ऑफलाइन कक्षाओं को Live भी देख सकेंगे विद्यार्थी, ब्लैक बोर्ड से स्मार्ट बोर्ड तक पहुंची शिक्षा
लखनऊ के अवध गल्र्स डिग्री कॉलेज में छात्राओं को मिलेंगे वर्चुअल क्लासेज के नोट्स परीक्षा के लिए बहुविकल्पीय प्रश्न आधारित पैटर्न ही बेहतर।
लखनऊ, जेएनएन। कोरोना के कारण ब्लैकबोर्ड से स्मार्टबोर्ड तक पहुंची शिक्षा को हर किसी ने स्वीकार किया है। सत्र पिछड़ जाने की आशंका से परेशान स्कूल प्रबंधकों, शिक्षकों और विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन पढ़ाई राहत का नाम है। शिक्षा जगत में डिजिटल माध्यम का प्रभाव बढ़ा है और ये लंबे समय तक रहने वाला है। पोस्ट कोरोना काल में भी शैक्षणिक लक्ष्यों को हासिल करने के लिए हर किसी को टेक्नोलॉजी की सहायता लेनी ही पड़ेगी।
हमने भी इसे ध्यान में रखते हुए शिक्षक दिवस के अवसर पर महाविद्यालय के यूट्यूब चैनल की शुरुआत की, जिसका प्रयोग देश भर के विद्यार्थियों को शैक्षिक सामग्री उपलब्ध कराने के लिए किया जाएगा। हमारे यहां बीए, बीकॉम तथा एमए की ऑनलाइन कक्षाएं तो सफलतापूर्वक संचालित हो ही रहीं, साथ ही कॉलेज की आंतरिक गुणवत्ता सुनश्चयन प्रकोष्ठ द्वारा "मंथन" नाम से फेसबुक लाइव श्रृंखला मई से लगातार चल रही। हमने ऑनलाइन-ऑफलाइन दोनों तरह की कक्षाएं चलाने की रणनीति भी तैयार कर ली है। हमारा प्रयास रहेगा कि ऑफलाइन कक्षाओं को विद्यार्थी लाइव भी देख सकें। जिनके पास ऑनलाइन पढ़ने की सुविधा नहीं है, ऐसी छात्राओं को ऑफलाइन पढ़ाई के लिए तीन अलग-अलग समय सारणियों में बुलाने की व्यवस्था की जा रही है। प्रयोगात्मक कार्य के लिए भी छात्राओं को आवश्यकतानुसार कॉलेज बुलाए जाने का प्रबंध किया गया है, जिसके लिए प्रयोगशाला को एक दिन पूर्व ही सैनिटाइज कर दिया जाएगा।
अब तक चलीं वर्चुअल कक्षाओं में जो पढ़ाया गया, उसके नोट्स की फोटोकॉपी छात्राओं को दी जाएगी। अगर किसी विद्यार्थी को विषय समझने में दिक्कत आती है, तो उसके लिए अतिरिक्त कक्षा भी चलेगी। वहीं परीक्षा के लिए मैं विश्वविद्यालय द्वारा लागू बहुविकल्पीय प्रश्न आधारित पैटर्न को उचित मानती हूं और आगे भी जब तक स्थितियां सामान्य नहीं हो जातीं, बहुविकल्पीय प्रश्नों पर आधारित परीक्षा प्रारूप का ही समर्थन करती हूं। वहीं मौखिक परीक्षा व आंतरिक मूल्यांकन ऑनलाइन ही संपन्न कराने का सुझाव दूंगी। हम पुस्तकीय पाठ्यक्रम तो लेकर चलेंगे पर ऑनलाइन एक्टिविटी ज्यादा करवाएंगे। हमने अभी से इसे अभ्यास में लाना भी शुरू कर दिया है। स्वतंत्रता दिवस से लेकर शिक्षक दिवस और हिंदी दिवस तक सभी कार्यक्रमों को ऑनलाइन मनाया है। चूंकि डिजिटल माध्यम के अधिक प्रयोग से कुछ समस्याएं भी होती हैं, इसका कुप्रभाव छात्राओं पर न पड़े, इसीलिए महाविद्यालय ने मनोविशेषज्ञ डॉ. ऋचा यादव एवं निवेदिता डोगरा के संयुक्त तत्वावधान में "अपराजिता" शीर्षक से एक वर्चुअल काउंसिलिंग कार्यक्रम भी शुरू किया, जिसका लक्ष्य मानसिक एवं भावात्मक रूप से छात्राओं को सक्षम बनाना है। हम वेबिनार का क्रम आगे भी जारी रखेंगे। शिक्षा को बोझिल की जगह रुचिकर बनाने का सही समय यही है। शिक्षा हमें हर परिस्थिति का सामना करने में दक्ष बनाती है। उसी दक्षता के साथ परिसर पूरी तरह से वापस खुलने के लिए तैयार है।
- लेखिका डॉ उपमा चतुर्वेदी अवध गल्र्स डिग्री कॉलेज की प्रिंसिपल हैं।