श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने देशवासियों से पूछा... बताइए, कैसा हो राम जन्मभूमि परिसर
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने रामजन्मभूमि परिसर के विकास के लिए देशवासियों से सुझाव मांगा है। ट्रस्ट ने परिसर के विकास से जुड़ी लोगों की अपेक्षाओं को जानने के लिए यह कदम उठाया है। सुझाव देने की अंतिम तिथि 25 नवंबर है।
अयोध्या, जेएनएन। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने रामजन्मभूमि परिसर के विकास के लिए देशवासियों से सुझाव मांगा है। ट्रस्ट ने परिसर के विकास से जुड़ी लोगों की अपेक्षाओं को जानने के लिए यह कदम उठाया है। सुझाव देने की अंतिम तिथि 25 नवंबर है। सभी सुझाव आने के बाद जो उपयुक्त व स्वीकार करने के योग्य होगा, उसे प्लान में शामिल भी किया जाएगा। लोगों को ट्रस्ट को ई-मेल से सुझाव भेजना है।
ई-मेल की जानकारी ट्रस्ट ने अपने फेसबुक पेज पर ट्विटर पर भी साझा की है। माना जा रहा है कि यह कदम इसलिए भी उठाया गया है, जिससे निर्माण कार्य पूरा होने के बाद कोई भी किसी प्रकार से अंगुली नहीं उठा सके।
हाल ही में मंदिर निर्माण समिति की बैठक यहां हुई थी। इसमें मंदिर निर्माण की गुणवत्ता, मजबूती और आयु को लेकर दो दिनों तक मंथन किया गया। बैठक में समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र के साथ-साथ निर्माण एजेंसी से जुड़े अधिकारी व विशेषज्ञ शामिल हुए थे। बैठक के उपरांत अब ट्रस्ट ने आम लोगों से भी परिसर के विकास में राय मांगी है। परिसर में जन्मभूमि पर करीब पांच एकड़ में मंदिर बनाया जाएगा, जिसमें गृर्भगृह के साथ ही परिक्रमा पथ आदि होगा।
मंदिर की डिजाइन पहले ही फाइनल की जा चुकी है। इसके साथ ही परिसर के 65 एकड़ के क्षेत्रफल में अन्य निर्माण किये जाने हैं। इसी क्षेत्र में नल टीला, कुबेर टीला व सीता रसोई जैसे प्राचीन स्थल भी हैं। परिसर में शेषावतार मंदिर भी था, जिसे लक्ष्मण जी की जन्मभूमि माना जाता है, हालांकि अब मंदिर का वजूद पूरी तरह खत्म हो चुका है। पहले 65 एकड़ के परिसर में ऑडीटोरियम, गुरुकुल, रामकथा कुंज, संत निवास व यात्री निवास आदि भी प्रस्तावित था। वहीं अब ट्रस्ट ने परिसर के विकास के लिए लोगों से भी सुझाव आमंत्रित किया गया है। ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि रामजन्मभूमि मंदिर पूरे समाज और देश को समर्पित होगा। इसीलिए लोगों से सुझाव आमंत्रित किया गया है।