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यूपी के फतेहपुर का श्याम प्रताप सिंह गौतम 20 वर्ष की उम्र में नैनीताल में बना था मुहम्मद उमर गौतम

Conversion Racket In UP संगठित ढंग से सामूहिक मतांतरण कराने के आरोप में गिरफ्तार मुहम्मद उमर गौतम मूलरूप से फतेहपुर का निवासी है और उसका नाम श्याम प्रताप सिंह गौतम था। इंटरनेट मीडिया पर उमर का वीडियो सामने आया है जिसमें वह अपने बारे में जानकारी दे रहा है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Tue, 22 Jun 2021 06:00 AM (IST)Updated: Tue, 22 Jun 2021 07:46 AM (IST)
यूपी के फतेहपुर का श्याम प्रताप सिंह गौतम 20 वर्ष की उम्र में नैनीताल में बना था मुहम्मद उमर गौतम
फतेहपुर का श्याम प्रताप सिंह गौतम 20 वर्ष की उम्र में नैनीताल में मुहम्मद उमर गौतम बना था।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। संगठित ढंग से सामूहिक मतांतरण कराने के आरोप में गिरफ्तार मुहम्मद उमर गौतम मूलरूप से फतेहपुर का निवासी है और उसका नाम श्याम प्रताप सिंह गौतम था। इंटरनेट मीडिया पर उमर गौतम का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें उमर कह रहा है कि वह इलाहाबाद से 12वीं कक्षा की पढ़ाई करने के बाद बीएससी (एग्रीकल्चर) करने के लिए नैनीताल गया था।

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मुहम्मद उमर गौतम के मुताबिक नैनीताल (उत्तराखंड) स्थित हास्टल में रहने के दौरान उसके पैर में चोट लग गई थी और बगल के कमरे में रहने वाले मुस्लिम छात्र ने उसकी मदद की थी। वह उमर को अपनी साइकिल पर बिठाकर डॉक्टर के यहां और मंदिर भी ले जाता था। इस दौरान उमर ने हिंदी में कुरान पढ़ी और इस्लाम से प्रभावित हो गया। उमर का कहना है कि उसने वर्ष 1984 में 20 वर्ष की आयु में नैनीताल में ही मतांतरण कर लिया था। उमर के पांच भाई हैं। वीडियो में उमर यह भी कह रहा है कि वह राजपूत परिवार में जन्मा था और उसे बचपन से जाति के नाम पर भेदभाव काफी अखरता था।

बता दें कि उत्तर प्रदेश के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने मतांतरण के घिनौने खेल का पर्दाफाश किया है। दो आरोपित गिरफ्तार कर लिए गए हैं और कई अन्य की गिरफ्तारी हो सकती है। कई राज्यों तक फैले इस नेटवर्क ने संगठित रूप से मूक-बधिर बच्चों, महिलाओं व कमजोर आय वर्ग के लोगों को अपना शिकार बनाया। डरा-धमका कर या प्रलोभन देकर उनमें अपने धर्म के प्रति न सिर्फ नफरत के बीज बोए, बल्कि बड़े स्तर पर सामूहिक मतांतरण भी कराया गया। इस गहरी साजिश के तार पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ से जुड़ने के साथ ही आइबी समेत अन्य खुफिया एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं।

एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार के अनुसार पकड़े गए आरोपित दिल्ली के बाटला हाउस के मुहम्मद उमर गौतम और ग्राम जोगाबाई के मुफ्ती काजी जहांगीर आलम कासमी से पूछताछ के आधार पर दो साल में एक हजार लोगों का मतांतरण कराए जाने के साक्ष्य जुटाए गए हैं। यह संख्या और बढ़ सकती है। गिरोह ने उत्तर प्रदेश में वाराणसी, गौतमबुद्धनगर, मथुरा, कानपुर व कुछ अन्य जिलों के अलावा दिल्ली, महाराष्ट्र, हरियाणा, केरल व आंध्र प्रदेश तक में मतांतरण कराया है। पूरे मामले में दिल्ली के सी-2, जागाबाई एक्सटेंशन स्थित उमर की संस्था इस्लामिक दावा सेंटर (आइडीसी) की अहम भूमिका है। इसके लिए विदेश से भी करोड़ों रुपये की फंडिंग की जा रही है। उमर ने खुद 1984 में मतांतरण कर मुस्लिम महिला से विवाह कर लिया था। उसके संबंध आइएसआइ से निकले हैं।

