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Board Exam 2020: प्वाइंट वाइज लिखकर करें याद...तनाव हटाएंगे, तभी तो नंबर आएंगे

Board exam 2020 किसी भी तरह की शंका या सवाल मन में न आने दें। परीक्षा फीवर को दूर करने के लिए आप कुछ उपाय अपना सकते हैं।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Wed, 12 Feb 2020 10:01 AM (IST)Updated: Wed, 12 Feb 2020 04:20 PM (IST)
Board Exam 2020: प्वाइंट वाइज लिखकर करें याद...तनाव हटाएंगे, तभी तो नंबर आएंगे
Board Exam 2020: प्वाइंट वाइज लिखकर करें याद...तनाव हटाएंगे, तभी तो नंबर आएंगे

लखनऊ, जेएनएन। Board Exam 2020: परीक्षा शुरू होने से पहले ही बहुत से बच्चे एक अनजाने डर का शिकार हो जाते हैं। ‘पेपर कैसा होगा, अच्छे मार्क्‍स आएंगे या नहीं, कहीं फेल न हो जाऊं’ ऐसे तमाम सवाल बच्चों के दिमाग में उमड़ने लगते हैं। ऐसे में, बच्चों को शिक्षकों और मनोचिकित्सकों की केवल यही राय है कि वे केवल अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करें। किसी भी तरह की शंका या सवाल मन में न आने दें। परीक्षा फीवर को दूर करने के लिए आप कुछ उपाय अपना सकते हैं।

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प्वाइंट वाइज लिखकर याद करें

नवयुग डिग्री कॉलेज में जंतु विज्ञान की प्राध्यापिका डॉ. रेखा रानी कहती हैं, बच्चे जितना भी पढ़ें उस पर ध्यान केंद्रित करें। जितना भी पढ़ा हो, उनको प्वाइंट बनाकर लिखना शुरू करें। अपने आप पर विश्वास करें। अगर डायग्राम वाले प्रश्न हैं तो उनको भी कई बार बनाकर याद करेंगे तो उसकी थ्योरी भी आसानी से याद हो जाएगी। जो भी बच्चे पढ़ रहे हैं और अचानक उनको यह डर सताता है कि कहीं वह उसे भूल न जाएं तो तुरंत उसे कॉपी पर लिखें। जब वह देखेंगे कि उनका लिखा हुआ उत्तर सही है तो हैप्पी हार्मोस का सीक्रेशन होगा और उनका डर भी दूर होगा।माता-पिता करें बच्चों की काउंसिलिंग नेशनल पीजी कॉलेज में डिपार्टमेंट ऑफ एजूकेशन में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. रीना श्रीवास्तव कहती हैं, एग्जामिनेशन फोबिया ज्यादातर बच्चों में उनके अभिभावक ही पैदा करते हैं। परीक्षाओं के नाम पर वे डराते रहते हैं। इसलिए सबसे पहले अभिभावक बच्चों को गाइड करें, उनकी अच्छी तरह काउंसिलिंग करें न कि उनको बेवजह डराएं। वहीं, बच्चों की पढ़ाई के लिए टाइम टेबल बनाएं ताकि वे टाइम मैनेजमेंट के अनुसार अपनी पढ़ाई करें। जो भी फार्मूले हैं उनको अपनी स्टडी टेबल या दीवार पर लिखकर टांग लें ताकि आते-जाते उन पर नजर पड़ेगी और वह उनके दिमाग में रहेंगे।

खानपान का रखें विशेष ध्यान

केजीएमयू में डाइटीशियन शालिनी श्रीवास्तव कहती हैं, परीक्षा के दौरान बच्चों के खानपान पर विशेष ध्यान देना चाहिए। इस दौरान बच्चों को मौसमी फल, हरी सब्जियां, दूध व दूध से बने खाद्य पदार्थ दें। जंक फूड के सेवन से दूर रखें और कम से कम छह घंटे की नींद अवश्य लें।

इन बातों का रखें ख्‍याल 

  • विद्यार्थियों में बोर्ड परीक्षा के समय काफी तनाव हो जाता है। ऐसे विद्यार्थियों की अध्यापकों या शिक्षाविदों द्वारा काउंसिलिंग कराई जाए।
  • प्री-बोर्ड परीक्षा के परिणाम के आधार पर विद्यार्थियों की विषयवार कठिनाइयों को चिन्हित कर उनका निवारण करें।
  • बोर्ड परीक्षा में सर्वोच्च अंक पाने के उद्देश्य से बच्चों को मॉडल पेपर के प्रश्नों से अभ्यास कराया जाए।
  • प्री-बोर्ड में सर्वोच्च अंक पाने वाले विद्यार्थियों के माता-पिता, अध्यापक, प्रिंसिपल और शिक्षाधिकारी का आपस में संपर्क कराया जाए। ताकि कमजोर बच्चों का मनोबल बढ़े।
  • कमजोर छात्रों के लिए एक्स्ट्रा क्लास की व्यवस्था की जाए।
  • परीक्षा के दौरान बच्चों को मोबाइल और टीवी से दूर रहने को कहें। यदि उनकी पढ़ाई से जुड़ा हो तो थोड़ी देर के लिए मोबाइल या इंटरनेट इस्तेमाल करने दें।
  • बोर्ड परीक्षा की तैयारी के लिए कम से कम छह घंटे सेल्फ स्टडी करने के लिए प्रेरित करें।

बच्चों को प्यार से समझाएं

केजीएमयू में मनोचिकित्सक डॉ. आदर्श त्रिपाठी कहते हैं, मेधावी बच्चे तो परीक्षा को लेकर मानसिक तौर पर तैयार रहते हैं। मगर पढ़ने में कमजोर बच्चों में परीक्षाओं को लेकर ज्यादा डर रहता है। ऐसे में सबसे जरूरी है, उनको मानसिक रूप से तैयार करना। जिसमें माता-पिता बेहतर रोल निभा सकते हैं। माता-पिता उन पर बेहतर नंबर हासिल करने का दबाव न बनाएं और दूसरे बच्चों से उनकी तुलना न करें।


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