पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी से 'शॉटगन' को आजमाने की जुगत में समाजवादी पार्टी
भाजपा से दो बार लोकसभा तथा राज्यसभा के सदस्य शत्रुघ्न सिन्हा का समाजवादी पार्टी बड़ा उपयोग करने की तैयारी में हैं। इसका संकेत तक लखनऊ में समाजवादी पार्टी के कार्यालय में मिल गया।
लखनऊ (जेएनएन)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ही भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री शत्रुघ्न सिन्हा का समाजवादी पार्टी अब बड़ा सदुपयोग करने की तैयारी में है। फिल्म इंडस्ट्री में शॉटगन के नाम से विख्यात शत्रुघ्न सिन्हा बिहार के पटना से भाजपा के सांसद हैं।
उनको समाजवादी पार्टी अब वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ लोकसभा के चुनाव में उतारने की तैयारी में हैं। जयप्रकाश नारायण की जयंती पर कल शत्रुघ्न सिन्हा के साथ पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा लखनऊ में समाजवादी पार्टी कार्यालय में थे। इस मौके पर अखिलेश यादव की मौजूदगी में दोनों नेताओं ने भाजपा पर जमकर हमला बोला।
भाजपा से दो बार लोकसभा तथा राज्यसभा के सदस्य शत्रुघ्न सिन्हा का समाजवादी पार्टी बड़ा उपयोग करने की तैयारी में हैं। इसका संकेत तक लखनऊ में समाजवादी पार्टी के कार्यालय में मिल गया। अक्सर ही अपने बयानों से भाजपा के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को काफी असहज करने वाले शत्रुघ्न सिन्हा को समाजवादी पार्टी लोकसभा 2019 के चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी से मैदान में उतार सकती है।
इस लोकसभा क्षेत्र से 2014 में आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल भाजपा के नरेंद्र मोदी के खिलाफ मैदान में थे। पीएम नरेंद्र मोदी की संसदीय सीट होने के कारण वाराणसी काफी चर्चा में रहती है। अगर वह लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा को छोड़ देते हैं तो समाजवादी पार्टी उन्हें टिकट का ऑफर दे सकती है। वाराणसी में शत्रुघ्न सिन्हा काफी लोकप्रिय हैं। विद्रोही भाजपा सांसद के वाराणसी में बड़ी संख्या में समर्थक हैं जो कायस्थ समुदाय से आते हैं। समाजवादी पार्टी के एसपी के वरिष्ठ नेताओं के एक वर्ग में पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव का ध्यान इस ओर भी दिलाया था कि शत्रुघ्न सिन्हा वाराणसी में संभावित उम्मीदवार हो सकते हैं।
समाजवादी पार्टी के बिहार से सटे इस जिले का दोहरा लाभ लेने के प्रयास में है। शत्रुघ्न सिन्हा कायस्थ बिरादरी के हैं। इसके साथ ही बिहार में वह काफी लोकप्रिय हैं। वाराणसी में कायस्थ मतदाताओं का संख्या काफी बड़ी है। इसके साथ ही बिहार के लोग यहां के बीएचयू में उच्च शिक्षा लेने आते हैं। यहां पर बिहार के लोगों की भी बड़ी आबादी निवास करती है। समाजवादी पार्टी इन सभी समीकरण को देखते हुए शत्रुघ्न सिन्हा को वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपना प्रत्याशी घोषित कर सकती है।
शत्रुघ्न सिन्हा के फिल्मी अंदाज में अपने भाषण में भाजपा को वन मैन शो और दो लोगों की फौज बताया। उन्होंने कहा अब जुमलेबाजी और खोखले वादे नहीं चलेंगे। नोटबंदी जीएसटी और राफेल डील जैसे मुद्दे भी उठाए। समाजवादी पार्टी में शामिल होने के प्रश्न का सीधे उत्तर न देकर उन्होंने कहा कि हम सब एक परिवार की तरह से हैं। अखिलेश मुझे मौका दें या मैं अखिलेश को मौका दूं बात एक ही है।
उन्होंने कहा कि मैं तो जयप्रकाशजी से प्रभावित होकर राजनीति में आया और विपक्ष में आना चाहता तो सत्ता में जा सकता था। राजनीति में आने के बाद मैं यशवंत सिन्हा से प्रभावित हुआ कि अगर आप ठान लें तो असंभव को भी संभव कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि लोग बोलते हैं कि आप भाजपा में रहकर भाजपा का विरोध करते हैं तो मैं कहता हूं अगर सच कहना बगावत है तो मैं बागी हूं, खोखले जुमलेबाजों को लेकर चलेंगे तो न कोई साथ चलेगा और न कोई बोलेगा।
शत्रुघ्न इतने पर ही नहीं रुके उन्होंने कहा कि व्यक्ति से बड़ी पार्टी और पार्टी से बड़ा देश, तो मैं तो देश की सेवा करता हूं, पार्टी की भी सेवा करता हूं। सत्ता सेवा का माध्यम है, मेवा का नहीं, अगर सच बोलना बगावत है तो मैं बागी हूं। शत्रुघ्न सिन्हा ने राफेल डील पर कहा कि केंद्र सरकार को जवाब देना होगा। शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि देश राफेल डील के बारे में जवाब चाहता है।
