Naxal Attack: नक्सलियों के दांत खट्टे कर वीर गति को प्राप्त रामनगरी का सपूत, गांव का सीना गर्व से चौड़ा
अयोध्या कोतवाली क्षेत्र के रानोपाली बढ़ई टोला निवासी राजकुमार यादव ने भी नक्सलियों से मोर्चा लिया। शहादत पर स्वजन की आंखों में आंसू। इससे पहले चार जून वर्ष 2015 में मणिपुर में हुए नक्सली हमले में भी रामनगरी का एक लाल शहीद हो गया था।
अयोध्या, जेएनएन। छत्तीसगढ़ में हुए नक्सली हमले में रामनगरी ने वीर सपूत खो दिया। बीजापुर और सुकमा जिले की सीमा पर सीआरपीएफ की कोबरा 210 बटालियन में तैनात अयोध्या कोतवाली क्षेत्र के रानोपाली बढ़ई टोला निवासी राजकुमार यादव ने भी नक्सलियों से मोर्चा लिया। अदम्य साहस का परिचय देते हुए राजकुमार ने नक्सलियों ने दांत तो खट्टे कर दिए, लेकिन अंतत: वह वीरगति को प्राप्त हुए। रविवार की रात उनकी शहादत की सूचना यहां पहुंचते ही गांव में शोक की लहर दौड़ गई। राजकुमार की शहादत पर स्वजन की आंखों में आंसू तो रहे लेकिन सीना गर्व से चौड़ा था। जिलाधिकारी अनुज झा और एसएसपी शैलेश कुमार पांडेय भी सूचना पाकर शहीद के आवास पहुंचे।
1976 में हुआ था जन्म: चार जुलाई वर्ष 1976 को रानोपाली निवासी सूरजलाल यादव के घर वीर सपूत राजकुमार यादव का जन्म हुआ था। वर्ष 1995 में वह सीआरपीएफ में नियुक्त हुए। वे ताइक्वांडो के शानदार खिलाड़ी भी रहे।
कैंसर से जूझ रही शहीद की मां : शहीद राजकुमार के पिता का पहले ही स्वर्गवास हो चुका है। मां कैंसर से पीड़ित है। परिवार में उनकी पत्नी ज्ञानमती, दो पुत्र शिवम (13) व हिमांशु (10) व दो भाई रामविलास और मुरारी हैं।
दिसंबर में आए थे घर: गत वर्ष दिसंबर में राजकुमार छुट्टियों पर घर आए थे। 11 जनवरी को देश के प्रति जिम्मेदारी निभाने के लिए वह वापस ड्यूटी पर चले गए। दो दिन पहले ही वाट्सएप मैसेज के जरिये राजकुमार की अपने भाई रामविलास से वार्ता हुई थी, जिसमें उसने अपने परिवार का कुशलक्षेम जाना था।
श्रद्धासुमन अर्पित करने लोगों का तांता: राजकुमार यादव को श्रद्धासुमन अर्पित करने के लिए आज बड़ी संख्या में गांव ही नहीं पूरे शहर के लोग शहीद के घर पर दिखे। महापौर रिषिकेश उपाध्याय ने राजकुमार की शहादत को शौर्य का प्रतिमान बताया है। उन्होंने कहाकि शहीद राजकुमार की स्मृतियों को जीवंत रखने के लिए उनके नाम पर सड़क का नामकरण किया जाएगा। गांव के पप्पू खान राजकुमार के साथ बिताए पल को याद करते भावुक हो उठते हैं। कहते हैं कि बहुत बहादुर था मेरा दोस्त। अधिवक्ता रिंकू पांडेय व संजू वर्मा कहते हैं राजकुमार यादव गांव की शान था।
छह साल बाद फिर नक्सलियों ने रामनगरी से छीना वीर सपूत: सात वर्ष बाद एक बार फिर नक्सलियों ने रामनगरी के उसका सपूत छीनने का दुस्साहस किया है। चार जून वर्ष 2015 में मणिपुर में हुए नक्सली हमले में नगरी के कैंट थाना अंतर्गत सालारपुर निवासी रामप्रसाद यादव शहीद हो गए थे। रामप्रसाद यादव डोगरा के जांबाज थे। रामप्रसाद की शहादत के बाद सेना ने नक्सलियों से, जो बदला लिया था वैसी ही प्रतिक्रिया की अपेक्षा इसबार भी की जा रही है। सात साल पहले मणिपुर में नक्सलियों ने घात लगाकर सेना के काफिले पर हमला किया था। इसबार भी धोखे से किए गए हमले में सीआरपीएफ जवानों की शहादत हुई।