एसआइटी करेगी लखनऊ और गाजियाबाद में हज हाउस के निर्माण में मिली अनियमितताओं की जांच
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार जल निगम की इकाई सीएंडडीएस द्वारा लखनऊ और गाजियाबाद में बनाए गए हज हाउस के निर्माण में मिली अनियमितताओं की जांच एसआइटी से कराएगी।
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार जल निगम की इकाई कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन सर्विसेज (सीएंडडीएस) द्वारा लखनऊ और गाजियाबाद में बनाए गए हज हाउस के निर्माण में मिली अनियमितताओं की जांच एसआइटी से कराएगी। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के विशेष सचिव अनिल कुमार सिंह ने एसआइटी जांच के लिए डीजी को पत्र भेज दिया है। दोनों ही हज हाउसों का निर्माण समाजवादी पार्टी की दो सरकारों के कार्यकाल में हुआ है।
आरोप है कि गाजियाबाद और लखनऊ हज हाउस के निर्माण में जरूरत से ज्यादा धनराशि खर्च की गई। इसके बाद भी हज हाउस में कमियां मिली हैं। इसमें सरकारी धन के दुरुपयोग की भी आशंका जताई गई है। इस पत्र में दो महीने के अंदर जांच रिपोर्ट मांगी गई है। दोनों ही हज हाउसों का निर्माण समाजवादी पार्टी की दो सरकारों के कार्यकाल में हुआ है। लखनऊ हज हाउस का निर्माण वर्ष 2004 से 2006 की मुलायम सरकार के कार्यकाल में हुआ था, जबकि गाजियाबाद हज हाउस अखिलेश यादव की सरकार में पूरा हुआ। समाजवादी पार्टी की दोनों सरकारों में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहम्मद आजम खां ही थे।
दोषियों की जवाबदेही तय कर कार्रवाई होगी : अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के मंत्री रहे आजम खां की सरपरस्ती में खूब धांधलियां हुईं हैं। पूरे प्रकरण की जांच एसआइटी को सौंपी गयी है। दोषियों की जवाबदेही तय कर कार्रवाई की जाएगी।
अन्य निर्माण कार्यों की भी होगी जांच : अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के तहत परियोजनाओं की भी एसआइटी जांच कराने का निर्णय लिया है, जो निर्माण के लिए पर्याप्त धनराशि निर्गत होने के बाद भी अधूरी पड़ी हैं। उन्होंने कहा कि 11वीं पंचवर्षीय योजना (वर्ष 2007-2012) एवं 12वीं पंचवर्षीय योजना (2012-2017) में प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम की कार्यदायी संस्था सीएंडडीएस द्वारा दोनों किस्तों की धनराशि प्राप्त करने के बावजूद कार्य पूरा नहीं किया। नंदी ने शिथिलता व सरकारी धन का दुरुपयोग करने वाले अधिकारियों व अभियंताओं को चिन्हित कर परियोजना का कार्य पूर्ण कराने में आने वाले अतिरिक्त व्यय की धनराशि की वसूली उनके वेतन से करने को कहा है।