सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा- भाजपा सरकार को किसानों के दुख और दर्द का अहसास अब भी नहीं
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा की प्राथमिकता में किसान और खेती नहीं उद्योगपति और बड़े पूंजी घराने रहे हैं। बदनाम करने के प्रपंचों से किसान बहुत आहत हैं। भाजपा ने नोटबंदी जीएसटी श्रम कानून और कृषि कानून लाकर खरबपतियों को ही फायदा पहुंचाने वाले नियम बनाए हैं।
लखनऊ, जेएनएन। किसान आंदोलन के समर्थन में सरकार पर लगातार हमलावर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने फिर निशाना साधा है। रविवार को जारी बयान में उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार किसानों के दुख और दर्द का अहसास अब भी नहीं कर रही है। उसे झूठे भुलावों में फंसाए रखना चाहती है। किसानों की राय के बिना थोपे गए कृषि कानूनों पर अभी भी सरकार हठधर्मी दिखा रही है, जबकि किसानों के पक्ष में उमड़ा जनभावना का अभूतपूर्व सैलाब दर्शाता हैं कि उनसे आम जनता कितना दुखी है।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा की प्राथमिकता में किसान और खेती नहीं, उद्योगपति और बड़े पूंजी घराने रहे हैं। किसानों को बदनाम करने के प्रपंचों से वे बहुत आहत हैं। भाजपा ने नोटबंदी, जीएसटी, श्रम कानून और कृषि कानून लाकर खरबपतियों को ही फायदा पहुंचाने वाले नियम बनाए हैं। आम जनता को तो भाजपा ने बस सताया ही है।
भाजपा द्वारा किसानों को बदनाम करने के प्रपंचों से किसान बहुत आहत हैं. भाजपा ने नोटबंदी, जीएसटी, श्रम क़ानून व कृषि क़ानून लाकर खरबपतियों को ही फ़ायदा पहुँचाने वाले नियम बनाए हैं.
भाजपा ने आम जनता को बहुत सताया है.
वो आँसू टपके बस दो आँख से हैं
पर दुख-दर्द वो लाखों लाख के हैं pic.twitter.com/O1G1PIIIIT— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) January 31, 2021
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि वैसे भी किसान भाजपा सरकार के कार्यकाल में चौतरफा मार का शिकार है। खेतों में बोआई कर रहे मक्का किसानों पर महंगाई की मार है। मक्का बीज के दाम 470 रुपये तक बढ़ गए हैं। इससे मक्का की बोआई का रकबा घट सकता है। किसान का मक्का तो सस्ता है, पर बीज महंगा है। अब उसके नुकसान को देखते हुए बीज पर सब्सिडी दी जानी चाहिए, लेकिन भाजपा सरकार मुंह पर पट्टी बांधे है। अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री को गन्ना किसानों के बकाया की समीक्षा की सलाह भी दी है।