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Shri Krishna Janmashtami Celebrations: नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की...जयकारे से गुंजायमान हुई लक्ष्मण नगरी

Shri Krishna Janmashtami Celebrations श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के उल्लास में मुस्कुराई शाम-ए- अवध। मध्य रात्रि में हुआ श्रीकृष्ण का जन्म।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Wed, 12 Aug 2020 08:42 PM (IST)Updated: Thu, 13 Aug 2020 06:56 AM (IST)
Shri Krishna Janmashtami Celebrations: नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की...जयकारे से गुंजायमान हुई लक्ष्मण नगरी
Shri Krishna Janmashtami Celebrations: नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की...जयकारे से गुंजायमान हुई लक्ष्मण नगरी

लखनऊ, जेएनएन। Shri Krishna Janmashtami Celebrations: तहजीब के शहर-ए-लखनऊ की हर शाम निराली है। गंगा जमुनी रंग को अपने आंचल में समेटे शाम-ए-अवध बुधवार को श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के उल्लास में मुस्कुरा उठी। लक्ष्मण नगरी में हर ओर शाम ढलने के साथ शुरु हुआ उल्लास देर रात तक चरम पर पहुंच गया। कोरोना संक्रमण के चलते सुरक्षा इंतजामों के साथ कई स्थानों पर श्रद्धालुओं को नंदलाल को पालने में झुलाने का अवसर भी दिया गया। यही नहीं मंदिरों की ओर से फेसबुक व साेशल मीडिया के अन्य प्लेटफार्म से भी आयोजन का प्रसारण कर श्रद्धालुओं को घर में ही दर्शन कराए गए। दोपहर बाद हुई बारिश से आयोजन में परेशानी भी हुई, लेकिन सुरक्षा बंदोबस्त के बीच कान्हां का जन्मोत्सव मनाया गया।

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 फेसबुक पर दिखी डिजिटल झांकी का

श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के साथ मक्खन खाते श्रीकृष्ण, ग्वालों के साथ गाय चराते नंद लाल की चलायमान प्रतिमाओं के साथ न्यू गणेशगंज में डिजिटल झांकी सजाई गई। झांकी का डिजिटज झांकी के नाम से बने फेसबुक पेज पर लाइव प्रसारण कर श्रद्धालुओं को यहां आने से रोकने का प्रयास किया गया। संयोजक अनुपम मित्तल ने बताया कि छह दिनों से शाम को आरती के साथ ही डिजिटल झांकी को पेज पर प्रसारित किया जाएगा। 17 अगस्त तक बच्चों की ऑनालाइन प्रतियोगिताएं भी होंगी।

 

घर नंद खुशिया अपार, कान्हा जी ने जन्म लियो...

लल्ला को सुनकर मैं आयी यशोदा मैया दे दो बधाई...,घर नंद खुशिया अपार, कान्हा जी ने जन्म लियो...और मेरो मन अनंत सुख पावे...जैसे भजनों की बारिश बीच डालीगंज के माधव मंदिर में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव हुआ। देशी विदेशी फूलों से सजे मंदिर में मध्य रात्रि 12 बजे जैस ही श्रीकृष्ण का जन्म हुआ पूरा परिसर जय कन्हैया लाल के जयकारे से गुंजायमान हो उठा। कोरोना संक्रमण के चलते मंदिर समिति के अलावा किसी बाहरी श्रद्धालु को मंदिर परिसर में नहीं आने दिया गया। 3100 गुब्बारें के फूटने की अवाज के बीच दक्षिणावर्त श्रीलक्ष्मी शंख से भगवान श्रीकृष्ण का पंचाभिषेक के साथ लगे 56 भोग का मंदिर के फेसबुक पेज पर लाइव किया गया। प्रवक्ता अनुराग साहू ने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण का पंचाभिषेक बिहारी लाल साहू, कंचन साहू, भारत भूषण गुप्ता, श्याम जी साहू, राकेश साहू, गोविन्द साहू के साथ पुजारी लालता प्रसाद जी के मंत्र उच्चरण के साथ किया। महाआरती के साथ पंचमेल प्रसाद वितरण किया गया अौर फिर दही हांडी फोड़ी गई।

