सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने स्वतंत्रता दिवस पर देश के नाम जारी की चिट्ठी, कहा- नई हवा है, नई सपा है
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि हर विशेष दिवस हमें संकल्पों की ओर प्रेरित करता है। इसलिए आज नए संकल्प धारण करने का अवसर है जिससे देश और देशवासियों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए हम अपनी प्रतिबद्धता को दोहराएं और नए संकल्प लें।
लखनऊ, जेएनएन। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने देश के नाम एक चिट्ठी जारी की है। 75वें स्वतंत्रता दिवस पर देश और प्रदेशवासियों को चिट्ठी लिखकर सपा सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए उन्होंने कहा कि बेरोजगारी, बढ़ती महंगाई और घटती कमाई से समाज का हर तबका परेशान है। इन हालात में जनता परिवर्तन और बदलाव का नया संकल्प धारण कर चुकी है।
स्वतंत्रता दिवस पर जारी इस पत्र में अखिलेश यादव ने स्वतंत्रता के 75 वर्ष पर शुभकामनाएं दी है। उन्होंने कहा है कि हर विशेष दिवस हमें संकल्पों की ओर प्रेरित करता है। इसलिए आज आपसे और अपने आप से संवाद कर नए संकल्प धारण करने का अवसर है, जिससे देश और देशवासियों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए हम अपनी प्रतिबद्धता को दोहराएं और नए संकल्प लें।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बदलाव की इस बयार को परिवर्तन की आंधी में बदलकर नए उत्तर प्रदेश के निर्माण के लिए 'बाइस में बाइसिकल' के मिशन को साकार करने के लिए लोगों से सहयोग और समर्थन की अपील की है। यह कहते हुए कि 'नई हवा है, नई सपा है', 'बड़ों का हाथ, युवा का साथ' पत्र में अखिलेश ने कहा है कि नए युग में सरकारों का स्वरूप भी बदलना चाहिए। सरकार को शासक नहीं बल्कि जनता की सेवा करने वाला एक सर्विस प्रोवाइडर की तरह काम करने का संकल्प लेना चाहिए। ऐसा करके ही हम जनहित में काम कर सकते हैं और करेंगे भी।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लोगों से अपील करते हुए कहते हैं कि आजादी की सालगिरह का ये दिन बड़ा स्पेशल है। देश स्वतंत्रता के तीन चौथाई सदी में प्रवेश कर रहा है, इसीलिए सब न्यू यूपी बनाने का संकल्प लें। उन्होंने पत्र में लिखा कि आज नया युग है इसलिए सरकारों का स्वरूप भी बदलना चाहिए।
एक चिट्ठी देश के नाम pic.twitter.com/CsRwKRdtdy
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) August 15, 2021
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि मिलिट्री स्कूल में पढ़ाई के दौरान देश के लिए जीवन समर्पित करने का जो पाठ पढ़ा वह आज भी याद है और सदैव रहेगा। मिलिट्री स्कूल में ही अनुशासन का वह पाठ भी पढ़ा जिसने सिखाया कि चाहे व्यक्तिगत जीवन हो, सामाजिक या राजनीतिक, सभी जगह अनुशासन को महत्व दो। यही अनुशासन राजनीति में 'अनुशासन से शासन' के प्रेरणा वाक्य को जन्म दे गया।
यही कानून व्यवस्था को प्राथमिकता देने के मामले में अपराध को खत्म करने की ताकत भी बना और आगे भी बनता रहेगा। यह उनका जनता और खुद से भी एक वचन है। उन्होंने कहा है कि हमारा संकल्प समाज में स्नेह और सौहार्द को बढ़ाना है। हम सभी तरह के भेदभाव को पहले न्यून और फिर शून्य करने का प्रयास करेंगे। यह तभी संभव होगा जब समाज के सभी लोगों को पर्याप्त प्रतिनिधित्व मिलेगा और अपने अधिकारों का मंच भी। उन्होंने डाक्टर, इंजीनियर, चार्टर्ड अकाउंटेंट, वकील, आइटी व अन्य पेशेवरों को जनसेवक के रूप में अपने इस आंदोलन से जुड़ने का न्योता दिया है।