किसान आंदोलन में मौतों पर अखिलेश यादव ने सरकार को कोसा, कहा- झूठ व धोखा भाजपा की आदत में शुमार
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने किसान हित के लिए संघर्ष जारी रखने का एलान किया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली की सीमा पर आंदोलनरत किसानों में तीन दर्जन लोगों की मौत होना विचलित करने वाली घटना है। काले कृषि कानूनों को जबरन थोप देने की कोशिश बीजेपी को भारी पड़ेगी।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। दिल्ली की सीमा पर आंदोलनरत किसानों में तीन दर्जन लोगों की मौत होना विचलित करने वाली घटना है। बेतुके तर्क व झूठे तथ्यों के जरिए काले कृषि कानूनों को जबरन थोप देने की कोशिश भारतीय जनता पार्टी को भारी पड़ेगी। झूठ और धोखा भाजपा की आदत में शुमार है। किसानों की उपेक्षा करने वालों के लिए अपना अस्तित्व बचा पाना भी आसान न होगा। रविवार को समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ये बातें कहते हुए किसान हित के लिए संघर्ष जारी रखने का एलान किया।
शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए सपा अध्यक्ष अखिलेश ने कहा कि शहीद किसानों की संख्या बढ़ती जा रही है, परंतु संवेदनहीन भाजपा सरकार टस से मस नहीं हो रही। किसानों के मौत की जिम्मेदार भाजपा ही है। सत्ता का इतना दंभ व इतनी निष्ठुरता अब तक कभी नहीं देखी।
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किसान अपने भविष्य को बचाने के लिए अपनी जान दे रहा है लेकिन भाजपा सरकार बेतुके तर्कों व झूठे तथ्यों से काले कृषि-क़ानून थोपना चाहती है.
किसानों की मृत्यु के लिए भाजपा दोषी है.— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) January 3, 2021
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि बेहतर होगा भाजपा चंद अमीर मित्रों के फायदे के लिए पूरे देश के किसान को न ठगे और कृषि कानूनों को वापस ले। हर जमीनी कार्यकर्ता, वह चाहे जिस पार्टी में हो, यही चाहता हैै। भारत का राजनीतिक नेतृत्व इतना बंजर कभी न था। भाजपा लगातार किसानों का तिरस्कार कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि योगी सरकार घरों में किसानों को कैद करने के अलावा अफसरों को भेजकर डराने धमकाने का अलोकतांत्रिक काम कर रही है।
अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी पहले दिन से ही किसानों के साथ है। सपाइयों ने किसान यात्रा व समाजवादी घेरा के जरिए गांव-गांव में चौपाल लगाकर किसानों के साथ संवाद किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने किसान को बर्बादी की कगार पर खड़ा कर दिया है। वह कारपोरेट समर्थक है, जबकि समाजवादी पार्टी किसानों की समृद्धि के लिए बराबर संघर्ष करती रही है।