Pollution: हवा-पानी ने सुधारी लखनऊ की आबोहवा, AQI 180 रिकॉर्ड Lucknow News
इंतजाम बेअसर प्रदूषण से मुक्ति हवा-बारिश के साथ। बारिश से प्रदूषण धुला हवा भी बहा ले गई प्रदूषण।
लखनऊ, जेएनएन। यह साबित हो गया है कि प्रदूषण से मुक्ति केवल तेज हवा और बारिश ही दिला सकती है। बीते वर्षों की तरह इस बार भी वायु प्रदूषण से निपटने के सभी प्रयास विफल रहे। दिल्ली सहित प्रदेशवासियों को दिनोंदिन गहराते वायु प्रदूषण से राहत केवल तेज हवा व बारिश ही दिला पाई है।
लंबे अर्से के बाद शुक्रवार को दिल्ली, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, बागपत, हापुड़, नोएडा निवासियों ने खुली शुद्ध हवा में सांस ली। दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) 84 दर्ज हुआ, जो गुरुवार की अपेक्षा 22 यूनिट कम रहा। गाजियाबाद में भी एक्यूआइ 84 रिकॉर्ड हुआ। वहीं बागपत में 58, हापुड़ 61, नोएडा 83 एक्यूआइ रहा।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार दिल्ली सहित एनसीआर व उत्तर प्रदेश के तमाम शहरों में एक्यूआइ में हुई उल्लेखनीय गिरावट की प्रमुख वजह तेज हवा और बारिश है। बीते दो-तीन दिन से पंजाब, हरियाणा व पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जहां पूर्वी हवा ने जोर पकड़ा वहीं बारिश ने भी प्रदूषकों को धो डाला। साफ है कि लोगों को शुद्ध हवा दिलाने में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा की जाने वाली कागजी कवायद बेअसर है।
बताते चलें कि राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा लखनऊ सहित सूबे के 15 शहरों के लिए एक्शन प्लान तैयार किया गया था। वहीं दिल्ली सहित राजधानी के लिए ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (ग्रेप) बनाया गया था, जिससे एक्यूआइ के गंभीर स्थिति में पहुंचते ही लागू कर लोगों को जहरीली हवाओं से निजात दिलाई जा सके, लेकिन बीते दो माह में एक्यूआइ अत्यंत गंभीर स्थिति में दर्ज किया गया। यहां तक कि देश की सर्वोच्च अदालत तक को शुद्ध हवा के लोगों के संवैधानिक अधिकार के बारे में जिम्मेदारों को लताड़ लगानी पड़ी। बावजूद इसके राहत मिली तो केवल हवा व बारिश से। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि आखिर जिम्मेदार विभाग एक्शन प्लान और ग्रेडेड एक्शन प्लान बनाकर किसे मूर्ख बना रहे हैं।
राहत... लखनऊ में एक्यूआइ 180
राजधानी लखनऊ में भी 18 नवंबर के बाद शुक्रवार को वायु प्रदूषण में उल्लेखनीय सुधार देखा गया। यहां एक्यूआइ 11 दिन के बाद 180 रिकॉर्ड किया गया।