 

इस्कॉन मंदिर में श्री राधा रमण संकीर्तन के साथ मना उत्सव

सुलतानपुर रोड स्थित इस्कॉन मंदिर में सुरक्षा कारणों से बाहर के श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध था। मंदिर के अध्यक्ष अपरिमेय श्याम दास के सानिध्य में श्री राधा रमण मंदिर में श्रृंगार के साथ संकीर्तन किया गया। देर शाम वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ शुरू हुआ अभिषेक मध्यरात्रि श्री कृष्ण के जन्म के साथ समाप्त हुआ।

मंदिर के अध्यक्ष ने बताया कि करीब दो लाख लोगों ने मंदिर के फेसबुक पेज पर श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का प्रसारण देखा। वहीं बांस मंडी चौराहा स्थित इस्कॉन मंदिर में देर रात 10 बजे से आयोजन शुरू हो गए और मध्यरात्रि तक चलते रहे। भोग प्रसाद के साथ समापन हुआ।

 

श्री खाटू श्याम मंदिर में कटा केक

बीरबल साहनी मार्ग स्थित श्री खाटू श्याम मंदिर मंदिर में रात्रि10 बजे से भजन रस गंगा के बीच श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की शुरुआत की गई। फूलों से सजे श्री खाटू श्याम की महिमा देखते ही बन रही थी। मध्यरात्रि होते ही जयकारे के साथ काटकर जन्मोत्सव मनाया गया। संगठन मंत्री सुधीश गर्ग ने बताया कि समिति के लोगों की मौजूदगी में आयोजन किया गया। प्रशासन के कोरोना संक्रमण को रोकने के इंतजामोें के साथ श्रद्धालुओं ने बाबा के दर्शन किए। प्रसाद वितरण के साथ समापन हुआ।

मनकामेश्वर मंदिर में सजी झांकी

राजधानी के प्रमुख सिद्धपीठ मनकामेश्वर मंदिर परिसर में झांकी सजाने के साथ ही बच्चों के प्रतीकों की पूजा की गई। महंत देव्या गिरि ने बताया कि बच्चों ने श्रीकृष्ण के साथ श्रीराधा और ग्वालों के रूप में खुद के सजाया। बुधवार को श्रीकृष्ण जन्म के साथ ही बच्चों को उनकी जीवनी से परिचित कराया गया। सुरक्षा इंतजामों के साथ श्रद्धालुओं के ही श्रद्धालुओं को प्रवेश की अनुमति दी गई। ठाकुरगंज के मां पूर्वी देवी मंदिर में पुजारियों की ओर से पूजन किया गया।

श्रीराम के स्वरूप में दिखे श्रीकृष्ण

आलमबाग के सनातन मंदिर में श्रीराम दरबार के बीच श्रीकृष्ण का अवतरण हुआ। रिजर्व पुलिस लाइन में मंदिर परिसर में झांकियों में रंगोली के साथ ही श्रीराम की तस्वीर नजर आई। श्रीकृष्ण की आभा को दिखाने का प्रयास किया गया। प्रतिबंध और सुरक्षा इंतजामों के साथ श्रद्धालुओं ने यहां दर्शन किए। महानगर स्थित पीएसी 35वीं बटालियन में भी अायोजन किया गया लेकिन बाहरी लोगों का प्रवेश नहीं हुआ। आलमबाग के बाबू जगजीवन राम रेलवे सुरक्षा अकादमी के साथ ही उसके सामने मंदिर में झांकी सजाई गई, लेकिन आम लोगों को सुरक्षा के चलते अाने पर रोक लगी रही। बंगलाबाजार के श्रीराम जानकी मंदिर और चंद्रिका देवी मंदिर में भी पूजन के साथ देर रात श्रीकृष्ण का जन्म हुआ। कानपुर रोड एलडीए कॉलोनी शनि मंदिर में श्रीकृष्ण की झांकी में उनके विविध कलाओं को दिखाने का कार्य किया गया इंद्रलोक कॉलोनी के इंद्रेश्चर मंदिर, मानस नगर के तुलसी मानस मंदिर, श्री संकट मोचन मंदिर के अलावा बड़ा व छोटा शिवाला, संदोहन देवी मंदिर व गुलाचिन मंदिर समेत सभी मंदिरों में पूजन के साथ श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया गया।

