Zila Panchayat Chunav Result: अखिलेश यादव ने जिलों से मांगी रिपोर्ट, पूछा- क्यों हारे हमारे प्रत्याशी
UP Zila Panchayat Result 2021 अखिलेश यादव लगातार भाजपा पर लोकतंत्र की हत्या चुनाव में सत्ता के दुरुपयोग के आरोप लगा रहे हैं लेकिन इसके बावजूद वह हार के कारणों की वास्तविक समीक्षा कर लेना चाहते हैं ताकि विधानसभा चुनाव में ऐसी किसी स्थिति का सामना न करना पड़े।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ : उत्तर प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में मिली करारी हार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बेहद गंभीरता से लिया है। भितरघात रहा या भारतीय जनता पार्टी का दबाव, वह हार के कारणों की तह तक जाना चाहते हैं। इसके लिए सभी जिलों से रिपोर्ट तलब की है कि समाजवादी पार्टी और गठबंधन के प्रत्याशी आखिर क्यों हारे। इसके लिए जिला अध्यक्ष, महानगर अध्यक्ष और जिला महासचिवों को सात जुलाई तक का वक्त दिया गया है।
जिला पंचायत सदस्यों के परिणाम आने पर समाजवादी पार्टी ने दावा किया था कि सबसे अधिक सपा समर्थित प्रत्याशी जीते हैं। ऐसे में पार्टी मुखिया अखिलेश यादव को पूरा भरोसा था कि जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में भी सबसे ज्यादा उन्हीं के प्रत्याशी जीतेंगे, जबकि परिणाम इसके बिल्कुल उलट रहा। कुल 75 में से भाजपा के तो 67 प्रत्याशी जीत गए और सपा महज पांच सीटों पर सिमट कर रह गई।
पार्टी में चल रही सेंधमारी और भितरघात का अंदेशा शायद अखिलेश यादव को तभी हो गया था, जब नामांकन के लिए कई जिलों में उनके प्रत्याशियों को प्रस्तावक तक नहीं मिले। उसी से नाराज होकर, सख्ती का संदेश देने के लिए उन्होंने तत्काल 11 जिलाध्यक्षों को पद से हटा दिया था। हालात तब भी नहीं सुधरे और शनिवार को हुए पंचायत अध्यक्षों के चुनाव में वह मैनपुरी, कन्नौज, फीरोजाबाद, बदायूं जैसे गढ़ भी हार गए।
बेशक, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव लगातार भाजपा पर लोकतंत्र की हत्या, चुनाव में सत्ता के दुरुपयोग के आरोप लगा रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद वह हार के कारणों की वास्तविक समीक्षा कर लेना चाहते हैं, ताकि आगामी विधानसभा चुनाव में ऐसी किसी स्थिति का सामना न करना पड़े। यही वजह है कि उनके निर्देश पर प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने रविवार को सभी वर्तमान-निवर्तमान जिला अध्यक्ष, महानगर अध्यक्ष और जिला महासचिवों को पत्र भेजा है।
पत्र में कहा गया है कि तीन जुलाई को हुए जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव में आपके जिले में पराजय के क्या कारण रहे, जिससे समाजवादी पार्टी व गठबंधन के प्रत्याशी की पराजय हुई। इस संबंध में अपनी स्पष्ट रिपोर्ट सात जुलाई तक अनिवार्य रूप से प्रदेश कार्यालय में प्रस्तुत करें। माना जा रहा है कि इस रिपोर्ट के आधार पर अखिलेश पार्टी संगठन में बड़े बदलाव कर सकते हैं। कई अध्यक्ष और महासचिवों पर कार्रवाई हो सकती है।