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रातभर करवटे बदलने के बाद पिता से बोला एक झूठ, फिर यूं बदली लखनऊ के युवा क्रिकेटर अंश की LIFE

लखनऊ वर्ष 2017 की कूच बिहार ट्रॉफी में उत्तर प्रदेश को चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले लखनऊ के युवा क्रिकेटर 17 वर्षीय क्रिकेटर अंश यादव ने दैनिक जागरण से साझा किए जिंदगी के अनमोल पल जो अब हम आपको बता रहे हैं।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Sat, 19 Dec 2020 06:30 AM (IST)Updated: Sun, 20 Dec 2020 07:26 AM (IST)
रातभर करवटे बदलने के बाद पिता से बोला एक झूठ, फिर यूं बदली लखनऊ के युवा क्रिकेटर अंश की LIFE
वर्ष 2017 की कूच बिहार ट्रॉफी में उत्तर प्रदेश को चैंपियन बनाने में निभाई थी अहम भूमिका।

लखनऊ [विकास मिश्रा]। शायद बहुत कम लोग यह बात जानते होंगे कि लखनऊ के प्रतिभाशाली खिलाड़ी और वर्ष 2017 की कूच बिहार ट्रॉफी में उत्तर प्रदेश टीम को चैंपियन बनाने में अहम किरदार निभाने वाले अंश यादव क्रिकेट से पहले हॉकी सीखते थे। अंश के एक झूठ ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर का क्रिकेटर बना दिया।

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दैनिक जागरण से बातचीत में 17 वर्षीय क्रिकेटर अंश कहते हैं, करीब दस साल पहले यानी वर्ष 2010 के गर्मियों की बात है। पापा ने हॉकी खिलाड़ी बनने के लिए शहर के केडी सिंह बाबू स्टेडियम में दाखिला कराया। यहां क्रिकेट की ट्रेनिंग स्टेडियम के मुख्य गेट के पास दी जाती है। एक दिन मेरा ध्यान नेट पर गेंदबाजी और बल्लेबाजी कर रहे बच्चों पर पड़ी तो मुझे लगा क्रिकेट हॉकी से ज्यादा दिलस्‍प खेल है। इस ख्‍याल ने मेरी रात की नींद उड़ा दी। पूरी रात करवटें बदलते रहा कि पिता से कैसे दिल की बात कहूं। क्योंकि इस बात के लिए पापा को मनाना मेरे लिए बड़ी चुनौती थी। 

अंश ने मुस्कुराते हुए कहा, अगले दिन योजना के तहत जब मायूस चेहरा लेकर घर पहुंचा तो पापा ने पूछा क्या हुआ? तो मैंने बोला की हॉकी के कोच ट्रेनिंग के दौरान मारते हैं, अब वहां नहीं जाऊंगा। इस पर पापा ने तुरंत हॉकी कोच को फोन मिलाया तो मेरा झूठ पकड़ा गया। इसके बाद वह समझ गए कि मुझे हॉकी नहीं क्र‍िकेट खेलना है। अगले दिन केडी सिंह स्टेडियम में ही क्रिकेट का ककहरा सीखने की अनुमति दे दी। इसका रिजल्ट आप लोगों के सामने है।

कोरोना संक्रमण के कारण नहीं दे सका रणजी का ट्रायल

जूनियर क्रिकेट में राष्ट्रीय स्तर पर अपनी बल्लेबाजी की धाक जमाने वाले अंश को इस बार रणजी के ट्रायल में शामिल न हो पाने का मलाल है। उन्होंने कहा, वर्ष 2016,17 और 18 तीन साल मेरे लिए काफी अच्छा रहा। आगामी मुश्ताक अली टी-20 और रणजी ट्रॉफी के ट्रायल के लिए मेरी तैयारी बहुत अच्छी चल रही थी, लेकिन कोरोना संक्रमण ने सारी तैयारी पर पानी फेर दिया। लेकिन, वर्ष 2021-22 के सत्र में उपरोक्त दोनों ट्रॉफी के लिए जी-तोड़ मेहनत करूंगा। अंश के मुताबिक, अगले साल सीनियर टीम में जगह बनाना लक्ष्य है। इसके लिए अभी से तैयारी शुरू कर दी है।

वर्ष 2017 कूच बिहार में बनाया था 650 रन

वैसे तो अंश यादव वर्ष 2016 की विजय मर्चेंट ट्रॉफी में 269 रनों की धमाकेदार पारी से भारतीय क्रिकेट में चर्चा में आ गए थे। लेकिन, वर्ष 2017 की कूच बिहार ट्रॉफी में इस दिग्गज युवा क्रिकेटर ने कुल 650 रन बनाकर न सिर्फ विशेषज्ञों का ध्यान खींचा बल्कि, उत्तर प्रदेश की टीम को चैंपियन भी बनाया। इस दौरान उन्होंने 132 रनों की यादगार पारी भी खेली थी। अंश भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली को अपना आदर्श मानते हैं लेकिन, उनकी बल्लेबाजी की शैली काफी हद तक मास्टर-ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर से मिलती है। वह मजबूत बल्लेबाज के साथ अच्छे गेंदबाज भी हैं। हालांकि, कोरोना संक्रमण के बीच अंश ने अपनी पूर्व रणजी क्रिकेटर दीपक यादव के मार्गदर्शन में शुरू कर दी है।

वर्ष 2018 में भारतीय अंडर-19 का कैंप भी किया

पिछले साल हुए अंडर-19 विश्व कप के लिए अंश यादव भले ही टीम इंडिया में जगह नहीं बना सके, लेकिन जूनियर टीम के कैंप में वह शामिल थे। 17 वर्षीय हरफनमौला क्रिकेटर ने बताया कि उस दौरान मैं थोड़ा अनफिट था, शायद इसी वजह से भारतीय टीम के लिए मेरे नाम पर विचार नहीं किया गया। जब आप राष्ट्रीय टीम के लिए कैंप करते हैं तो वहां ज्यादातर क्रिकेटरों से प्रतिस्पर्धा होती है। एक खिलाड़ी के लिए यह बहुत जरूरी है। अंश ने यह भी कहा, आगामी मुश्ताक अली टी-20 ट्रॉफी के लिए प्रियम गर्ग और सुरेश रैना अहम साबित होंगे। साथ ही अक्शदीप नाथ यूपी टीम का मध्यक्रम संभालने में सक्षम है। उत्‍तर प्रदेश सीनियर टीम के क्रिकेट कोच ज्ञानेंद्र पांडेय की अगुवाई में उत्‍तर प्रदेश इस बार चैंपियन बनेगा।


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