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पढ़ाई का मंदिर नहीं, लड़ाई का अखाड़ा बन गया बीबीएयू

प्रोफेसर और छात्रों में विवाद के बाद बीटेक विभाग में 30 नवंबर से पढ़ाई ठप। प्रधानमंत्री के खिलाफ भी लगाए गए थे गो बैक के नारे, मारपीट और छेड़खानी से भी चर्चा में रही है यूनिवर्सिटी

By Anurag GuptaEdited By: Published: Tue, 11 Dec 2018 08:36 AM (IST)Updated: Tue, 11 Dec 2018 08:36 AM (IST)
पढ़ाई का मंदिर नहीं, लड़ाई का अखाड़ा बन गया बीबीएयू
पढ़ाई का मंदिर नहीं, लड़ाई का अखाड़ा बन गया बीबीएयू

लखनऊ, (पुलक त्रिपाठी)। शिक्षा के मंदिरों में जिंदगी संवारने की तालीम मिलती है। किताबी ज्ञान से लेकर सांसरिक ज्ञान मिलता है। छात्र यही सोचकर इस मंदिर में जाते हैं, लेकिन राजधानी के डॉ. भीमराव आंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय (बीबीएयू) ने इस सोच को गलत साबित कर दिया।

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विवादों में रहने वाला ये विश्वविद्यालय अब पढ़ाई नहीं, लड़ाई का अखाड़ा बन गया है। केवल आपसी विवाद नहीं, प्रधानमंत्री तक के खिलाफ नारे लगा दिए गए। विवादों में रहने वाले विश्वविद्यालय के छात्रों के भविष्य पर सवाल खड़े हो गए हैं? दस दिन पहले यानी 30 नवंबर को विवि के प्रोफेसर द्वारा छात्रों को डंडे से पीटा गया। दोनों पक्षों की ओर से थाने में लिखा-पढ़ी भी हुई। घटना के बाद विवि का माहौल इस कदर बिगड़ा कि इंजीनियरिंग विभाग में अभी तक पढ़ाई ठप है। साथ ही शिक्षकों और छात्रों में बोलचाल तक बंद हो गई।

इन घटनाओं ने विवि की गरिमा को किया तार-तार

  • जनवरी 2015 में दीक्षा समारोह के दौरान पीएम को गो बैक के नारे लगाए गए
  • 14 अप्रैल 2015 को बीफ खाने के बयान पर दो गुटों में झड़प, फिर एक प्रोफेसर द्वारा गलत हरकत की गई
  • जून 2015 में वीसी व रजिस्ट्रार के बीच विवाद हुआ। मामला एक साल तक चलता रहा
  • सितंबर 2016 में हाईपावर कमेटी में रजिस्ट्रार ने जमकर बवाल किया। बैठक के बाद रजिस्ट्रार और कुछ प्रोफेसरों की शह पर एक प्रोफेसर पर छात्रों ने हमला किया
  • जून 2017 में वित्त अधिकारी और रजिस्ट्रार के बीच मारपीट व गाली-गलौच की बात सामने आई थी
  • अगस्त 2017 में एक महिला प्रोफेसर की पति के साथ खिंचवाई गई तस्वीर को बदलकर उसके स्थान पर एक पुरुष प्रोफेसर की फोटो लगा दी गई थी। मामले में नौ छात्रों पर एफआइआर भी हुई थी
  • सितंबर 2017 में एक महिला शिक्षक से एक प्रोफेसर द्वारा छेड़छाड़ का मामला सामने आया
  • अक्टूबर 2017 में शैक्षणिक ऑडिट की टीम ने अपनी रिपार्ट में विवि में शिक्षकों द्वारा जातिवाद के मामलों में संलिप्तता और मामलों को तूल देने की बात उजागर की
  • अक्टूबर 2017 में होम साइंस की महिला प्रोफसर द्वारा एक फर्जी विभाग संचालित किए जाने का मामला पकड़ा गया
  • फरवरी 2018 में ह्यूमन राइट्स में एलएलबी कोर्स के संचालन को लेकर बड़ा विवाद हुआ
  • अगस्त 2018 में नियमों के उल्लंघन के आरोप में वित्त अधिकारी निलंबित किए गए
  • अगस्त और सितंबर 2018 में विश्वकर्मा पूजा रोकने, हॉस्टल में पूजा करने व अन्य कई मामलों पर विवि में जमकर बवाल हुआ
  • अक्टूबर 2018 में एकेडमिक काउंसिल के विरोध में कुछ प्रोफेसरों ने कुलपति के सामने कुर्सी व माइक फेंका और तोडफ़ोड़ की। बैठक रद करनी पड़ी
  • नवंबर 2018 में केमिस्ट्री विभाग के एक प्रोफेसर द्वारा पर्यावरण विभाग के प्रोफेसर पर कुलपति के सामने गाली-गलौच की
  • 30 नवंबर 2018 में बीटेक के पूर्व निदेशक द्वारा छात्र-छात्राओं पर लाठियां बरसाई गईं। इतना ही नहीं, छात्रों पर प्रोफेसर ने वाहन चढ़ाने का भी प्रयास किया

क्‍या कहते हैं जिम्‍मेदार

वहीं बीबीएयू के कुलपति प्रो एनएमपी वर्मा ने बताया कि विवि में अशोभनीय घटनाएं हुई हैं। शिक्षकों में चार-पांच अराजक तत्व हैं। इससे विवि की गरिमा को नुकसान पहुंच रहा है। उन्हें चिह्नित कर लिया गया है। प्रयास किया जा रहा कि विवि के माहौल में सुधार आए।


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