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दो साल से फरार हेलो राइड कंपनी का मास्टर माइंड गिरफ्तार, एसटीएफ ने लखनऊ से दबोचा

25 हजार के इनामी ने 100 करोड़ रुपये हड़पने की बात कबूली। पूछताछ में आरोपित ने बताया कि अभय कुशवाहा ने वर्ष 2013 में इंफिनिटी वल्र्ड इंफ्रा वेंचर लिमिटेड कंपनी बनाई थी। कंपनी में सस्ते प्लाट के नाम पर किस्त में रुपये जमा किए जाते थे।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sun, 18 Jul 2021 07:05 AM (IST)Updated: Sun, 18 Jul 2021 12:51 PM (IST)
दो साल से फरार हेलो राइड कंपनी का मास्टर माइंड गिरफ्तार, एसटीएफ ने लखनऊ से दबोचा
एसटीएफ ने बी ब्लाक इंदिरानगर से दबोचा, दो साल से था फरार।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। हेलो राइड कंपनी बनाकर हजारों निवेशकों को मुनाफे का झांसा देकर 100 करोड़ रुपये हड़पने के आरोपित को एसटीएफ व विभूतिखंड थाने की संयुक्त टीम ने शनिवार को गिरफ्तार कर लिया। आरोपित राजेश पांडेय हेलो राइड लिमिटेड कंपनी का मास्टरमाइंड था, जिस पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित था। लखनऊ पुलिस और एसटीएफ दो साल से आरोपित की तलाश कर रही थी।

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बी ब्लाक इंदिरानगर निवासी राजेश पांडेय ने हेलो राइड के अलावा इंफिनिटी वल्र्ड इंफ्रा वेंचर व ओजोन इंफिनिटी एग्रो प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड के नाम से भी कंपनियां बनाई थीं। इन कंपनियों के माध्यम से भी आरोपित ने अरबों रुपये हड़पे थे। राजेश पर सिर्फ विभूतिखंड थाने में कुल 25 मुकदमे दर्ज हैं। पूछताछ में आरोपित ने बताया कि अभय कुशवाहा ने वर्ष 2013 में इंफिनिटी वल्र्ड इंफ्रा वेंचर लिमिटेड कंपनी बनाई थी। कंपनी में सस्ते प्लाट के नाम पर किस्त में रुपये जमा किए जाते थे। इसके डायरेक्टर अभय कुशवाहा, नीलम वर्मा, आजम सिद्दीकी व शकील अहमद थे।

राजेश कंपनी में सेल्स मैनेजर था। वर्ष 2017 में आरोपितों ने ओजोन इंफिनिटी एग्रो प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड कंपनी बनाई। इस कंपनी में धन दोगुना करने का लालच देकर लोगों से निवेश कराया गया। एक साल बाद हेलो राइड कंपनी बनाकर बाइक टैक्सी चलाने के नाम पर लोगों से करोड़ों रुपये जमा कराए गए। रुपये जमा कराने के लिए सात टीमें बनाई गई थीं, जिसमें 150 लोग काम करते थे। सभी को 15 प्रतिशत कमीशन भी दिया जाता था। राजेश कंपनी में ग्राहकों से एग्रीमेंट करने का काम करता था। कंपनी ने आरोपित को मर्सिडीज गाड़ी भी दी थी।

आरोपित ने बताया कि कंपनी में जब 100 करोड़ रुपये जमा हो गए तो निवेशकों को उनका लाभांश देना बंद कर दिया गया। इसके बाद निवेशकों ने विभूतिखंड थाने में एफआइआर दर्ज कराई थी। अभय को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था, जो तीन माह बाद जमानत पर छूट गया और अब फरार है। एसटीएफ ने वर्ष 2019 में आरोपित निखिल कुशवाहा को भी गिरफ्तार किया था। कंपनी के खिलाफ सैकड़ों मुकदमे दर्ज हैं। आरोपितों ने लखनऊ के अलावा फतेहपुर, नोएडा, मुजफ्फरपुर, मोहाली, पठानकोट और पंजाब में भी अपने दफ्तर खोले थे। पुलिस राजेश के बैंक खातों की पड़ताल कर रही है।


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