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Locust Attack: टिड्डी के छोटे दल से होगी बड़ी परेशानी, मुख्यमंत्री बोले- सतर्कता बरतें, भय पैदा न होने दें

Locust Attack हवा का रुख बदलने से राजस्थान और एमपी की और चलीं टिडि्डयां। राजधानी में खतरा बरकरार अलर्ट मोड में अधिकारी।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Fri, 29 May 2020 07:25 PM (IST)Updated: Sat, 30 May 2020 07:52 AM (IST)
Locust Attack: टिड्डी के छोटे दल से होगी बड़ी परेशानी, मुख्यमंत्री बोले- सतर्कता बरतें, भय पैदा न होने दें
Locust Attack: टिड्डी के छोटे दल से होगी बड़ी परेशानी, मुख्यमंत्री बोले- सतर्कता बरतें, भय पैदा न होने दें

लखनऊ, जेएनएन। Locust Attack: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टिड्डियों के हमले को लेकर पूरी सतर्कता बरतने के निर्देश देते हुए कहा कि आम जनता में इसकी वजह से भय का वातावरण पैदा नहीं होने पाएं। शुक्रवार को मुख्यमंत्री के अधिकारियों की बैठक में टिड्डी दल के प्रकोप की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती जिलों में अतिरिक्त सतर्कता की जाए और कीटनाश्क दवाओं की कमी न होने पाए। हालांकि, दो टिड्डी दल बुलंदशहर सीमा से करीब 150-200 किमी दूर हैं जो कभी भी फसलों के लिए खतरा बन सकते हें। 

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उधर प्रदेश के सीमावर्ती जिलों में शुक्रवार को बदला मौसम का मिजाज टिड्डी दलों के हमले से निजात दिलाने वाला रहा। तेज हवाओं के कारण उडान की दिशा बदली परंतु अभी पूरी तरह से खतरा नहीं टला है। राज्य नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार शुक्रवार को ललितपुर जिले में टिड्डियों का दल देखा गया परंतु कहीं बड़े नुकसान की सूचना नहीं है। अन्य जिलों से भी नुकसान की जानकारी नहीं मिली है।

कृषि निदेशक सौराज सिंह ने बताया कि सभी जिलों में सतर्कता की एडवाइजरी जारी की जा चुकी है परंतु अभी टिड्डियों के किसी बड़े हमले की संभावना नहीं दिख रही है। केवल सीमावर्ती जिलों में अतिरिक्त सर्तकता के निर्देश दिए गए है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार की टीम के साथ स्थानीय टीमें हाई अलर्ट वाले जिलों में कीटनाशक रसायनों का छिड़काव कराया जा रहा है। ग्रामीणों में जागरूकता कार्यक्रम जारी है। ग्राम प्रधानों व जिला कृषि अधिकारियों से अपने क्षेत्रों में सतर्क रहने को कहा गया है।

राजस्थान व पंजाब सरकारों की ढिलाई पड़ी भारी

पूर्व सहकारिता मंत्री सुधीर कुमार बालियान ने प्रधानमंत्री व केंद्रीय कृषि मंत्री को लिखे पत्र में कहा कि पाकिस्तान की ओर आयी टिड्डियों की जानकारी होने के बाद भी सीमावर्ती राज्यों ने अपना दायित्व गंभीरता से नहीं निभाया। हेलीकाप्टर या छोटे वायुयान द्वारा कीटनाशकों का छिडकाव शुरुआती दौर में किया जाता तो समस्या गंभीर न होती।

राजस्थान-मध्य प्रदेश की ओर गया टिड्डियों का दल

दो टिड्डी दल बुलंदशहर के करीब

टड्डियों का दल यूपी सीमा में अलग-अलग हिस्सों में बंटकर फसलें तबाह कर रहा है। छोटे-छोटे दलों में बंटने से निगरानी में दिक्कत आ रही है। शुक्रवार को हवा का रुख बदला तो सूबे की सीमा छोड़ टिड्डियों का दल राजस्थान और मध्य प्रदेश की ओर चला गया लेकिन खतरा बरकरार है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार पाकिस्तान से चला 10 लाख की संख्या वाला टिड्डियों का दल पांच से छह भागों में बंट गया है। 