जनता राफेल डील के बारे में जानना चाहती है। आखिर एक वर्ष पुरानी कंपनी एचएल को क्यों हटाया गया और एक ऐसी कंपनी को यह सौदा क्यों दिया गया जो कि इसके बारे में जानती भी नहीं है। शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि जय प्रकाश नारायण को अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करने लखनऊ आया हूं और उन्हीं से प्रभावित होकर राजनीति शुरू की है।
यूपी में अखिलेश और बिहार में तेजस्वी यादव तैयार
शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि भाजपा से अब डरने की जरूरत नहीं क्योंकि उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव तैयार हैं और बिहार में तेजस्वी हैं। शत्रुघ्न सिन्हा ने अखिलेश की तारीफ करते हुए कहा कि किसी की फिल्म चली हो या न चली हो लेकिन अखिलेश का जादू चल गया है। अखिलेश यादव देश की राजनीति का उभरता हुआ सितारा है और आज उत्तर प्रदेश के सबसे मजबूत और मशहूर नेता हैं।
लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी की जयंती पर आज लखनऊ में श्री यशवंत सिन्हा व श्री शत्रुघ्न सिन्हा जी के साथ श्रद्धा सुमन अर्पण के अवसर पर. pic.twitter.com/Y1UfOULupo— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) October 11, 2018
शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि अखिलेश यादव के साथ मिलकर भविष्य की राजनीति पर चर्चा भी करेंगे। उन्होंने कहा कि मेरे ऊपर भी जुल्म करने की कोशिश की गई। बहुत सी एजेंसी लगाई गईं लेकिन कुछ नहीं मिला। उन्होंने कहा, ईवीएम पर भी निगाह रखना। मैं मन की बात तो नहीं करता, क्योंकि इसका पेटेंट किसी और का है मैं तो दिल की बात करता हूं। इस मौके पर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गुजरात में उत्तर भारतीयों पर हमले की निंदा की। उन्होंने शीर्ष पदों पर बैठे भाजपा नेताओं की चुप्पी पर हैरानी जताते हुए उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश पॉलिटिकल स्टेट है और यहां से देश की राजनीतिक दिशा तय होती है।
शत्रु का भाजपा पर जमकर हमला
लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती पर समाजवादी पार्टी के मंच से पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और शत्रुघ्न सिन्हा ने कल उत्तर प्रदेश और बिहार से भाजपा के संपूर्ण सफाए का संकल्प दिलाकर सियासी माहौल को गर्मा दिया। कायस्थ समाज के बैनर पर आयोजित कार्यक्रम में दोनों पूर्व मंत्रियों ने भाजपा सरकारों को जम कर कोसते हुए समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को नया सितारा बताया और उनकी खूब सराहना की। कायस्थ समाज के इस समारोह में पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन और पूर्व लोकायुक्त एससी वर्मा जैसे सेवानिवृत्त अधिकारी भी मौजूद थे।
सपा मुख्यालय के लोहिया सभागार में आयोजित जयंती समारोह में लोकसभा चुनाव से पहले महागठबंधन की जरूरत पर जोर दिया गया। इसमें कहा गया कि अगर अभी नहीं चेते तो बड़ी देर हो जाएगी। यशवंत सिन्हा ने कहा कि देश के हालात आपातकाल से बदतर हैं और लोकतांत्रिक संस्थाएं खतरे में हैं। अब तो वर्ष 1977 वाली जीत दोहराने की जरूरत है। दुर्योधन और दुशासन से लडऩे का समय आ गया। यशवंत सिन्हा का कहना था कि केंद्रीय मंत्रीमंडल में शामिल मंत्रियों को मालूम नहीं होता और अहम फैसले ले लिए जाते हैं। उन्होंने विदेश मंत्री को सिर्फ ट्वीट करने वाली बताया। उन्होंने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की जमकर तारीफ की।
मुलायम सिंह रहे गैरहाजिर
कार्यक्रम में जेपी आंदोलन से जुड़े सपा नेताओं की उपस्थिति अपेक्षाकृत कम दिखी। सपा संस्थापक मुलायम सिंह की गैरहाजिरी चर्चा में रही। खचाखच भरे सभागार में जय जय अखिलेश और यह जवानी है कुर्बान, अखिलेश भैया तेरे नाम-जैसे नारे ही खूब गूंजे। भाजपा के जातीय सम्मेलनों के जवाब में आहूत इस कार्यक्रम में कायस्थ समाज के कई ऐसे लोग भी मौजूद रहे जो आमतौर से भाजपा में सक्रिय दिखते हैं। इस मौके पर ओपी श्रीवास्तव, सर्वेश अस्थाना, दीपक रंजन और रामगोविंद चौधरी भी मौजूद थे।