UP: शराब फैक्ट्री में करोड़ों की कर चोरी केस में आरोपपत्र दाखिल, एक ही गेट पास पर दो बार निकलता था ट्रक
एसआइटी ने उत्तर प्रदेश आबकारी विभाग में 35 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी के मामले में लखनऊ की विशेष अदालत में नौ आरोपितों के विरुद्ध आरोपपत्र दाखिल कर दिया है। अब सात नामजद समेत 13 आरोपितों की भूमिका की जांच की जा रही है।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। विशेष जांच दल (एसआइटी) ने आबकारी विभाग में 35 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी के मामले में लखनऊ की विशेष अदालत में नौ आरोपितों के विरुद्ध आरोपपत्र दाखिल कर दिया है। अब सात नामजद समेत 13 आरोपितों की भूमिका की जांच की जा रही है। एसआइटी की जांच में छह आरोपितों के नाम प्रकाश में आए थे, जिनकी मुश्किलें भी जल्द बढ़ेंगी।
एसआइटी ने आरोपितों को सहारनपुर में टपरी स्थित देशी शराब फैक्ट्री में आबकारी विभाग के अधिकारियों व स्थानीय आबकारी डिस्ट्रीब्यूटरों की मिलीभगत से करीब 35 करोड़ की टैक्स चोरी करने के मामले में दोषी पाया है। डीजी ईओडब्ल्यू डॉ.आरपी सिंह ने बताया कि प्रकरण में आबकारी विभाग के कुछ अधिकारियों व कर्मियों की भूमिका की जांच चल रही है।
एसआइटी के अधिकारियों का कहना है कि सहारनपुर स्थित देशी शराब फैक्ट्री कोआपरेटिव कंपनी लिमिटेड के द्वारा एक अप्रैल 2020 से 28 फरवरी 2021 तक 11 माह में 99 बार डबल ट्रिप के जरिये करीब 35 करोड़ रुपये की एक्साइज चोरी की गई। एसआइटी ने आरोपित कंपनी के यूनिट हेड उपेंद्र गोविंद राव, बॉटलिंग इंचार्ज हरिशरण तिवारी, ईटीपी आपरेटर मांगेराम त्यागी, असिस्टेंट मैनेजर क्वालिटी कंट्रोल संजय शर्मा, केमिस्ट अरविंद कुमार, बारकोड डिस्पैचर प्रदीप कुमार, ट्रांसपोर्टर जयभगवान, ट्रक चालक गुलशेर व परिचालक अशोक कुमार के विरुद्ध आरोपपत्र दाखिल किया है।
नामजद आरोपित मैनेजिंग डायरेक्टर प्रणव अनेजा, वाइस प्रेसीडेंट वीरेंद्र शंखधर, कमल डेनियल, एचआर हेड सोमशेखर, सेल्स हेड अश्वनी उपाध्याय, ट्रासंपोर्टर सत्यवान, उन्नाव स्थित देशी शराब के गोदाम के संचालक अजय जायसवाल व विवेचना में प्रकाश में आए छह आरोपितों की भूमिका की जांच चल रही है। इनमें दो अन्य जिलों के गोदाम संचालक व आबकारी विभाग के चार अधिकारी व कर्मी शामिल हैं। जांच में शराब फैक्ट्री से एक ही बिल्टी, गेट पास व आबकारी विभाग से जारी पीडी 25-ए पास के जरिये दो बार देशी शराब लदा ट्रक निकालकर विभिन्न जिलों के गोदामों में सप्लाई किए जाने के साक्ष्य मिले हैं।
गोदामों पर अवैध रूप से उतारी गई शराब की सप्लाई गोदाम के लाइसेंस धारक अपने एजेंटों की मदद से बिना किसी लिखापढ़ी के फुटकर दुकानों में करते थे। सिंडीकेट के तहत शराब की बिक्री कर सरकार को करोड़ों रुपये की राजस्व हानि पहुंचाई गई। उल्लेखनीय है कि मार्च माह में एसटीएफ ने सहारनपुर की फैक्ट्री में चल रहे इस खेल को पकड़ा था। तब 16 नामजद समेत अन्य आरोपितों के विरुद्ध दो एफआइआर दर्ज कराई गई थीं। बाद में शासन ने इस मामले की जांच एसआइटी को सौंप दी थी।
दो बार होता था बारकोड का इस्तेमाल : जांच में यह भी सामने आया कि कंपनी यूपी एक्साइज आनलाइन पोर्टल द्वारा आवंटित बारकोड व क्यूआर कोड को दो बार इस्तेमाल करती थी। एक बार कोड व क्यूआर कोड वाली शराब की सप्लाई के बाद उसी बार कोड व क्यूआर कोड वाली दूसरी शराब की सप्लाई तत्काल की जाती थी, जबकि अभिलेखों में हेराफेरी कर ट्रक की डबल ट्रिप दर्ज नहीं की जाती थी।