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यूपी चुनाव 2022: सपा के चुनाव चिन्ह साइकिल पर प्रत्याशी लड़ाएंगे शिवपाल सिंह यादव, अपर्णा को दी ये नसीहत

प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने कहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव में हम अपने चुनाव चिन्ह पर नहीं बल्कि समाजवादी पार्टी के चिन्ह साइकिल पर अपने प्रत्याशी लड़ाएंगे। उन्होंने कहा कि टिकटों का फैसला अखिलेश यादव पर छोड़ दिया है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Mon, 17 Jan 2022 12:36 AM (IST)Updated: Mon, 17 Jan 2022 12:41 AM (IST)
यूपी चुनाव 2022: सपा के चुनाव चिन्ह साइकिल पर प्रत्याशी लड़ाएंगे शिवपाल सिंह यादव, अपर्णा को दी ये नसीहत
यूपी विधानसभा चुनाव में शिवपाल सिंह यादव समाजवादी पार्टी के चुनाव चिन्ह साइकिल पर अपने प्रत्याशी लड़वाएंगे

लखनऊ, जेएनएन। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने कहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव में हम अपने चुनाव चिन्ह पर नहीं बल्कि समाजवादी पार्टी के चिन्ह साइकिल पर अपने प्रत्याशी लड़ाएंगे। उन्होंने कहा कि उनका चुनाव निशान नया है इसलिए साइकिल पर ही चुनाव लड़ाएंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि टिकटों का फैसला अखिलेश यादव पर छोड़ दिया है। अब हमने उनको अपना नेता मान लिया है। जो भी जीतने वाले प्रत्याशी होंगे उन्हीं को टिकट दिया जाएगा।

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प्रसपा प्रमुख शिवपाल सिंह यादव ने अपने बड़े भाई पूर्व रक्षा मंत्री मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव को भी नसीहत देते हुए कहा कि पहले पार्टी के लिए काम करें, फिर कोई उम्मीद करें। साथ ही कहा कि उनको समाजवादी पार्टी में ही रहना चाहिए। दरअसल, अपर्णा की कुछ दिनों से भाजपा में जाने की चर्चाएं चल रही हैं। यह भी अटकलें लगाई जा रही हैं कि अपर्णा लखनऊ की कैंट क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी हो सकती हैं। इसे लेकर इंटरनेट मीडिया पर खूब संदेश वायरल हो रहे हैं। अपर्णा, मुलायम के छोटे बेटे प्रतीक यादव की पत्नी हैं।

भाजपा के तीन मंत्रियों स्वामी प्रसाद मौर्य, दारा सिंह चौहान व धर्म सिंह सैनी के पार्टी छोड़कर सपा में शामिल होने के बाद दलबदल को लेकर राजनीतिक दलों के बीच खींचतान जारी है। हालांकि, भाजपा या फिर अपर्णा यादव की ओर से अभी इन चर्चाओं को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है। अपर्णा यादव वर्ष 2017 के विधान सभा चुनाव में लखनऊ के कैंट क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ी थीं, लेकिन उन्हें भाजपा प्रत्याशी रीता बहुगुणा जोशी से हार का सामना करना पड़ा था। 


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