174 दिन बाद पटरी पर लौटी शताब्दी, यात्री बोले थैंक्स रेलवे, मिली राहत
लखनऊ में पहले दिन स्वर्ण शताब्दी में खाली गई छह सौ से अधिक सीटें स्वर्ण शताब्दी का संचानल प्लेटफार्म नंबर एक से होगा।
लखनऊ, जेएनएन। कोरोन कॉल में ट्रेनों का संचालन न के बराबर होने से यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। लखनऊ से लखनऊ मेल व गोमती एक्सप्रेस थी, नियमित रूप से यह ट्रेनें फुल होकर चल रही थी। शनिवार को जब 174 दिन आठ जोड़ी ट्रेनों का संचालन शुरू हुआ तो यात्रियों के चेहरे पर खुशी साफ दिखी। नई दिल्ली से लखनऊ पहुंचे यात्रियों ने रेल प्रशासन को बेहतर सेवाओं के लिए थैक्स रेलवे कहा। यात्रियों को उम्मीद नहीं थी कि रेलवे स्टेशनों पर इतनी भीड़ को नियंत्रित कर पाएगा। हर यात्री को सैनिटाइज, थर्मल स्कैनिंग व शारीरिक दूरी का पालन कराया गया। सफर के दौरान यात्रियों ने भी पूरी एहतियात बरती।
शनिवार को वीआईपी ट्रेन में शामिल शताब्दी एक्सप्रेस जब 174 दिन बाद पटरी पर वापस लौटी तो यात्रियों के चेहरे खिले थे, लखनऊ जंक्शन के प्लेटफार्म पर मीडिया वालों के कैमरे देख कहने लगे कि रेलवे ने देर से सही, लेकिन ट्रेनों का संचालन शुरू करके बेहतर कदम उठाया है। वहीं लखनऊ से दिल्ली जाने वाली यात्रियों की संख्या कम रही। ट्रेन में करीब 600 सीटें खाली थी। नई दिल्ली से लखनऊ आने वाली शताब्दी में भी कम पैसेंजर रहे।
रेल मंत्रालय ने देश भर में 12 सितंबर से 80 ट्रेनों का संचालन शुरू कर दिया है। इसमें लखनऊ से शताब्दी एक्सप्रेस, एसी स्पेशल सहित 16 ट्रेनें प्रमुख रूप से शामिल हैं। बता दें कि 22 मार्च से कोरोना संक्रमण की वजह से शताब्दी एक्सप्रेस समेत अन्य ट्रेनों का संचालन बंद था। वहीं लखनऊ जंक्शन से नई दिल्ली जाने वाली शताब्दी एक्सप्रेस (02003) शनिवार को दोपहर 3:30 बजे के बाद रवाना हुई। हालांकि यात्री 90 मिनट पहले रेलवे स्टेशन पहुंच गए थे। यहां यात्रियों की थर्मल स्कैनिंग हुई। उनके टिकट चेक किए गए और मोबाइल में आरोग्य सेतु एप भी देखा गया। वहीं दूसरी तरफ दिल्ली से लखनऊ जंक्शन आने वाली शताब्दी एक्सप्रेस (02004) शनिवार दोपहर 12.45 की जगह करीब 1 घंटे की देरी से जंक्शन पर पहुंची, जिसके बाद यात्रियों को कोरोना गाइडलाइन का पालन कराते हुए बाहर निकाला गया।
रेलवे प्रशासन को उम्मीद है कि एक हफ्ते में स्थिति बेहतर हो जाएगी। लखनऊ जंक्शन के स्टेशन निदेशक गिरीश कुमार सिंह ने बताया कि ट्रेन के आने से पहले पूरे स्टेशन का निरीक्षण किया गया। कोरोना को लेकर तय गाइडलाइन के मुताबिक ही यात्रियों को ट्रेन में सवार करवाया गया। शताब्दी एक्सप्रेस का संचालन प्लेटफॉर्म नंबर एक से ही होगा।
खाना न पानी, सेनेटाइजर में लिक्विड नहीं
लखनऊ जंक्शन पर शताब्दी के शुरू होने की यात्री खुशी थे, वहीं दूसरी तरफ सुविधाओं की कमी भी खली। लखनऊ जंक्शन पर आने वाले यात्रियों के लिए सैनिटाइजर नहीं था। वही शारीरिक दूरी का पालन को लेकर रेल प्रशासन सतर्क नहीं दिखा। इतना ही नहीं स्टेशन पर पीने के पानी की कोई व्यवस्था नहीं थी और खानपान के स्टाल दोपहर दो बजे के बाद खुलवाए गए। इससे लखनऊ से रवाना होने वाले यात्रियों को तो राहत रही, लेकिन जो यात्री दिल्ली से लखनऊ पहुंचे तो उन्हें परेशानी उठानी पड़ी।
ये ट्रेनें भी हुईं शुरू
लखनऊ-नई दिल्ली एसी स्पेशल (02429/30), वाराणसी सिटी- लखनऊ जं. कृषक स्पेशल (05007/08), गोरखपुर दिल्ली हमसफर स्पेशल (02571/72), गोरखपुर यशवंतपुर स्पेशल (02591/92), डिब्रूगढ़-लालगढ़ अवध असम स्पेशल (05909/10), धनबाद- फिरोजपुर गंगा सतलज स्पेशल (03307/08), डिब्रूगढ़-अमृतसर स्पेशल ट्रेन (05933/34) रही।