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रामपुर के SP संतोष कुमार मिश्रा पर गिरी गाज, आजम खां को आठ केस में जमानत मिलने पर सरकार सख्त

रामपुर के एसपी संतोष कुमार मिश्रा को हटाकर उन्हें पुलिस अधीक्षक पुलिस मुख्यालय प्रयागराज के पद पर भेजा गया है। शगुन गौतम को पुलिस अधीक्षक रामपुर के पद पर तैनात किया गया है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sun, 01 Mar 2020 11:22 AM (IST)Updated: Sun, 01 Mar 2020 11:41 AM (IST)
रामपुर के SP संतोष कुमार मिश्रा पर गिरी गाज, आजम खां को आठ केस में जमानत मिलने पर सरकार सख्त
रामपुर के SP संतोष कुमार मिश्रा पर गिरी गाज, आजम खां को आठ केस में जमानत मिलने पर सरकार सख्त

लखनऊ, जेएनएन। समाजवादी पार्टी से सांसद आजम खां को रामपुर में दर्ज सात दर्जन से अधिक मामलों में से आठ में जमानत मिलने के बाद वहां के पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई तय थी। इस मामले में रामपुर के एसपी को हटा दिया गया है। योगी आदित्यनाथ सरकार ने शनिवार देर रात रामपुर के पुलिस अधीक्षक सहित 12 आइपीएस अफसरों का तबादला किया है।  जनवरी में अजयपाल शर्मा की जगह संतोष कुमार मिश्रा को रामपुर भेजा गया था।

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रामपुर के एसपी संतोष कुमार मिश्रा को हटाकर उन्हें पुलिस अधीक्षक पुलिस मुख्यालय प्रयागराज के पद पर भेजा गया है। शगुन गौतम को पुलिस अधीक्षक रामपुर के पद पर तैनात किया गया है। शगुन गौतम इससे पहले बतौर पुलिस अधीक्षक, प्रयागराज पुलिस मुख्यालय कार्यरत थे। वह रामपुर में ट्रेनी आईपीएस के रूप में भी कार्य कर चुके हैं।

संतोष कुमार मिश्रा के खिलाफ आजम खान पर दर्ज मुकदमों में पुलिस रिपोर्ट नहीं भेजे जाने की शिकायत थी। शनिवार को कोर्ट में पुलिस की मौजूदगी में कुछ लोगों की आजम खां से मुलाकात कराए जाने के मामले में संज्ञान लेते हुए सरकार ने उनका ट्रांसफर कर दिया गया है।

संतोष कुमार मिश्रा को प्रयागराज पुलिस मुख्यालय के पुलिस अधीक्षक की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके साथ ही विश्वजीत महापात्रा को पुलिस महानिदेशक विशेष जांच उत्तर प्रदेश लखनऊ, सुनील कुमार गुप्ता को अपर पुलिस महानिदेशक दूरसंचार लखनऊ, अशोक कुमार सिंह को अपर पुलिस महानिदेशक यातायात तथा रवि जोसेफ को अपर पुलिस महानिदेशक जीएसओ लखनऊ बनाया गया है। ज्योति नारायण को पुलिस महानिरीक्षक (कानून-व्यवस्था), एन रविंद्र को पुलिस महानिदेशक (प्रोविजनिंग एवं बजट), विजय प्रकाश को पुलिस महानिरीक्षक (फायर सर्विस) उत्तर प्रदेश के पद पर तैनाती मिली है। धर्मवीर को पुलिस महानिरीक्षक होमगार्ड लखनऊ, मनोज कुमार सोनकर को सेनानायक आठवीं बटालियन पीएसी मेरठ और सूर्यकांत त्रिपाठी को सेनानायक 44 वीं बटालियन पीएससी मेरठ की जिम्मेदारी सौंपी गई है। 

महापात्रा इससे पहले डीजी रूल्स एंड मैन्युल्स, सुनील गुप्ता डीजीपी के स्टाफ अफसर, अशोक कुमार सिंह एडीजी साइबर क्राइम, रवि जोजफ लोक्कू एडीजी सुरक्षा थे। ज्योति नारायण केंद्र से वापस लौटे हैं, जबकि एन रविन्दर आइजी फायर सर्विस, विजय प्रकाश आइजी रेलवे, धर्मवीर आइजी सीबसीआइडी, मनोज कुमार सोनकर डीजीपी से सम्बद्ध और सूर्यकांत त्रिपाठी एसपी एटीसी सीतापुर के पद पर तैनात थे।

इससे पहले 22 फरवरी को यूपी सरकार ने पांच आईपीएस अफसरों का तबादला किया था। मथुरा के एसएसपी शलभ माथुर को एसपी विशेष जांच प्रकोष्ठ के पद पर भेजकर गौरव ग्रोवर को मथुरा का नया एसएसपी बनाया गया। मुनिराज को अलीगढ़ का नया एसएसपी बनाया है, जबकि आकाश कुलहरी को डीआइजी पीएसी मुख्यालय लखनऊ भेजा गया। विपिन मिश्रा को एसपी बहराइच जिम्मेदारी सौंपी गई।

पुलिस की लापरवाही से आजम खां को मिली आठ मामलों में जमानत

सांसद आजम खां को पुलिस की लापरवाही से आठ मामलों में जमानत मिल गई। अदालत ने जमानत प्रार्थना पत्र पर पुलिस से आख्या मांगी थी लेकिन, पुलिस ने कोर्ट में अपनी कोई रिपोर्ट नहीं दी। इसी कारण जमानत हो गई। पुलिस की लापरवाही की शिकायत मुख्यमंत्री तक की गई। इसके बाद अधिकारियों ने जांच शुरू करा दी। सांसद आजम खां इन दिनों पत्नी तजीन फात्मा और बेटे अब्दुल्ला आजम समेत सीतापुर जेल में बंद हैं। उनके खिलाफ 68 मुकदमे विचाराधीन हैं। उन्होंने 26 फरवरी को अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया था। उस दिन 17 मामलों में आत्म समर्पण की अर्जी लगाने के साथ ही जमानत के प्रार्थना पत्र भी लगाए। अदालत नें पांच मामलों में उसी दिन जमानत मंजूर कर ली थी। अन्य मामलों में अगली तारीख लगा दी।

अब्दुल्ला के दो जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के मामले में सुनवाई के लिए दो मार्च की तारीख लगाते हुए जेल भेज दिया था। अदालत ने अन्य मामलों में पुलिस से आख्या मांगी लेकिन, पुलिस ने अपनी कोई रिपोर्ट ही नहीं दी। पैरवी नहीं होने पर आठ मामलों में आजम खां की जमानत 27 फरवरी को मंजूर हो गई। पुलिस की इस लापरवाही की शिकायत भारतीय जनता पार्टी लघु उद्योग प्रकोष्ठ के पउप्र संयोजक आकाश सक्सेना ने मुख्यमंत्री से की। अपर जिला शासकीय अधिवक्ता ने भी पुलिस लापरवाही के संबंध में जिलाधिकारी को लिखा।


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