पुलिस कोर्ट लाइव : 'कहां हैं दारोगा जी, बुलाइए तभी होगी शांति भंग की सुनवाई'
न्यायालय सहायक पुलिस आयुक्त में विशेष कार्यपालक मजिस्ट्रेट अभय कुमार मिश्र ने दी नसीहत। सीआरपीसी पढ़कर मातहतों को सुनाया पालन सुनिश्चित कराने के निर्देश।
लखनऊ, (ज्ञान बिहारी मिश्र)। शाम के करीब साढ़े चार बज रहे थे। सहायक पुलिस आयुक्त के न्यायालय में अधिवक्ताओं की भीड़ लगी हुई थी। कोर्ट से ज्यादा बाहर लोग खड़े थे। इनमें कई शांति भंग के आरोपित थे, जिन्हें पुलिस पकड़कर ले आई थी। अचानक कोर्ट में सन्नाटा पसर गया। जानकारी करने पर पता चला कि विशेष कार्यपालक मजिस्ट्रेट कोर्ट रूम में आ चुके हैं।
न्यायालय की कार्रवाई फौरन शुरू हो गई। हेड मुहर्रिर एक-एक करके चालान विशेष कार्यपालक मजिस्ट्रेट अभय कुमार मिश्र के सामने रखने लगा। इस बीच पुलिस की ओर से की गई शांति भंग की कार्रवाई के कागजात मजिस्ट्रेट के सामने रखे गए। मजिस्ट्रेट ने मुहर्रिर से दारोगा को पेश करने के लिए कहा तो पता चला कि संबंधित दारोगा उपस्थित ही नहीं है। शांति भंग के आरोपितों को सिपाही लेकर आए हैं। यह सुनते ही मजिस्ट्रेट ने नाराजगी जताई और कहा कि बिना दारोगा की उपस्थिति और बयान के शांति भंग की सुनवाई नहीं होगी। मजिस्ट्रेट ने कोर्ट में उपस्थित मुहर्रिर को सीआरपीसी पढऩे को कहा। यही नहीं उन्होंने कुछ प्रावधान पढ़कर पुलिसकर्मियों को सुनाया। इसके बाद सुनवाई शुरू हुई, जो करीब एक घंटे तक चली।
भीड़ से आ रही समस्या
पूर्व एसएसपी कार्यालय में सहायक पुलिस आयुक्त का कोर्ट बनाया गया है, जिसमें पहले चुनाव सेल स्थापित था। कोर्ट में भीड़ ज्यादा होने के कारण न केवल पुलिसकर्मियों बल्कि अधिवक्ताओं को भी परेशानी उठानी पड़ रही है। पुलिसकर्मियों का कहना है कि कोर्ट रूम छोटा होने से यह समस्या सामने आ रही है। इसकी जानकारी विशेष कार्यपालक मजिस्ट्रेट को दी गई है। सोमवार को भी कुछ मोहर्रिर मजिस्ट्रेट के समक्ष अपनी परेशानी बताते देखे गए।