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International Women's Day: रसोई में चलती हैं इनकी क्लास, आरती का इनोवेशन फार्मूला पास

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस अयोध्या में बिन पूंजी विज्ञान की पढ़ाई को आरती बना रही हैं रुचिपूर्ण राष्ट्रीय स्तर पर पहचान।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sun, 08 Mar 2020 05:21 PM (IST)Updated: Sun, 08 Mar 2020 05:21 PM (IST)
International Women's Day: रसोई में चलती हैं इनकी क्लास, आरती का इनोवेशन फार्मूला पास
International Women's Day: रसोई में चलती हैं इनकी क्लास, आरती का इनोवेशन फार्मूला पास

अयोध्या, जेएनएन। बच्चों में पढ़ाई की रुचि विकसित हो, वे अधिक मन लगा कर पढ़ें, इसे लेकर रोज दर रोज नवाचार हो रहे हैं। सरकार भी प्रेरित कर रही है। कई शिक्षक इसमें पूंजी लगाते हैं, फिर भी नतीजे उत्साहवर्धक नहीं मिलते, लेकिन जीजीआइसी गौहनिया की डॉ. आरती ने रसोई में पाठशाला लगाकर पढ़ाई का ऐसा तरीका खोजा, जिसकी चर्चा राष्ट्रीय फलक पर हो रही है। उन्होंने रुचिपूर्ण शिक्षण-पद्धति विकसित की। बच्चों को विज्ञान का कंसेप्ट समझाया। पानी का गुण भी बताया। इसी उपलब्धि के लिए गत दिनों आरती नई दिल्ली में सम्मानित भी हुईं। आरती की नई शिक्षण शैली शून्य लागत की है। यह राष्ट्रीय स्तर की पुस्तिका में प्रकाशित होगी। दिल्ली में देशभर के नौ सौ शिक्षक थे, जिसमें यूपी के सिर्फ 37 शिक्षक ही थे। इसी कतार में डॉ. आरती भी रहीं। 

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आरती शहर के खोजनपुर स्थित बैंक कॉलोनी की रहने वाली हैं। दो बच्चे हैं। पहले 2009 में प्राथमिक विद्यालय में तैनात रहीं। तीन साल बाद ही राजकीय विद्यालय में उन्हें नियुक्ति मिली। परिषदीय विद्यालय की छोटी भी पारी में आरती ने शिक्षकों को लगातार प्रेरित किया, वह एनपीआरसी रही। आरती कहती हैं कि कुछ ऐसा नवाचार करना चाहती हैं, जिससे जिले का नाम पूरे देश में रोशन हो। उन्होंने कहा कि रसोई प्रत्येक विद्यालय में है। सभी शिक्षक इसे अपनाकर बच्चों को अच्छी तरह पढ़ा सकते हैं। 

ऐसे बताया वाष्प, संघनन व वर्षा का कारण 

आरती बताती हैं कि एक दिन वह विद्यालय में पढ़ा रही थी, तभी अचानक उनका ध्यान रसोई की ओर गया। जहां चूल्हे पर रखा भगोना तेजी से वाष्प उत्सर्जित कर रहा था, तभी वे बच्चों को ले आईं और एक के एक बाद एक सिद्धांत बताना व समझाना शुरू कर दिया। चूल्हे पर पानी को गर्म करके पानी से भाप बनने की प्रक्रिया दिखाई। पानी गर्म होने पर भाप बन जाता है। भाप हवा से हल्की होने के कारण ऊपर उठती है और भगोने के ढक्कन पर बूंद-बूंद जमा हो जाती है और ये ठंडा होने पर बरसती भी है। 

पानी के विलायक गुण को यूं समझाया 

बच्चों से ग्लास में पानी मंगाया, बारी=बारी इसमें चीनी व नमक मिलवाया। बाद में बच्चों से पूछा कि चीनी व नमक दिख रहा है क्या! बच्चों का जबाब आया नहीं। फिर क्या, आरती ने बताया कि जो प्रभावी होता है, उसमें दूसरों का विलय हो जाता है, ठीक उसी तरह से जैसे पानी में नमक व चीनी घुल जाता है। पानी का यह गुण विलायक कहलाता है।


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