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गंभीर मरीज को सीधे पीजीआइ लेकर न आएं, ICU में चल रही है लंबी वेटिंग

संजय गांधी पीजीआइ के निदेशक प्रो.राकेश कपूर और मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रो.अमित अग्रवाल ने कहा कि पहले केस समरी लेकर डॉक्टर से लें सलाह।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Tue, 08 Jan 2019 08:13 PM (IST)Updated: Wed, 09 Jan 2019 08:53 AM (IST)
गंभीर मरीज को सीधे पीजीआइ लेकर न आएं, ICU में चल रही है लंबी वेटिंग
गंभीर मरीज को सीधे पीजीआइ लेकर न आएं, ICU में चल रही है लंबी वेटिंग

लखनऊ, जेएनएन। संजय गांधी पीजीआइ संस्थान प्रशासन ने साफ कहा कि गंभीर मरीज को सीधे लेकर न आएं। अगर लाना भी चाह रहे हैं तो पहले यह सुनिश्चित कर लें कि बेड खाली है भी या नहीं। देखा गया है कि गंभीर मरीज जिन्हें वेंटीलेटर, आइसीयू की जरूरत होती है सीधे लेकर संस्थान में चले आते है यहां पर पहले से बेड फुल होने के कारण मरीजों को भर्ती नहीं कर पाते हैं। ऐसे में मरीज की जान को खतरा हो सकता है।

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संजय गांधी पीजीआइ के निदेशक प्रो.राकेश कपूर और मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रो.अमित अग्रवाल ने पत्रकार वार्ता कर प्रदेश भर में लोगों से अपील की है कि पहले मरीज की केस समरी लेकर संपर्क करें। विशेषज्ञ से सलाह लेने के बाद उस पर अमल करें। यह जरूरी नहीं है कि मरीज को यही लाने से सुधार हो सकता है। हम लोग दवा व सलाह देंगे जिससे मरीज जहां भर्ती है वहीं पर उसका इलाज होता रहे।

प्रो. कपूर ने बताया कि हमारे यहां आइसीयू के लिए 150 से अधिक वेटिंग है। इमरजेंसी में तीस बेड हैं जो हमेशा फुल रहते हैं। देखा गया है कि गंभीर मरीज लेकर लोग इमरजेंसी के बाहर घंटों पड़े रहते हैं। ऐसे में मरीज के तीमारदार जानबूझ कर जान खतरे में डालते हैं। संस्थान प्रशासन ने लिखित अपील भी जारी की है जिसमें यह कहा गया है कि गंभीर मरीज को सीधे लेकर न आएं, लेकिन तीमारदार मान नहीं नहीं रहे हैं। खासतौर पर जिले के अस्पताल और निजी नर्सिंंग होम बिना स्थिति जाने मरीज को रेफर कर देते हैं।


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