उत्तर प्रदेश व्यापारी कल्याण बोर्ड की बैठक में कई प्रस्तावों पर लगी मुहर, सरकार से रियायतों की दरकार
कोरोना महामारी के कारण आर्थिक संकट का सामना कर रहे व्यापारियों ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार से कई मोर्चों पर राहत की गुहार लगायी है।
लखनऊ, जेएनएन। कोरोना महामारी के कारण आर्थिक संकट का सामना कर रहे व्यापारियों ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार से कई मोर्चों पर राहत की गुहार लगायी है। गुरुवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हुई उत्तर प्रदेश व्यापारी कल्याण बोर्ड की बैठक में व्यवसायियों को विभिन्न प्रकार के करों से लेकर बच्चों की स्कूल फीस और बैंक से लिये गए कर्ज तक में रियायत देने से जुड़े समेत कुल 15 प्रस्ताव पारित हुए।
उत्तर प्रदेश व्यापारी कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष रविकांत गर्ग ने बताया कि बोर्ड ने वाणिज्यिक और औद्योगिक श्रेणी के उपभोक्ताओं को अप्रैल से जून तक बिजली के बिल में फिक्स्ड चार्ज और मिनिमम चार्ज का समायोजन किये जाने का प्रस्ताव पारित किया है। व्यापारियों के बच्चों की स्कूल-कालेज की फीस में तीन महीने के लिए 50 प्रतिशत की छूट देने के प्रस्ताव पर भी मुहर लगाई है। वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों को भवन कर, जल कर आदि में तीन महीने 30 से 50 फीसद तक छूट दिये जाने के प्रस्ताव को भी बोर्ड ने मंजूरी दी है। यह प्रस्ताव भी पारित हुआ कि कोरोना महामारी के कारण रजिस्टर्ड व्यापारी की मौत होने पर उसे दुर्घटना से मृत्यु मानते हुए ऐसे मामलों में व्यापारी दुर्घटना बीमा योजना का लाभ दिया जाए।
उत्तर प्रदेश व्यापारी कल्याण बोर्ड ने यह प्रस्ताव भी पारित किया है कि 40 लाख से पांच करोड़ रुपये टर्नओवर वाले मध्यमवर्गीय कारोबारियों को उनके टर्नओवर की 10 प्रतिशत राशि 7.5 प्रतिशत ब्याज पर दो से तीन वर्ष के लिए लोन के रूप में उपलब्ध करायी जाए। साथ ही, पहले से लिये गए ऋण पर लॉकडाउन की तीन माह की अवधि के दौरान ब्याज में 30 से 50 प्रतिशत तक छूट दी जाए। दैवी आपदा, आपराधिक घटनाओं, आगजनी व दंगे आदि से पीडि़त व्यापारी को आर्थिक सहायता देने के लिए 250 करोड़ रुपये की धनराशि से मुख्यमंत्री व्यापारी आपदा राहत कोष का गठन कर क्षति की 20 प्रतिशत राशि राहत के रूप में प्रदान करने के प्रस्ताव पर भी मुहर लगी।
बोर्ड ने प्रदेश में मंडी शुल्क को समाप्त करने की मांग करते हुए मंडियों के रखरखाव के लिए आधे से एक प्रतिशत यूजर चार्ज या विकास शुल्क वसूलने का प्रस्ताव भी पारित किया। मौजूदा परिस्थितियों के अनुसार उप्र साहूकारी अधिनियम और बांट माप अधिनियम में संशोधन कर उन्हें व्यावहारिक बनाये जाने के प्रस्ताव को भी अनुमोदित किया। गर्ग ने बताया कि बोर्ड से पारित प्रस्ताव शासन को भेजे जाएंगे। बैठक में बोर्ड के उपाध्यक्ष पुष्पदंत जैन, अशोक गोयल, मनीष गुप्ता सहित सदस्य दिलीप सेठ, अशोक मोतियानी, सुनील गुप्ता, हर्ष पाल कपूर, अमरनाथ मिश्रा आदि ने विचार व्यक्त किये।
जीएसटी काउंसिल में नामित किये जाएं व्यापार-उद्योग जगत के प्रतिनिधि : उत्तर प्रदेश व्यापारी कल्याण बोर्ड की बैठक में जीएसटी काउंसिल में व्यापार और उद्योग जगत के कम से कम दो प्रतिनिधियों को नामित किये जाने के प्रस्ताव को भी पारित किया गया। व्यापारियों की कठिनाइयों के मद्देनजर जीएसटी के सर्वर की तकनीक अपडेट कर उसकी क्षमता बढ़ाने सहित 25 सुझावात्मक बिंदुओं से जुड़े प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई।