Shri Ram Janmabhoomi: जन्मभूमि के रजकण के कण-कण में दिख रहे राम, निहाल हो रहे भक्त
Shri Ram Janmabhoomi खोदाई में निकली मिट्टी को दिया गया रामजन्मभूमि रजकण का नाम । गर्भगृह सहित मंदिर परिसर की मिट्टी को छोटी-छोटी डिब्बियों में पैक किया गया।करीब छह हजार घरों तक पहुंची जन्म भूमि की मिट्टी।
अयोध्या [प्रवीण तिवारी]। Shri Ram Janmabhoomi: रामलला की जन्मभूमि की मिट्टी भी पूज्य है। भक्तों के लिए ये आस्था की प्रतीक बन गई है। इस मिट्टी का नाम ट्रस्ट ने 'रामजन्मभूमि रजकण' दिया है। भक्तों में रजकण की मांग बढ़ती जा रही है। इसी वजह से ट्रस्ट ने इसे भेंट करने की व्यवस्था भी कर दी है। धीरे-धीरे इसे भक्तों में वितरित किया जा रहा है। अब तक देश के विभिन्न हिस्सों के तकरीबन छह हजार घरों तक मिट्टी पहुंच गई है। कुछ को डाक से मिट्टी भेजी गई तो अधिकांश भक्तों को कारसेवकपुरम से मिट्टी दी गई।
इसके लिए गर्भगृह सहित मंदिर परिसर की मिट्टी को छोटी-छोटी डिब्बियों में पैक किया गया। डिब्बी के ऊपर 'रामजन्मभूमि रजकण' आकर्षक तरीके से अंकित है। भक्तों को इसे भेजने में फिलहाल गोपनीयता बरती जा रही है। इसे डिब्बे में पैक कर कारसेवकपुरम में रखा जाता है। यहीं से संघ के विभिन्न संगठनों से जुड़े अयोध्या दर्शन को आने वाले श्रद्धालुओं को रजकण भेंट किया जाता है। साथ ही निधि समर्पण अभियान से जुड़े पदाधिकारी व कार्यकर्ता भी इसे वितरित कर रहे हैं। स्थानीय स्तर पर तकरीबन तीन हजार डिब्बियों में मिट्टी को रख कर इसे वितरित किया गया है। इसके पहले कुछ भक्तों को छोटी-छोटी लिफाफानुमा पैकिंग में मिट्टी दी गई। ट्रस्ट से जुड़े एक जिम्मेदार बताते हैं कि अभी मिट्टी वितरण का कोई नियोजित कार्यक्रम नहीं है, लेकिन जो भी श्रद्धा से इसे मांगता है, उसे भेंट किया जाता है।
घरों में हो रहा नित्य पूजन: सुलतानपुर के आदित्य प्रकाश शुक्ला को मिट्टी मिली है। बताते हैं कि वह घर के पूजन स्थल पर इसे रखकर पूजा करते हैं। निधि समर्पण अभियान से जुड़े आनंद बिड़ला भी मिट्टी को पूजाघर में रख कर इसकी पूजा करते हैं। इसमें भगवान राम के स्वरूप को देखते हैं।