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यूपी में भवन निर्माण कराने वालों को झटका, बेमौसम बारिश से बढ़ेंगी ईंट की कीमतें

बारिश से भट्ठा व्यापारियों का भट्ठा बैठ गया है। सीजन शुरू होने से पहले ही आई इस नई आफत से पकने के लिए तैयार की गई करीब तीन करोड़ से अधिक कच्ची ईंटें खराब हो गई हैं। इसका नतीजा अगले माह आने वाली नई ईंटों के भाव पर साफ दिखेगा।

By Vikas MishraEdited By: Published: Mon, 10 Jan 2022 02:49 PM (IST)Updated: Tue, 11 Jan 2022 06:56 AM (IST)
यूपी में भवन निर्माण कराने वालों को झटका, बेमौसम बारिश से बढ़ेंगी ईंट की कीमतें
बारिश से भट्ठा व्यापारियों का भट्ठा बैठ गया है।

लखनऊ, [नीरज मिश्र]। बारिश से भट्ठा व्यापारियों का भट्ठा बैठ गया है। सीजन शुरू होने से पहले ही आई इस नई आफत से पकने के लिए तैयार की गई करीब तीन करोड़ से अधिक कच्ची ईंटें खराब हो गई हैं। इसका नतीजा अगले माह आने वाली नई ईंटों के भाव पर साफ दिखेगा। भट्ठा कारोबारी कहते हैं कि फरवरी के अंत तक आने वाली नई ईंटे साढे़ आठ से नौ हजार रुपये प्रति हजार के आसपास तक बिकेंगी। अब फिर बर्बाद हुए ईंटों की पथाई करानी पडे़गी। उसके बाद भट्ठा फुंकाई शुरू होगी। तब जाकर नई ईंट अगले माह बाजार में आएंगी।

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15 जनवरी तक नई ईंट पककर आ जाती है बाजार मेंः ब्रिक किल्न एसोसिएशन के महामंत्री मुकेश मोदी का कहना है कि आमतौर पर भट्ठे जनवरी के प्रथम सप्ताह के बाद से चलना शुरू हो जाते हैं। 15 जनवरी तक ईंटों की पकाई का काम पूरा होते ही नई ईंट बाजार में आनी शुरू हो जाती है। लेकिन इस बार निरंतर होती बरसात से भारी मात्रा में तैयार की गईं कच्ची ईंट बर्बाद हो गई हैं। भट्ठा व्यापारियों का कहना है कि औसतन करीब दो सौ भट्ठे हैं। इनमें से 150 से 175 भट्ठे संचालित होते हैं। अगर छोटे-बड़े भट्ठे मिलाकर औसतन एक भट्ठे पर की करीब दो लाख कच्ची ईंट खराब हुई हैं तो डेढ़ सौ भट्ठाें में तीन करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है।

ईंटों की कमी से भवन निर्माण होगा और महंगा, उत्पादन 25 से तीस फीसद हो जाएगा कमः भवन निर्माण के लिए सबसे बड़ी जरूरत ईंटों के खराब होने से इसका असर ईंट मार्केट पर पूरी तरह से नजर आएगा। ईंटों की कमी से न केवल भवन निर्माण महंगा हो जाएगा बल्कि कीमतें भी तेजी से ऊपर चढ़ेंगी। भट्ठा कारोबारियों की मानें तो करीब 25 से तीस फीसद ईंट का उत्पादन इस बार कम हो जाएगा।

कोयला और डीजल के दोगुने भाव ने बिगाड़ी ईंटों की गणितः भट्ठा व्यापारी राजेश अग्रवाल बताते हैं कि काेयला और डीजल पहले से ही महंगा चल रहा है। दोगुनी कीमतें हो चुकी हैं। ऐसे में बेमौसम की यह चार-पांच दिनों की बरसात ने व्यापारियों को तबाह कर दिया है। हर भट्ठे पर लाखों की तादात में कच्ची ईंट बर्बाद हो गई हैं।


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