 जन्माष्टमी पर पानदरीबा में केसर ठाकुरद्वारा श्री राम मंदिर को सजाया गया

 हर घर जन्में कान्हा

शहर में हर ओर श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव की धूम रही। घरों में लोगों ने विधि विधान से श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया। आशियाना में अंजू रघवंशी ने घर में दरबार सजाकर श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया। खीरे में प्रतीक स्वरूप उनका जन्म किया गया। विकास नगर की माया आनंद ने घर में झांकी सजाई और कान्हां को पालने में झुलाकर पूजन किया। इंदिरानगर निवसी सिद्धि जायसवाल ने घर में ही पूजन के साथ ही भजन गाकर उत्सव मनाया। महानगर में अनुराधा के घर झांकी सजाई गई तो बंगलाबाजार में सुनील गुप्ता ने घर में ही पूजन किया।

 

दुकानदारों पर भारी पड़ी बारिश

जन्माष्टमी को लेकर बाजारों में भी रौनक सुबह से ही नजर आने लगी थी, लेकिन दोपहर बाद से शुरू हुई बारिश ने खेल बिगाड़ दिया। छोटे कान्हां के साथ ही श्रीराधाकृष्ण के वस्त्रों को बेचने वाले दुकानदारों को बचाने की मशक्कत करनी पड़ी। अमीनाबाद के दुकानदार अमर सोनकर ने बताया कि इस बार भीड़ तो कम है, लेकिन घरों में सजावट के लिए सामान लोग खरीद रहे हैं। देर शाम पानी बरसने से बिक्री प्रभावित हो गई। कृष्णानगर में राजेश ने बताया कि शाम को श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद पर बारिश ने पानी फेर दिया।

खीरे में जन्में श्रीकृष्ण तो दो गुना हुआ दाम

लड़ी के साथ खीरे में श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव की परंपरा का असर यह हुआ कि पांच रुपये में मिलने वाला खीरा 10 रुपये में लोगों को खरीदना पड़ा। दुकानदारों का कहना है कि सामान्य खीरा 10 रुपये के चार मिल रहा है। पूजा वाला खीरा मंडी में महंगा मिलने से दाम बढ़ गए हैं। अाचार्य अनुज पांडेय ने बताया कि डंठल लगे खीरे में श्रीकृष्ण जी का जन्म शुभ माना जाता है। जैसे बच्चे के जन्म के समय गर्भनाल को काटा जाता है वैसे ही खीरे में लगे डंठन को काटकर कान्हां का जन्म दिवस मनाया जाता है। खीरे को डंठल से अलग कर सिक्के से खीरे में छेंद करके श्रीकृष्ण का जन्म किया जाता है।

श्री श्री मां आनंद आश्रम स्थित श्रीमहाशक्तिधाम मंदिर में जगद्गुरु योग योगेश्वर भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव कोविड 19 के सभी दिशा निर्देशों का पालन करते हुए मनाया गया। रात 11 बजे से पूज्य गुरुजी हरिशंकर मिश्रा व माता जी के द्वारा भगवान कृष्ण का अभिषेक पूजन आरती किया गया। सोशल नेटवर्किंग साइट्स  पर भक्तो ने दर्शन किया । इस मौके पर अशोक त्रिपाठी,मनोज दीक्षित,पियूष जी ,ललित तिवारी सहित अन्य भक्त उपस्थिति रहे।


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