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अब ऑपरेशन के बाद नहीं तड़पाएगा दर्द, लोहिया संस्थान में एक्यूट पेन सर्विस शुरू

लोहिया संस्थान में एक्यूट पेन सर्विस शुरू हुई। तीन दिवसीय इंडियन सोसाइटी ऑफ पेन क्लीनिशियंस (आइएसपीसी कॉन 2018) आज से।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Thu, 15 Nov 2018 10:10 PM (IST)Updated: Fri, 16 Nov 2018 07:30 AM (IST)
अब ऑपरेशन के बाद नहीं तड़पाएगा दर्द, लोहिया संस्थान में एक्यूट पेन सर्विस शुरू

लखनऊ, जेएनएन। ऑपरेशन के बाद मरीज को बीमारी से तो राहत मिल जाती है, मगर शरीर पर लगे चीरे का दर्द से वह तड़पता रहता है। गोमतीनगर में स्थित डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में एक्यूट पेन सर्विस शुरू की गई है। इसके कारण ऑपरेशन का दर्द अब कम होगा। 

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लोहिया संस्थान के निदेशक प्रो. दीपक मालवीय ने गुरुवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में यह जानकारी दी। इंडियन सोसाइटी ऑफ पेन क्लीनिशियंस (आइएसपीसी कॉन ) 2018 का आयोजन किया जा रहा है। तीन दिवसीय कॉन्फ्रेंस शुक्रवार से शुरू होगी। इसमें मरीजों को दर्द से छुटकारा दिलाने के लिए क्या नए रिसर्च हो रहे हैं इसकी जानकारी दी जाएगी। उन्होंने बताया कि लोहिया संस्थान में एक्यूट पेन सर्विस शुरू कर दी है। इसमें मरीजों को ऑपरेशन के दर्द से निजात दिलाई जाएगी। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन के बाद मरीज को यूनिट में भर्ती किया जाएगा। इसके बाद मरीज को खास तरह की मशीन पीसीए पंप दिया जाएगा। इसमें दवाओं की खुराक भरी होगी। मरीज दर्द के हिसाब से पंप को दबाएगा। यदि मरीज को पहली खुराक में दर्द में फायदा नहीं मिला तो वह तय समय के बाद दवा की दूसरी खुराक ले सकेगा। संस्थान के सीएमएस डॉ. सीके पांडेय ने बताया कि संस्थान में हर दिन 40 से अधिक ऑपरेशन होते हैं और इसमें से करीब आठ से दस मरीजों को एक्यूट पेन सर्विस से दर्द से राहत दिया जा रहा है। 

सलमान खान की बीमारी का इलाज भी मौजूद 

लोहिया संस्थान के एनस्थीसिया विभाग के अध्यक्ष व कॉन्फ्रेंस की ऑर्गेनाइजिंग कमेटी के सचिव डॉ. अनुराग अग्रवाल ने बताया कि फिल्म अभिनेता सलमान खान को ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया नाम की बीमारी है। इस बीमारी का इलाज लोहिया संस्थान में उपलब्ध है। इसमें चेहरे के एक हिस्से में करंट की तरह झटका लगता है। कुछ भी खाते पीते या ब्रश करते वक्त मरीज असहनीय पीड़ा होती है। उन्होंने बताया कि ओपीडी में दो से तीन मरीज आ रहे हैं। इसमें गाल की नसों में गड़बड़ी से समस्या उत्पन्न होती है। रेडियो फ्रीक्वेंसी व ब्लून तकनीक से इलाज किया जाता है। 


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