जान की बाजी लगाकर छात्र ने बचाई दो बच्चों की जान, गोंडा में टेढ़ी नदी में डूब रहे थे बकरी चराने गए बच्चे
काफी लोगों के होने के बावजूद कोई भी बच्चों को बचाने का प्रयास नहीं कर रहा था। विनय के मुताबिक उन्होंने अपनी शर्ट उतारी और नदी में कूद गए। वह तैरना भी ठीक ढंग से नहीं जानते हैं। किसी तरह बच्चों के पास पहुंचे।
गोंडा, संवाद सूत्र। हुनर हर किसी में होता है किसी का छिप जाता है तो किसी का छाप छोड़ देता है। मुसीबत में फंसे हर व्यक्ति की मदद करना ही मानवता का धर्म है। यह सोच जिले के एक छात्र की है, जिसने अपने जान की बाजी लगाकर नदी में डूब रहे बच्चों की जान बचाई। दो बच्चे बकरी को बचाने के चक्कर में नदी में डूब रहे थे। हर कोई छात्र के जज्बे को सलाम करते हुए बधाई दे रहा है।
कटराबाजार के ग्राम तिलका डीहा निवासी विनय कुमार उर्फ मोनू तिवारी सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि बीते मंगलवार को शाम पांच बजे वह बाजार से घर लौट रहे थे। जब वह गांव के समीप तिलका पुल के पास पहुंचे तो भीड़ लगी हुई थी। टेढ़ी नदी के तेज बहाव में लोग बच्चों के डूबने का शोर मचा रहे थे। शोर सुनकर वह भी रुक गए। जानकारी करने पता चला कि गांव के ही किशनलाल व पूजा बकरी चराने के लिए गए थे। पानी पीने के लिए बकरी जैसे ही थोड़ी पानी में गई तो तेज बहाव के कारण वह बहने लगी। यह देखकर बच्चे भी पानी में चले गए और डूबने लगे।
काफी लोगों के होने के बावजूद कोई भी बच्चों को बचाने का प्रयास नहीं कर रहा था। विनय के मुताबिक उन्होंने अपनी शर्ट उतारी और नदी में कूद गए। वह तैरना भी ठीक ढंग से नहीं जानते हैं। किसी तरह बच्चों के पास पहुंचे। पहले पूजा व इसके बाद किशनलाल को पीठ पर बैठाकर किसी तरह बाहर लाए। इस दौरान स्थानीय लोगों ने वीडियो बना लिया और इंटरनेट मीडिया पर वायरल कर दिया। इस पोस्ट पर लोग सराहना करते हुए बधाई दे रहे हैं। सीडीओ शशांक त्रिपाठी का कहना है कि विनय का प्रयास सराहनीय है। युवाओं को उनसे सीख लेनी चाहिए।