Move to Jagran APP

लखनऊ में 40 फीसद बच्चे नहीं करते माता-पिता परवाह, पढ़ें- लखनऊ विश्वविद्यालय की विस्तृत रिपोर्ट

जिन लाडलों को उंगली पकड़ कर चलना सिखाया… अपनी तकलीफ भूल कर खुशिया दीं…सामज में खड़े होने लायक बनाया…अब वही बच्चे अपने बूढ़े माता पिता को अपने साथ रखना नहीं चाहते। मजबूरी में ऐसे माता-पिता वृद्धा आश्रमों में अपने जीवन के बचे हुए दिन गुजारने को मजबूर हैं।

By Vikas MishraEdited By: Published: Tue, 11 Jan 2022 03:49 PM (IST)Updated: Wed, 12 Jan 2022 03:10 PM (IST)
लखनऊ में 40 फीसद बच्चे नहीं करते माता-पिता परवाह, पढ़ें- लखनऊ विश्वविद्यालय की विस्तृत रिपोर्ट
आंकड़ों के मुताबिक 40 फीसद लड़के-लड़कियां अपने माता-पिता की चिंता नहीं करते।

लखनऊ, [अखिल सक्सेना]। जिन लाडलों को उंगली पकड़ कर चलना सिखाया… अपनी तकलीफ भूल कर खुशिया दीं…सामज में खड़े होने लायक बनाया…अब वही बच्चे अपने बूढ़े माता पिता को अपने साथ रखना नहीं चाहते। मजबूरी में ऐसे माता-पिता वृद्धा आश्रमों में अपने जीवन के बचे हुए दिन गुजारने को मजबूर हैं। लखनऊ विश्वविद्यालय के समाज कार्य विभाग की ओर से उत्तर प्रदेश के चार जिलों के वृद्धा आश्रमों में कराए गए एक सर्वे में यह तथ्य सामने आए हैं।

loksabha election banner

आंकड़ों के मुताबिक 40 फीसद लड़के-लड़कियां अपने माता-पिता की चिंता नहीं करते, जिसकी वजह से उन्हें घर छोड़कर ओल्ड एज होम में रहना पड़ रहा। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने वर्ष 2017-18 में लवि के समाज कार्य विभाग के प्रोफेसर डीके सिंह को एक प्रोजेक्ट दिया था। ‘ बुजुर्गों की समस्याएं : उत्तर प्रदेश के वृद्धा आश्रमों का समाज शास्त्रीय अध्ययन विषय पर आधारित इस प्रोजेक्ट में 15,92,400 रुपये का बजट भी मिला था। उन्होंने सह प्रधान अन्वेषक डा. मधुशिखा श्रीवास्तव के साथ इस कार्य को पूरा करके हाल में रिपोर्ट यूजीसी को भेज दी है।

60 से 70 वर्ष के बुजर्गों से पूछे सवाल : सर्वे के लिए मध्य क्षेत्र से लखनऊ, पूर्वी क्षेत्र से वाराणसी, बुंदेलखंड क्षेत्र से झांसी और पश्चिम से मथुरा वृंदावन का चयन किया गया। इसमें चार जिलों के 12 वृद्धा आश्रमों में रहने वाले 1200 बुजुर्गों से बात की गई। 28.92 फीसद बुजुर्ग 60 से 65 वर्ष और 29.83 फीसद 65 से 70 वर्ष के थे।

इस तरह के थे प्रश्न: बुजुर्गों से बातचीत के लिए 80 प्रश्न थे। जैसे पूछा गया कि क्या आप अकेला महसूस करते हैं ? ओल्ड एज होम में आने का क्या कारण है ? क्या बच्चे प्यार नहीं करते ? आपको साथ रखना नहीं चाहते ? क्या यहां सुविधाएं मिलती हैं ? स्टाफ का व्यवहार कैसा है ? 

ये आए परिणामः डा. मधुशिखा श्रीवास्तव ने बताया कि लखनऊ के निराला नगर, कल्याणपुर, जानकीपुरम, सरोजनी नगर, पारा सहित चार जिलों के वृद्धा आश्रम में सर्वे में पता चला कि 28 फीसद ऐसे बुजुर्ग मिले, जो अकेले थे। 40 फीसद बुजुर्गों ने बताया कि उनके बच्चे बिल्कुल ध्यान नहीं रखते थे। मन का खाना तक देते थे। 13.78 फीसद बुजुर्गों के मुताबिक उनके बच्चे बिल्कुल साथ नहीं रहना चाहते थे। काफी बुजुर्ग अकेले होने की वजह से भी वहां रहते थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.