32 लाख प्रवासी श्रमिकों में से सात लाख कुशल, औद्योगिक संस्थाओं को योगी सरकार ने सौंपा ब्योरा
लॉकडाउन की वजह से दूसरे राज्यों में फंसे उत्तर प्रदेश के जिन प्रवासियों को योगी सरकार उत्तर प्रदेश वापस लाई अब उनका पूरा ब्योरा तैयार है।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। लॉकडाउन की वजह से दूसरे राज्यों में फंसे उत्तर प्रदेश के जिन प्रवासियों को योगी सरकार उत्तर प्रदेश वापस लाई, अब उनका पूरा ब्योरा तैयार है। अब तक वापस आए सभी श्रमिक-कामगारों की स्किल मैपिंग का काम पूरा हो चुका है और अब इन सभी को रोजगार देने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। सात लाख कुशल श्रमिक-कामगार सहित सभी का डेटा सरकार ने उद्योगों को भेज दिया है।
कोरोना संक्रमण का प्रसार रोकने के लिए जब देशभर में लॉकडाउन की घोषणा हुई तो देश के प्रवासी श्रमिक-कामगार विभिन्न राज्यों में फंस गए। इनकी परेशानी को देखते हुए सबसे पहले योगी सरकार ने फैसला किया। फिर श्रमिक स्पेशल ट्रेन और बसों के माध्यम से इन्हें प्रदेश वापस लाया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तभी कह दिया था कि जो भी लोग प्रदेश में वापस आ रहे हैं, इन सभी के लिए यहीं पर रोजगार की व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए सभी क्वारंटाइन सेंटरों में स्किल मैपिंग शुरू कराई गई। सरकार यह डेटा तैयार कर लेना चाहती थी कि इन श्रमिक-कामगारों में कितने कुशल हैं और कितने अकुशल, ताकि उनकी क्षमता के अनुसार रोजगार की व्यवस्था की जा सके।
प्रमुख सचिव सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम एवं निर्यात प्रोत्साहन डॉ. नवनीत सहगल ने बताया कि श्रमिक-कामगार आते रहे और उनकी स्किल मैपिंग होती रही। हर दिन सूची को अपडेट किया जाता रहा। अब तक लगभग 32 लाख की स्किल मैपिंग हो चुकी है। इस बीच सरकार ने फिक्की, आइआइए, लघु उद्योग भारती और नरेडको के साथ 11 लाख श्रमिक-कामगारों को रोजगार दिलाने का एमओयू साइन किया। डॉ. सहगल ने बताया कि अब तक हुई स्किल मैपिंग में सात लाख कुशल और बाकी अकुशल हैं। जहां जैसी जरूरत होगी, उसके हिसाब से सभी को नौकरी दिलाना शुरू कर देंगे। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने भी और डिमांड पता करने के लिए उद्योगों का सर्वे कराने के लिए भी कहा है।