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मनकामेश्वर उपवन घाट पर महिलाओं ने अपने पूर्वजों के नाम से किया श्राद्ध

मनकामेश्वर उपवन घाट पर महिलाओं ने अपने पूर्वजों के नाम से श्राद्ध किया। महंत देव्यागिरि के सानिध्य में हुए श्राद्ध में कई महिलाओं ने हिस्सा लिया।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Tue, 25 Sep 2018 08:52 PM (IST)Updated: Tue, 25 Sep 2018 08:52 PM (IST)
मनकामेश्वर उपवन घाट पर महिलाओं ने अपने पूर्वजों के नाम से किया श्राद्ध
मनकामेश्वर उपवन घाट पर महिलाओं ने अपने पूर्वजों के नाम से किया श्राद्ध

लखनऊ, जागरण संवाददाता। अपने पूर्वजों को याद कर उन्हें तिलांजलि देने का दिन पितृपक्ष पर मंगलवार को गोमती घाटों पर स्नान कर लोगों ने पूर्वजों का श्राद्ध किया। मनकामेश्वर उपवन घाट पर महिलाओं ने अपने पूर्वजों के नाम से श्राद्ध किया। मनकामेश्वर मंदिर की महंत देव्यागिरि के सानिध्य में हुए श्राद्ध में कई महिलाओं ने हिस्सा लिया। विष्णु पद को स्थापित कर श्राद्ध किया गया। महंत ने बताया कि विष्णु मंदिर के पास श्राद्ध करना विशेष फलदायी होता है। इसी मंशा के चलते विष्णु पद की स्थापना की गई।

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कुडिय़ा घाट सहित सभी घाटों पर सूर्योदय के साथ ही लोगों ने स्नान दान कर पिंडदान किया। पं.राधेश्याम शास्त्री ने बताया कि तिथिवार पूर्वजों का श्राद्ध करने से विशेष फल मिलता है। सरोवर व नदी किनारे काले तिल और चावल के बनी आंटे की लोई पूर्वजों को अर्पित करना श्रेयस्कर होता है। पूर्वजों का श्राद्ध करने वाले व्यक्ति को पितृपक्ष मेें विशेष पुण्य मिलता है। मान्यता है कि इन दिनों पूर्वजों के नाम से जो भी अर्पित किया जाता है उसका लाभ पूर्वजों के खाते में जाता है और उनके आशीर्वाद से संपन्नता आती है। इंदिरानगर स्थित गायत्री शक्तिपीठ परिसर मेें भी सामूहिक पिंडदान किया गया। नौ अक्टूबर तक चलने वाले पिंडदान के दौरान लोगों ने दानपुण्य भी किया। मुख्य संयोजक उमानंद शर्मा ने बताया कि हर दिन सुबह 5:30 बजे से पिंडदान होगा।

हर सांस में बसी है मां की याद

इंदिरानगर निवासी विजय वर्मा ने बताया कि दो साल की उम्र से 50 साल की उम्र तक मैं अपनी मां कमला देवी के लिए छोटा सा बच्चा ही रहा। पितृपक्ष में उनके नाम से तर्पण करने पर उनका जो चेहरा सामने आता है और उनसे न मिल पाने का दुख शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। मां के लिए मुझसे बड़ा अनमोल रतन कुछ था ही नहीं। उनकी फटकार जहां ममता का संदेश देती थी तो प्यार सागर से गहरा होता था। मां की याद मेरी हर सांस में जिंदगी देने का काम करती है।


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