उत्तर प्रदेश में आलू और टमाटर के मूल्य पर नियंत्रण के लिए बिचौलियों पर सख्ती, अब होगी पाक्षिक समीक्षा
उत्तर प्रदेश में आलू और टमाटर की कीमतों में भारी उछाल से हरकत में आई योगी सरकार ने जमाखोरों और बिचौलियों पर सख्ती करना शुरू किया है।
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में आलू और टमाटर की कीमतों में भारी उछाल से हरकत में आई योगी सरकार ने जमाखोरों और बिचौलियों पर सख्ती करना शुरू किया है। प्रमुख सचिव बीएल मीणा ने भी प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर महंगाई को नियंत्रित करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही थोक और फुटकर कीमतों में भारी अंतर और बिचौलियों की मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए पाक्षिक समीक्षा बैठक करने व आलू व टमाटर की थोक व फुटकर कीमतों पर भारी अंतर पर निगरानी को कहा गया है। कीमतें नियंत्रित करने के लिए किसान संगठनों को मदद भी ली जा सकती है। थोक और फुटकर बिक्री की कीमतों में भारी अंतर करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि बाजार में आलू 30-35 रुपये तथा टमाटर 50 से 60 रुपये प्रति किलोग्राम दर से बिक रहा है, जबकि आलू की थोक कीमत 1800 से 2500 रुपये प्रति क्विंटल तथा टमाटर 2800 से 4500 रुपये प्रति क्विंटल है। आलू की मांग में अचानक बढ़ोत्तरी के कारण ही कीमतों में भारी उछाल आया है, जबकि प्रदेश के कोल्ड स्टोरेज में 63.32 लाख मीट्रिक टन आलू भंडारित है। वर्षा के कारण हरी सब्जियों की फसलों के नष्ट होने के कारण आलू की खपत बढ़ी है। प्रदेश में आलू की औसत खपत 6 से 6.50 लाख मीट्रिक टन प्रति माह अनुमानित है।
प्रमुख सचिव मीणा ने कहा कि थोक और फुटकर बिक्री की कीमतों में भारी अंतर करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि प्रदेश मे उत्पादित टमाटर आने में करीब दो माह लग जाएंगे। ऐसे में अन्य राज्यों से टमाटर लाने के लिए सख्ती जरूरी है ताकि ऑफ सीजन में टमाटर संकट न गहरा सकें। इसके अलावा किसान उत्पादक संगठन के जरिए भी खरीद फरोख्त करायी जा सकती है। उन्होंने बताया कि कीमतें नियंत्रित करने के लिए किसान संगठनों को मदद भी ली जा सकती है।