Ayodhya Ram Temple News: मंदिर निर्माण में नींव की ईंट बनना चाहते हैं रामभक्त
Ayodhya Ram Temple News श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को मिलीं करीब सौ किलोग्राम चांदी की ईंट कछुआ एवं सांप के जोड़े भी।
अयोध्या, (प्रवीण तिवारी)। भगवान राम के जन्म स्थान पर भव्य मंदिर निर्माण की घड़ी निकट है। रामभक्त इस अवसर पर अपनी भागीदारी किसी न किसी रूप में सुनिश्चित कराने को व्याकुल दिख रहे हैं। कोई भूमि पूजन के लिए ईंट भेज रहा है, तो कोई गांव की मिट्टी। कई ऐसे लोग हैं, जो अपने क्षेत्र के तालाबों का जल भी ला रहे हैं। इसी कतार में ऐसे भी रामभक्त हैं, जिन्होंने चांदी की ईंट के अलावा उससे बने कछुए, सांप आदि भेजे हैं। अब तक श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को करीब सौ किलोग्राम चांदी मिल चुकी है।
उत्तर प्रदेश के अलावा हरियाणा, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश के रामभक्तों ने ट्रस्ट को चांदी भेंट की है। मंदिर की नींव के लिए चांदी भेंट करने वालों में ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास भी शामिल हैं। उन्होंने 40 किलोग्राम चांदी की ईंट तैयार कराई है। वे इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों भूमि पूजन में इस्तेमाल होते देखना चाहते हैं। इसके अतिरिक्त इंडियन बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन की उत्तर प्रदेश इकाई ने 34 किलोग्राम चांदी की ईंट ट्रस्ट को इसी उम्मीद के साथ भेजी है।
इसी कड़ी में छिंदवाड़ा, मप्र के दिनेश कश्यप और वासूपुर, हरियाणा के संजय सिंह ने एक-एक किलोग्राम चांदी दान की है। उप्र के अनुराग रस्तोगी ने पंचधातु की ईंट, नवरत्न, चांदी निर्मित सांप के जोड़े ट्रस्ट को दिए हैं। सीतापुर, उप्र के सतीश कुमार अग्रवाल ने 800 ग्राम और सुल्तानपुर के योगेश सोनी ने ढाई सौ ग्राम चांदी की ईंट ट्रस्ट को दी है। अयोध्या के उद्यमी अंजनी गर्ग ने चांदी के सिक्कों के साथ चांदी से बना कछुआ और सांप भेंट किया है। महाराष्ट्र के प्रतीक ने भी चांदी कछुआ दान किया है। इसके साथ उन्होंने गुजारिश की है कि भूमि पूजन के दौरान इसे नींव में प्रतिष्ठित किया जाए।
'रोज 50 से अधिक लोगों का फोन इसी बात को लेकर आता है कि वह चांदी की ईंट व कुछ अन्य पूजन सामग्री भेजना चाहते हैं, पर उन्हेंं ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय का संदेश बताया जाता है कि कृपया धातु की सामग्री भेंट न करें। रुपये के रूप में दान बैंक खाते में करें।' -प्रकाश कुमार गुप्त,
कार्यालय प्रभारी, श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट