सिंभावली चीनी मिल मामले में प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी
ईडी ने मामले में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के दामाद गुरपाल सिंह सहित 13 आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज किया है।
लखनऊ (जेएनएन)। हापुड़ स्थित सिंभावली चीनी मिल संचालकों द्वारा 110 करोड़ के ऋण में धांधली के मामले में सीबीआइ के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी केस दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। ईडी ने मामले में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के दामाद गुरपाल सिंह सहित 13 आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज किया है, जिसके बाद बुधवार को सिंभावली चीनी मिल के अलावा नोएडा स्थित कंपनी के कारपोरेट आफिस व मेरठ स्थित ओरिएंटल बैंक ऑफ कामर्स में छानबीन की।
ईडी की टीमों ने तीनों स्थानों से बैंक ऋण संबंधी व अन्य दस्तावेज कब्जे में लिए हैं, जिनके आधार पर आगे की छानबीन की जा रही है। उल्लेखनीय है कि मामले में सीबीआइ ने 25 फरवरी को हापुड़ की सिंभावली चीनी मिल के प्रबंध तंत्र सहित अज्ञात बैंक अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया था। ईडी की लखनऊ स्थित जोनल ब्रांच ने भी मामले में केस दर्ज कर लिया। प्रबंध तंत्र से जुड़े लोगों की संपत्तियों का ब्योरा खंगाला जा रहा है। बताया गया कि चीनी मिल के प्रबंध तंत्र ने वर्ष 2011 में ओरिएंटल बैंक ऑफ कामर्स करीब 148.60 करोड़ का लोन लिया था। यह लोन कंपनी ने एक योजना के तहत किसानों को बीज व अन्य उपकरण उपलब्ध कराने के लिए लिया था। एग्रीमेंट में बैंक व प्रबंध तंत्र के अलावा किसान भी शामिल थे।
लाभांवित होने वाले करीब 5562 किसानों के बैंक खाते भी खुलवाए गए थे, लेकिन लोन पास होने के बाद बैंक से रकम सीधे चीनी मिल कंपनी के खाते में ट्रांसफर की गई। बाद में कंपनी ने उसे अपने अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर दिया। मार्च 2015 में इसे एनपीए घोषित कर दिया गया। बताया गया कि बैंक के इस कर्ज की रकम को चुकाने के लिए प्रबंध तंत्र ने एक बैंक की गारंटी को आधार बनाकर ओरिएंटल बैंक ऑफ कामर्स से ही 110 करोड़ रुपये और लोन लिया गया। इस रकम से पूर्व के लोन की बची रकम चुकाई गई। बताया गया कि आरोपित गुरपाल सिंह चीनी मिल प्रबंध तंत्र में डिप्टी एमडी हैं।