ट्रॉमा से निजी सेंटर में मरीज भेजने पर सीनियर रेजिडेंट बर्खास्त
केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर से मरीज को भेजा जा रहा था निजी अस्पताल जांच के बाद निलंबित हुआ डॉक्टर।
लखनऊ, जेएनएन। केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में निजी अस्पताल में मरीज भेजने का धंधा चल रहा था। ऐसे में पकड़े गए रेजीडेंट डॉक्टर को नौकरी से निकाल दिया गया। प्रॉक्टर ने उसकी सेवाएं समाप्त करने का दावा किया।
ट्रॉमा में आठ फरवरी को निजी अस्पताल में मरीज रेफर करने का भंडाफोड़ हुआ था। इसमें क्रिटिकल केयर मेडिसिन (सीसीएम) विभाग का रेजीडेंट ड्यूटी छोड़कर निजी अस्पताल के कर्मियों संग धंधे में लिप्त पाया गया। वह ऊपरी तल पर वेंटिलेटर यूनिट के बजाय भूतल पर हॉल में स्ट्रेचर पर लेटे मरीजों को देख रहा था। उन्हें बेड फुल बताकर प्राइवेट रेफर कर रहा था। ट्रॉमा सीएमएस और प्रॉक्टर ने रंगे हाथ डॉक्टर और निजी कर्मियों को पकड़ा था। मरीजों के परिवारजनों ने लिखित शिकायत की थी। वहीं चौक कोतवाली को एफआइआर के लिए पत्र भी भेजा गया। प्रॉक्टर प्रो. आरएस कुशवाहा के मुताबिक, रेजीडेंट डॉ. दीपक गुप्ता को नौकरी से निकाल दिया गया।
डॉक्टरों को मनाने में जुटे अफसर : ट्रॉमा सेंटर में इमरजेंसी ड्यूटी को लेकर अफसर डॉक्टरों को मना रहे हैं। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सुरेश कुमार के मुताबिक, अधिकारियों व शिक्षकों की वार्ता हुई है। ऐसे में ड्यूटी पर सहमति बनने के आसार हैं।
रेफर मरीजों का भरना होगा ब्योरा
ट्रॉमा सीएमएस डॉ. संतोष कुमार के मुताबिक, मरीजों को रेफर करने के लिए डॉक्टरों की जवाबदेही बढ़ा दी गई है। ट्रॉमा में संचालित हर विभाग की यूनिट में रेफरेंस रजिस्टर बनाने का निर्देश दिया गया है। कुछ यूनिटों में रजिस्टर बन भी गया है। इसमें रेफर करने वाले डॉक्टर के हस्ताक्षर, रेफर का कारण व अस्पताल का नाम लिखना होगा।