Smart Meter उपभोक्ताओं को दे रहा है धोखा, बिल जमा होने के बाद भी नहीं शुरू हो रहा कनेक्शन
स्मार्ट मीटर को लेकर लखनऊ में लोगों में नाराजगी उठ रहा विश्वास बिल जमा होने के बाद भी 32 घंटे बिना बिजली के रहना पड़ा बिजली विभाग स्मार्ट मीटर री कनेक्ट होने में लगा रहा है घंटों। बिजली के बिना पानी के लिए भी तरस रहे हैं लोग।
लखनऊ, जेएनएन। केस एक आशियाना के सेक्टर डी निवासी उपभोक्ता कृष्ण योगेंद्र मिश्रा का स्मार्ट मीटर चलते चलते बंद हो गया था। 28 सितंबर को सुबह 10 बजे बंद हुआ मीटर 29 सितंबर की शाम छह बजे तक बंद रहा। उपभोक्ता बिजली घर के चक्कर लगाते रहे। कोई सुनवाई नहीं हुई। अधीक्षण अभियंता व मुख्य अभियंता से शिकायत करने के बाद 29 सितंबर की देर शाम कार्यदायी संस्था की टीम ने बिजली आपूर्ति चालू करवाई। उपभोक्ता बिजली, पानी को तरस गए। इन्वर्टर भी बंद हो गया। यह हाल तब था जब पूरा पैसा जमा था।
केस दो ठाकुरगंज में दर्जनों उपभोक्ताओं की बिजली बकाए पर काटी गई। बकाएदारों ने डेढ़ से दो घंटे में बिल जमा कर दिया। इसके बाद भी स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं की बिजली नहीं जुड़ पायी। उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने अधिशासी अभियंता से बात की, लेकिन सफलता नहीं मिली। बताया गया कि री कनेक्ट नहीं हो पा रहा है। उपभोक्ताओं को पूरा रात बिना बिजली के काटनी पड़ी। अवधेश वर्मा ने एमडी मध्यांचल से जब बात की तो उसके कई घंटे बाद बिजली आपूर्ति सामान्य हो पायी।
यह मामले बानगी भर है। लेसा में अभी ढाई लाख मीटर लगे हैं। तब यह समस्या आ रही है। पूरी राजधानी में अगर आठ लाख स्मार्ट मीटर लगा दिए जाएंगे और समस्या इसी तरह लेट लतीफी से दूर की जाएगी, तो उपभोक्ता उपकेंद्रों व सड़कों पर विराेध जताने को विवश होंगे। क्योंकि कार्यदायी संस्था के काबिल अभियंताओं के स्मार्ट मीटर में आ रही तकनीकी गड़बड़ी पल्ले नहीं पड़ रही है। ऐसे में एक बिजली अभियंता कार्यदायी संस्था एलएंडटी टीम पर ठीकरा फोड़ती है और एलएंडटी बिजली विभाग पर। इस बीच उपभोक्ता पिसता रहता है।
सिस गोमती के मुख्य अभियंता मधुकर वर्मा ने बताया कि शिकायत मिलते ही उपभोक्ता की समस्या निस्तारित कराने के लिए टीम लगा दी गई थी। कुछ घंटे बाद आपूर्ति सामान्य हो गई थी। कुछ दिक्कतें हैं, उसे दूर किया जा रहा है।