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राम मंदिर में लगेगा श्रीलंका के अशोक वाटिका का पत्‍थर, रामलला के दरबार में शिला लेकर पहुंचे श्रीलंका से राजनायिक

श्रीलंका के राजदूत और दो मंत्री अशोक वाटिका का पत्थर लेकर गुरुवार को रामलला के दरबार पहुंचे। रामलला के दरबार में उन्‍होंने अशोक वाटिका की शिला को समर्पित किया। इसके साथ ही उन्‍होंने महंत के साथ रामलला की आरती भी उतारी।

By Rafiya NazEdited By: Published: Thu, 28 Oct 2021 02:51 PM (IST)Updated: Thu, 28 Oct 2021 03:38 PM (IST)
राम मंदिर में लगेगा श्रीलंका के अशोक वाटिका का पत्‍थर, रामलला के दरबार में शिला लेकर पहुंचे श्रीलंका से राजनायिक
रामलला मंदिर में लगेगा श्रीलंका के अशोक वाटिका का पत्‍थर।

अयोध्‍या, जागरण संवाददाता। मंदिर निर्माण के लिए अशोक वाटिका की शिला गुरुवार को अयोध्या पहुंची। श्रीलंका के उच्चायुक्त मिलिंद मोरा गोडा के नेतृत्व में श्रीलंका के एक प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को प्रथम बेला में रामलला का दर्शन किया। इस दौरान श्रीलंकाई प्रतिनिधिमंडल ने राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को अशोक वाटिका से लाई गई शिला भेंट की। यह शिला युगों पुराने अयोध्या और श्रीलंका के संबंधों की याद दिलाने वाली है। अपहरण के बाद रावण ने माता सीता को श्रीलंका की इसी अशोक वाटिका में रखा था और माता सीता की हनुमान जी से भेंट अशोक वाटिका में ही हुई थी। राम जन्मभूमि परिसर में श्री लंका के प्रतिनिधिमंडल का तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अलावा अयोध्या के साधु-संतों ने स्वागत किया।

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स्वागत करने वालों में मणिराम दास जी की छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास जगदगुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामदिनेशाचार्य उदासीन ऋषि आश्रम के महंत डा भरत दास अखाड़ा परिषद के प्रवक्ता महंत गौरी शंकर दास आचार्य मिथिलेश नंदिनी शरण राम कचहरी मंदिर के महंत शशिकांत दास महंत हरसिद्धि शरण कृपालु राम भूषण दास राम कुमार दास महंत छविरामदास पार्षद एवं हनुमानगढ़ी के पुजारी रमेश दास आदि प्रमुख रहे। इन संतो ने अशोक वाटिका की शिला को हृदयस्पर्शी बताया और कहा इसका अयोध्या आना श्री राम और मां सीता के अनुरागी समूह के लिए अत्यंत गौरवपूर्ण है और इसे पूरे सम्मान के साथ राम मंदिर में संरक्षित प्रतिष्ठित किया जाएगा।

तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने भी स्वीकार किया कि इस शिला के प्रति पूरा सम्मान अर्पित किया जाएगा। हालांकि अभी यह नहीं तय किया जा सका है कि राम मंदिर में अशोक वाटिका से आई शिला का किस रूप में प्रयोग होगा। शिला समर्पित करने के बाद श्रीलंका के प्रतिनिधिमंडल ने अयोध्या राज्य परिवार के प्रासाद राज सदन में पत्रकारों से वार्ता की। श्रीलंका के उप उच्चायुक्त नीलूका कदरगमआ ने बताया कि श्रीलंका में रामायण राम कथा और अयोध्या के बारे में सभी जानते हैं। 20 वर्ष पूर्व से श्रीलंका में रामायण यात्रा नाम की एक परियोजना संचालित है। श्रीलंका की रामायण यात्रा में बहुत से भारतीय भी शामिल होते हैं और वे श्रीलंका में रामायण कालीन अवशेषों का दर्शन करते हैं। इस मौके पर राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य एवं अयोध्या राज परिवार के मुखिया विमलेंद्र मोहन मिश्र तीर्थ क्षेत्र के एक अन्य सदस्य डॉ अनिल मिश्र एवं विहिप के प्रांतीय प्रवक्ता शरद शर्मा प्रमुख रूप से मौजूद रहे।


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