एक दिन में 60 अंडे देती मादा टिड्डी

एक दिन में मादा टिड्डी 60 से 80 अंडे देती है। जमीन से करीब छह इंच नीचे अंडा देने की उनकी फितरत विशेषज्ञों की नींद उड़ाए हुए है। जिला कृषि रक्षा अधिकारी धनंजय सिंह ने बताया कि अंडे से 10 से 12 दिन में फुदका बनता है, जो कालीधारी युक्त पीले रंग का होता है। इसके बाद प्रौढ़ अवस्था हो जाती है। इसकी वजह से अब अंडों को नष्ट करने की चुनौती विशेषज्ञों के सामने है। 

पहिए भी रोक सकता टिड्डी दल

कन्नौज: टिड्डी दल सिर्फ फसलों के लिए ही नहीं, बल्कि रेल संचालन के लिए भी खतरनाक हैं। कारण, टिड्डी दल रेलवे लाइन पर गिरने के बाद जब मरते हैं तो उनके शरीर से चिपचिपा पदार्थ निकलता है। इससे पटरियों पर चिकनाई आ जाती है और घर्षण कम होने से ट्रेन के फिसलने का खतरा पैदा हो सकता है। कृषि वैज्ञानिक वीके कनौजिया कहते हैं कि टिड्डों के दल काफी घने होते हैं। कई बार तो आसमान भी नहीं दिखता। यह स्थिति भी ट्रेन संचालन में बाधा बनती है।

हवा का रुख बदला तो बढ़ेगा खतरा  

पूर्वी हवाओं का रुख बदला तो मथुरा से अलीगढ़ होते हुए टिड्डी दल अगले 48 घंटे में बुलंदशहर सीमा में प्रवेश कर जाएगा। कृषि उपनिदेशक आरपी चौधरी ने बताया कि टिड्डियों के दो झुंड बुलंदशहर की सीमाओं से मात्र 100-150 किमी दूर हैं। 12 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से उडऩे वाले इस दल की आमद कभी भी हो सकती है। 

इस तरह के उपाय होंगे कारगर 

  • टिड्डी दल भगाने के लिए थालियां, ढोल-नगाड़े, लाउडस्पीकर या अन्य माध्यमों से शोरगुल करना। 
  • मैलाथियान 5 प्रतिशित डस्ट पाउडर 25 किग्रा 
  • फैनवलरेट 4 प्रतिशत 25 किग्रा 
  • क्लोरोपाइरीफॉस 10 प्रतिशत डस्ट पाउडर 15 किग्रा प्रति हेक्टेयर 
  • क्लोरोपायरीफॉस 20 प्रतिशत ई.सी की 1.25 लीटर मात्रा को 500-600 लीटर पानी में घोल बनाकर स्प्रे करें। 
  • क्लोरोपायरीफॉस 50 प्रतिशत तथा साइपरमैथिन 5 प्रतिशत ईसी की 500 मिली को 500-600 लीटर पानी में घोलकर स्प्रे। 
  • लेम्डासायहेलोथ्रिन 5 प्रतिशत की 500 मिली को 500-600 लीटर पानी में घोल बनाकर स्प्रे। 

टिड्डी दिखते ही दें सूचना 

  • टिड्डी दल दिखने पर इन मोबाइल नंबर पर सूचना दी जा सकती है। 
  • उप कृषि निदेशक आरपी चौधरी 9457393737 
  • जिला कृषि अधिकारी अश्विनी कुमार-9458762632 
  • जिला कृषि रक्षा अधिकारी अमरपाल-9837918688 
  • वरिष्ठ प्राविधिक सहायक राकेश कुमार 9837771992 
  • उदय प्रकाश शर्मा 9627562038 

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