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Vikas Dubey News : कानपुर कांड की जांच कर रही SIT को अब तक नहीं मिला विकास का पासपोर्ट

Vikas Dubey News कानपुर कांड की जांच के लिए अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में गठित एसआईटी को अब तक विकास दुबे के पासपोर्ट की कोई ठोस जानकारी नहीं मिली है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Mon, 03 Aug 2020 08:35 PM (IST)Updated: Tue, 04 Aug 2020 01:35 AM (IST)
Vikas Dubey News : कानपुर कांड की जांच कर रही SIT को अब तक नहीं मिला विकास का पासपोर्ट
Vikas Dubey News : कानपुर कांड की जांच कर रही SIT को अब तक नहीं मिला विकास का पासपोर्ट

लखनऊ, जेएनएन। कानपुर कांड की जांच के लिए अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) को अब तक मुख्य आरोपी विकास दुबे के पासपोर्ट की कोई ठोस जानकारी नहीं मिल सकी है। इसके लिए कानपुर व लखनऊ के पासपोर्ट अधिकारियों से ब्योरा मांगा गया था। आशंका यह भी है कि शातिर विकास दुबे ने किसी अन्य नाम से पासपोर्ट हासिल कर रखा था। एसआईटी अब इस बिंदु पर भी जानकारी जुटाने का प्रयास कर रही है।

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एसआईटी को कानपुर कांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे, उसके परिवार व गिरोह के सदस्यों के नाम जारी शस्त्र लाइसेंसों का ब्योरा हासिल हो गया है। अब इन शस्त्र लाइसेंसों का अनुमोदन करने वाले अधिकारियों समेत कुछ अन्य बिंदुओं पर भी सूचनाएं एकत्र की जा रही हैं। खासकर विकास दुबे व उसके गिरोह की काली कमाई से जुटाई गईं संपत्तियों का ब्योरा जुटाने का प्रयास कर रही एसआईटी ने कई प्राधिकरणों से भी जानकारी मांगी है। बकरीद और रक्षा बंधन के पर्व बीतने के बाद आने वाले दो दिनों में एसआईटी को कई अहम दस्तावेज उपलब्ध होने की उम्मीद है। इसके लिए प्राधिकरणों के संबंधित अधिकारियों से संपर्क भी साधा गया है। 

बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार ने कानपुर कांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे के साम्राज्य और उसके मददगार पुलिसकर्मियों की पूरी भूमिका की पड़ताल के लिए 11 जुलाई को तीन सदस्यीय एसआईटी गठित की थी। अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में गठित एसआईटी में एडीजी हरिराम शर्मा व डीआइजी जे रवींद्र गौड़ बतौर सदस्य शामिल हैं। सूत्रों का कहना है कि एसआईटी विकास दुबे की कॉल रिकार्ड डिटेल से कई अहम तथ्य जुटा चुकी है। एसआईटी कई बिंदुओं पर अभिलेखीय साक्ष्य जुटाने का भी प्रयास कर रही है। इससे जांच की रफ्तार अब तेज होने की उम्मीद है।

बता दें कि दो जुलाई, 2020 की रात कानपुर के चौबेपुर क्षेत्र के बिकरू गांव पुलिस की टीम हिस्ट्रीशीटर गैंगस्टर विकास दुबे को पकड़ने के लिए पहुंची थी। इस बात की सूचना उसे पहले ही मिल गई। जानकारी मिलने के बाद उसने गांव में जेसीबी से रास्ते को घेर दिया और आठ पुलिस वालों की निर्मम हत्या कर दी। इस जघन्य हत्याकांड के बाद फरार चल रहे विकास 9 जुलाई को सुबह 8:50 बजे एमपी के उज्जैन के महाकाल मंदिर से गिरफ्तार कर लिया। 10 जुलाई की सुबह विकास दुबे को उज्जैन से ला रही यूपी एसटीएफ की टीम की गाड़ी कानपुर सीमा में प्रवेश करते ही पलट गई। गाड़ी पलटने के बाद विकास दुबे ने पुलिसकर्मियों से हथियार छीनकर भागने की कोशिश की और वह मुठभेड़ में मारा गया।


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