Shree Ram Mandir: रामजन्मोत्सव के साथ रामनगरी की संभावनाएं शिखर पर, तैयार हो रही बुनियाद
कोरोना संकट के चलते रामजन्मोत्सव के मौके पर भले ही गत वर्षें की तरह 20 से 25 लाख श्रद्धालु नहीं होंगे पर रामनगरी बुधवार को शिखर पर होगी। एक ओर रामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के लिए पांच हजार करोड़ से अधिक राशि इकट्ठी की जा चुकी है।
अयोध्या [रघुवरशरण]। कोरोना संकट के चलते रामजन्मोत्सव के मौके पर भले ही गत वर्षें की तरह 20 से 25 लाख श्रद्धालु नहीं होंगे, पर रामनगरी बुधवार को शिखर पर होगी। एक ओर रामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के लिए पांच हजार करोड़ से अधिक राशि इकट्ठी की जा चुकी है। हजारों करोड़ की राशि और एकत्रित होने का अनुमान है। मंदिर की नींव भी भरी जाने लगी है। 161 फीट ऊंचे शिखर, पांच उप शिखर, पांच एकड़ क्षेत्र में विस्तृत प्रस्तावित मंदिर का परकोटा और संपूर्ण 70 एकड़ के रामजन्मभूमि परिसर में वैदिक सिटी के रूप में विस्तृत कल्चरल कैपिटल ऑफ दी वर्ल्ड के साथ अगले तीस माह में रामनगरी भी समुन्नत हो पूरे वैभव से अभिव्यक्त होगी।
रामनगरी को दुनिया की सर्वश्रेष्ठ सांस्कृतिक-आध्यात्मिक नगरी विकसित करने के लिए नगर नियोजन से जुड़ी अंतरराट्रीय ख्याति की संस्थाएं विजन डाक्यूमेंट को अंतिम स्पर्श दे रही हैं। यदि कोरोना संकट बहुत लंबा नहीं खिंचा, तो अगले माह ही विजन डाक्यूमेंट की प्रस्तुति के बाद भव्य रामनगरी के साथ नव्य अयोध्या के निर्माण को गति भी मिलेगी। रामनगरी से जुड़ी संभावनाएं यूं तो 2014 में नरेंद्र मोदी के पहली बार प्रधानमंत्री बनते ही प्रशस्त होने लगी थीं। उनकी कैबिनेट के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के रामायण सर्किट एवं रामवनगमन मार्ग को राजमार्ग के रूप में विकसित करने की घोषणा की और इस घोषणा के अनुरूप काम भी अंतिम दौर में है। 2017 में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के साथ अयोध्या केंद्र ही नहीं प्रदेश सरकार की भी प्राथमिकताओं में भी शीर्ष पर आ गई। प्रत्येक वर्ष दीपोत्सव के माध्यम से अधिकाधिक दीप जलाने का रिकार्ड बनाकर रामनगरी 2018 से ही वैश्विक क्षितिज पर चमक रही है। इस बीच रामनगरी के हिस्से पर्यटन विकास की अनेक महनीय योजनाएं आती रही हैं।
अंतरराष्ट्रीय श्रीराम एयरपोर्ट के लिए भूमि क्रय किए जाने की प्रक्रिया अंतिम दौर में है। लगभग इसी दौर में श्रीराम की 251 मीटर ऊंची प्रतिमा लगाए जाने की तैयारी है। नव्य अयोध्या के तहत रामनगरी में भारतीय संस्कृति से जुड़े दर्जन भर से अधिक देशों तथा देश के सभी प्रांतों के अतिथिगृह, अनके सांस्कृतिक संगठनों के केंद्र, पर्यटकों के लिए अंतरराष्ट्रीय मानक के होटलों से युक्त किए जाने के साथ रामनगरी को सोलर एनर्जी पर पूर्ण निर्भर ग्रीन सिटी के रूप में विकसित किया जाना है और जो पर्यटन और पर्यावरण की अनुकूलता के साथ उन्नत मार्गों, बुनियादी सुविधाओं, रोजगार के साधनों, शिक्षा के समुचित केंद्रों से युक्त आत्मनिर्भरता की भी मिसाल होगी।
इस बार श्रीराम को अंत:करण में करें प्रतिष्ठित: रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपालदास के शिष्य एवं जाने-माने कथाव्यास आचार्य राधेश्याम के अनुसार कोरोना संकट के बीच राम जन्मोत्सव इस तथ्य का द्योतक है कि लौकिक जगत में उत्सव के पूर्व हम अपने अंत:करण में श्रीराम की अनुभूति और उनकी उपस्थिति प्रतिष्ठित करें। इस जन्मोत्सव को अंतर्जगत में श्रीराम की प्रतिष्ठा के नाम करें और अगले साल जब हम राम मंदिर और रामनगरी की कहीं अधिक तैयारियों के बीच रामनगरी की ओर उन्मुख हों, तो हमारे अंतर्जगत की तैयारियां भी कहीं अधिक पुख्ता हों।