगा बृजेश कुमार प्रचेता (42) पत्नी माया देवी और बेटी प्रिया व बेटा वैभव के साथ रहते थे। दारोगा यूपी 112 मुख्यालय में तैनात थे। बताया जा रहा है कि बृजेश का उनकी पत्नी से किसी बात को लेकर विवाद हुआ था। परिवारजन के मुताबिक, रविवार शाम को ड्यूटी से आने के बाद बृजेश का पत्नी माया से झगड़ा हुआ था। बृजेश ने अपने कमरे में जाकर दरवाजा भीतर से बंद कर लिया। दो दिन तक जब बृजेश ने कमरा नहीं खोला तो माया को संदेह हुआ और मंगलवार शाम पत्नी ने खिड़की से भीतर झांककर देखा तो पति को फंदे पर लटका देख उसके होश उड़ गए। 

चीख सुनकर पहुंचे लोग, दरवाजा तोड़कर निकाला शव

परिवारजन ने बताया कि पति को लटका देख शोर मचाया, जिसके बाद लोगों को घटना की जानकारी हुई। पुलिस ने दरवाजा तोड़कर शव को फंदे से नीचे उतारा। पुलिस के मुताबिक शव के पास से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। पूछताछ में घरवालों ने बताया है कि अक्सर विवाद होने के बाद बृजेश अपने कमरे में जाकर दरवाजा बंद कर लेते थे।

पूर्व की घटनाएं

  • आठ अक्‍टूबर 2019-आलमबाग निवासी सिपाही राज रतन वर्मा की आत्महत्या में सामने आया कि 20 घंटे की शिफ्ट से परेशान थे। 
  • दो सितंबर 2019-सहारा स्टेट में रिश्तेदार के घर तबादले से परेशान एएसआइ धर्मेंद्र कुमार मिश्रा ने आत्महत्या कर ली। 
  • 30 अगस्त 2019-सुरक्षा मुख्यालय में तैनात हेड कांस्टेबल देवी शंकर मिश्रा ने विभागीय उत्पीडऩ से परेशान होकर आत्महत्या कर ली।
  • 09 जून 2018-हरदोई में डायल 100 में तैनात दारोगा राजरतन वर्मा ने आलमबाग स्थित क्वार्टर में गोली मार ली। यहां भी विभागीय उत्पीडऩ की बात सामने आई।
  • 29 मई 2018-एटीएस में तैनात एएसपी राजेश साहनी ने ड्यूटी के दौरान खुद को गोली मार ली। विभागीय उत्पीडऩ सामने आया। 

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.