Move to Jagran APP

Gangwar in Chitrakoot Jail: आसान नहीं कुख्यातों के मंसूबों पर नकेल, जांच में कई सुरक्षा खामियां उजागर

Gangwar in Chitrakoot Jail चित्रकूट कांड ने एक बार फिर कारागारों की सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर बड़े सवाल खड़े किए हैं तो साजिशें की परतें अब तक खुल भी नहीं सकी हैं। चित्रकूट जेल के सीसीटीवी कैमरे भी खराब थे। कई अन्य जेलों में लगे सीसीटीवी कैमरे भी खराब हैं।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Sun, 16 May 2021 07:00 AM (IST)Updated: Sun, 16 May 2021 12:18 PM (IST)
Gangwar in Chitrakoot Jail: आसान नहीं कुख्यातों के मंसूबों पर नकेल, जांच में कई सुरक्षा खामियां उजागर
चित्रकूट जेल में गैंगवार केस की जांच में जेलों में सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर कई खामियां उजागर हुई हैं।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश की जेलों में जिस तरह अपराधियों को आसानी से असलहे हासिल हो रहे हैं, उससे साफ है कि सलाखों के पीछे कुख्यातों के मंसूबों पर नकेल कसना आसान नहीं है। चित्रकूट कांड ने एक बार फिर कारागारों की सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर बड़े सवाल खड़े किए हैं तो साजिशें की परतें अब तक खुल भी नहीं सकी हैं। चित्रकूट जेल के सीसीटीवी कैमरे भी खराब थे। कई अन्य जेलों में लगे सीसीटीवी कैमरे भी खराब हैं।

loksabha election banner

कारागार मुख्यालय स्तर से एक बार फिर जेलों की सुरक्षा-व्यवस्था की नई सिरे से समीक्षा शुरू हो गई है। सूबे में पांच हाई सिक्योरिटी जेलों को वजूद में लाकर कुख्यातों को वहां कड़े पहरे में रखे जाने के कदम तेज किए जाएंगे। हालांकि फिलवक्त चित्रकूट जेल में रची गए गहरे षड्यंत्र की गुत्थी पुलिस सुलझा नहीं सकी है। कारागार की सुरक्षा को सुधारने के लिए एक बार फिर मंथन शुरू हुआ है।

चित्रकूट जेल में अंशू दीक्षित और मेराज एक ही हाते में कैद थे, लेकिन अलग-अलग बैरक में। मुकीम दूसरे हाते में था। इसके बावजूद अंशू ने किस तरह जेल की भीतरी सुरक्षा की हर परत को तार-तार किया, इसे लेकर अधिकारियों के पास ठोस जवाब नहीं हैं। चित्रकूट जेल में शुक्रवार सुबह हुई वारदात के बाद जब अधिकारियों की आंख खुली तो जांच में कई कमियां सामने आईं। बंदियों की सुरक्षा के नियमों की लगातार अनदेखी हो रही है। बंदियों के एक स्थान से दूसरे स्थान तथा एक बैरक से दूसरी बैरक में आने-जाने को पूरी तरह प्रतिबंधित नहीं किया जा रहा है। मूवमेंट रजिस्टर नहीं बनाए गए हैं।

संवेदनशील स्थलों पर जवाबदेह कर्मियों की तैनाती भी नहीं है। कारागार में कोई एक अधिकारी उपस्थित रहे, यह सुनिश्चित नहीं किया जा रहा है। संवेदनशील बंदियों तथा उनके कक्ष, बैरकों, अहातों की नियमित रूप से प्रभावी तलाशी भी नहीं की जा रही है। बंदियों के सामानों की नियमानुसार सघन तलाशी की भी अनदेखी हो रही है। इसके लिए उपलब्ध उपकरणों का प्रयोग तक नहीं हो रहा है। चित्रकूट जेल में हुई घटना इन्हीं नियमों की घोर अनदेखी का परिणाम है।

डीजी जेल आनन्द कुमार का कहना है कि सीसीटीवी कैमरे का मेंटीनेंस करने वाली कार्यदायी संस्था के कर्मचारी कोरोना संक्रमण के चलते बीते दिनों जेलों में नहीं पहुंच सके थे। सभी जेलों के खराब सीसीटीवी कैमरों को जल्द दुरुस्त कराने के लिए कड़े निर्देश दिए गए हैं। उनका कहना है कि लखनऊ, आजमगढ़, चित्रकूट, बरेली व गौतमबुद्धनगर जेलों को हाई सिक्योरिटी जेलों में तब्दील करने का काम भी कोरोना संक्रमण के चलते प्रभावित हुआ है। इन जेलों में जल्द अत्याधुनिक उपकरण लगवाकर वहां कुख्यातों को बंद कर उनकी कड़ी निगरानी की व्यवस्था शुरू की जाएगी।

डीजी जेल ने दिए ये निर्देश

  • हाई सिक्योरिटी बैरक के बंदियों को एक साथ कतई न खोला जाए।
  • सुरक्षा के लिए जारी आदेशों का कड़ाई से अनुपालन हो।
  • मुलाकात व्यवस्था बंद है, जिसे सख्ती से सुनिश्चित किया जाए।
  • तलाशी व सर्विलांस के सभी उपकरण 24 घंटे क्रियाशील रहें।
  • जेल गेट पर सभी आगन्तुकों समेत स्टाफ की भी तलाशी हो।
  • सीसीटीवी कैमरे सभी संवेदनशील स्थानों पर अनिवार्य रूप से लगाया जाएं।
  • कैमरों को बड़े अपराधियों पर फोकस किया जाए।
  • कारागार में हर समय एक अधिकारी मौजूद रहे।
  • हाई सिक्योरिटी बैरक के बंदियों का मूवमेंट कारण समेत एक रजिस्टर में अनिवार्य रूप से दर्ज किया जाए।
  • कम से कम डिप्टी जेलर के हस्ताक्षर व जेलर की मौखिक अनुमति के बाद ही बंदियों को निकाला जाए।
  • हाई सिक्योरिटी बैरकों की नियमित तलाशी भी हो।
  • जो अस्थाई जेलें पूरी तरह जेल अधिकारियों की सुरक्षा व नियंत्रण में चल रही हैं, उनकी सुरक्षा जेल वार्डर के अधीन हो और होमगार्ड न लगाए जाएं।

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.