डासना मंंदिर से जुड़े तार : एडीजी ने बताया कि बीते दो जून को गाजियाबाद में डासना स्थित शिव शक्ति धाम देवी मंदिर परिसर में घुसने का प्रयास करते विपुल विजयवर्गीय व कासिफ को पकड़ा गया था। उनके पास से सर्जिकल ब्लेड भी बरामद हुए थे। आसिफ ने अपना नाम काशी गुप्ता बताया था। मूलरूप से नागपुर निवासी विपुल ने कुछ वर्ष पूर्व मतांतरण कर अपना नाम रमजान रख लिया था। उसने गाजियाबाद में कासिफ की बहन से शादी कर ली थी। दोनों से पूछताछ में ही उमर व जहांगीर के नाम सामने आए थे। एटीएस के आइजी जीके गोस्वामी ने बताया कि दोनों आरोपितों को पूर्व में दो बार पूछताछ कर जाने दिया गया था। ठोस साक्ष्य जुटाने के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया।

नोएडा डेफ सोसाइटी की भूमिका भी संदेह के घेरे में : जांच में सामने आया है कि नोएडा सेक्टर 117 में नोएडा डेफ सोसाइटी के नाम से मूक-बधिर बच्चों का रेजिडेंशियल स्कूल व अन्य मूक-बधिर स्कूलों के छात्रों को नौकरी, शादी व अन्य प्रलोभन देकर उनका मतांतरण कराया गया है। नोएडा डेफ सोसाइटी में कानपुर निवासी एक मूक-बधिर बालक भी पढ़ता था। उसका मतांतरण कराकर उसे दक्षिण भारत के किसी राज्य में भेजा जा चुका है। उसके माता-पिता ने कानपुर के कल्याणपुर थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि बालक ने वीडियो काल कर मतांतरण की जानकारी दी थी।

हरियाणा के मूक-बधिर बालक की भी तलाश : एटीएस ने एक वायरल वीडियो का भी संज्ञान लिया है। वीडियो में बाबूपुर दौलताबाग, गुरुग्राम (हरियाणा) के राजीव यादव बता रहे हैं कि नोएडा के डेफ सोसाइटी स्कूल में पढऩे वाले उनके बेटे का चुपके से मतांतरण करा दिया गया।

सम्मेलन कर घोला जाता था जहर : उमर गौतम अपनी संस्था के जरिये गैर मुस्लिमों में उनके धर्म के विरुद्ध जहर घोलता था। ऐसे ही एक सम्मेलन में विपुल विजयवर्गीय भी शामिल हुआ था। जहांगीर व उसके अन्य सहयोगी गैरकानूनी ढंग से मतांतरण से संबंधी प्रमाणपत्र व विवाह के प्रमाणपत्र तैयार कराते थे। कई युवतियों का मतांतरण कराकर उनकी मुस्लिम युवकों से शादी करा दी गई।

कई बड़ों की भूमिका भी आ सकती है सामने : एटीएस का दावा है कि जिन एक हजार लोगों का मतांतरण कराया गया है, उनके स्वजन से संपर्क किया जा रहा है। एटीएस को संदेह है कि उमर गौतम के सिर पर कई बड़ों का भी हाथ हो सकता है। उसकी संस्था व आरोपितों के बैंक खातों की पड़ताल की जा रही है। आयकर विभाग से भी जानकारियां मांगी गई हैं। इतना ही नहीं, मतांतरण के बाद लोगों को संगठित अपराध के लिए भी उकसाया जा रहा था। विभिन्न अवसरों पर हुए उपद्रव में भी इन लोगों की सक्रिय भूमिका थी।

इन धाराओं में दर्ज हुआ केस : आरोपितों उमर गौतम व जहांगीर, आइडीसी संस्था व अन्य के विरुद्ध एटीएस के लखनऊ स्थित थाने में धोखाधड़ी, आपराधिक षड्यंत्र, धार्मिक उन्माद भड़काने, राष्ट्रीय एकता को प्रभावित करने व उप्र विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश-2020 समेत अन्य धाराओं में एफआइआर दर्ज की गई है।


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